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Varanasi Mehmood Murder Case : साड़ी कारोबारी की हत्या में महिला समेत 3 लोग गिरफ्तार, अगवा करके की गई थी हत्या

Varanasi Mehmood Murder: जनपद में लाइफ बीमा के बहाने साड़ी कारोबारी की हत्या कर शव को गंगा नदी में फेंक दिया गया. पुलिस ने इस हत्या के मामले में एक महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

3 आरोपी गिरफ्तार
3 आरोपी गिरफ्तार
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Published : Jan 18, 2023, 9:54 PM IST

वाराणसीः जनपद के भेलुपर थाना क्षेत्र में 14 जनवरी को साड़ी कारोबारी महमूद आलम को अगवा कर तीन लोगों ने हत्या कर दी थी. शव को चुनार पुल के पास गंगा नदी में फेंक दिया था. अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह इस घटना का खुलासा कर बुधवार को 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया.

दरअसल, 14 जनवरी को महमूद आलम के पुत्र फैजान अपने पिता महमूद आलम के अपहरण की आशंका जताते हुए भेलुपर थाने में तहरीर दी थी. वहीं, पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन द्वारा घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुये सर्विलांस व क्राइम ब्रान्च व थाना भेलुपुर पुलिस टीम को घटना के अनावरण और महमूद आलम की बरामदगी के लिए निर्देशित कर दिया था. इस दौरान क्राइम ब्रांच व भेलूपुर पुलिस टीम ने सर्विलांस व सीसीटीवी फुटेज की मदद और मुखबिर की सूचना के आधार पर घटना में शामिल 3 अभियुक्त अनिरुद्ध पाण्डेय उर्फ अनुराग उर्फ अन्नू और अंजली पाण्डेय उर्फ दिव्या सिंह व प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम को गिरफ्तार कर लिया है.

इस संबंध में अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तीनों अभिऊक्तों ने जुर्म को स्वीकार कर लिया है. पुलिस की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम पहले साइंस सिटी से जुड़ा हुआ था. परंतु कंपनी के भाग जाने के बाद से वह चौक में साड़ी आदि का काम करने लगा. उसी दौरान मार्केट में अपहृत महबूब आलम के बारे में जानकारी हुई. अभियुक्त प्रवीण उर्फ प्रेम चौहान ने अपने साथी अनिरुद्ध पाण्डेय व उसकी पत्नी दिव्या सिंह उर्फ अंजली पाण्डेय के साथ मिलकर महबूब आलम का अपहरण कर पैसा वसूलने की योजना बनायी. इस योजना के तहत दिव्या सिंह उर्फ अंजली पाण्डेय ने महबूब आलम से मुलाकात कर लाइफ इंश्योरेंस में बीमा आदि कराने की बात कर परिचय किया. इसके बाद धीरे-धीरे व्हाट्सएप कॉल कर अपना संपर्क बढ़ाया.

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस दौरान अंजली ने 13 जनवरी को दाल मंडी से नया फोन खरीदा और 14 जनवरी को प्रवीण उर्फ प्रेम चौहान अपनी कार से अनिरुद्ध पाण्डेय और अंजलि को साथ लेकर बस अड्डा पहुंचा. जहां उन्होंने एक फर्जी सिम खरीद कर दिव्या से फोन करा कर अपहृत महमूद आलम को बुलवाया. महमूद आलम ने किसी काम के सिलसिले में बीएचयू में होना बताया. इसके बाद इन लोगों ने महमूद को विश्वनाथ मंदिर बीएचयू परिसर में बुलाया. जहां महमूद आलम के स्कूटी से वहां पहुंचने पर दिव्या ने उसे बुलाकर कार में बैठा लिया. इसके बाद इन लोगों के कहने पर महमूद ने घर से 8 लाख रुपये मंगाने के लिए बेटे को फोन करवाया. फोन पर महमूद ने बेटे से मुश्किल में होने एवं 8 लाख रुपये की व्यवस्था करने की बात कही. बेटे द्वारा जानकारी मांगने पर अभियुक्तों ने फोन स्वीच ऑफ करा दिया.

वहीं इसके बाद तीनो अभियुक्तों ने महमूद आलम से उसके एटीएम का पिन पूछ कर बाबतपुर के पास एटीएम से 90 हजार रुपये निकाले. इसके बाद जौनपुर हाईवे पर जलालपुर केराकत होते हुए चंदवक आकर गोमती नदी में मोबाइल फोन फेंक दिया. वहीं, से गाजीपुर रोड से वापस लौटते हुए रिंग रोड मोहनसराय आखरी होते हुए चुनार के पास गंगा नदी पुल के पास महमूद आलम की दुपट्टा और मोबाइल के डाटा केबल से गला कसकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को चुनार गंगा पुल से नदी में फेंक कर रामनगर पहुंचे. जहां पर दोबारा एटीएम से 90 हजार रुपये निकाले. इसके बाद तीसरी बार एटीएम से 10 हजार रुपये निकालकर एटीएम को तोड़ कर फेंक दिया.

अपर पुलिस पुलिस ने बताया की अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर अपहृत महमूद आलम की हत्या कर चुनार पुल से गंगा नदी में फेके जाने का स्थान को चिन्हित कर गोताखोरो की मदद से शव की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, तीनो अभियुक्तों के पास से घटना में प्रयोग की गई कार व एटीएम से निकाले गए रूपये को बरामद कर लिया गया है.

यह भी पढ़ें- Murder case in Kannauj: हत्या के मामले में दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

वाराणसीः जनपद के भेलुपर थाना क्षेत्र में 14 जनवरी को साड़ी कारोबारी महमूद आलम को अगवा कर तीन लोगों ने हत्या कर दी थी. शव को चुनार पुल के पास गंगा नदी में फेंक दिया था. अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह इस घटना का खुलासा कर बुधवार को 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया.

दरअसल, 14 जनवरी को महमूद आलम के पुत्र फैजान अपने पिता महमूद आलम के अपहरण की आशंका जताते हुए भेलुपर थाने में तहरीर दी थी. वहीं, पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन द्वारा घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुये सर्विलांस व क्राइम ब्रान्च व थाना भेलुपुर पुलिस टीम को घटना के अनावरण और महमूद आलम की बरामदगी के लिए निर्देशित कर दिया था. इस दौरान क्राइम ब्रांच व भेलूपुर पुलिस टीम ने सर्विलांस व सीसीटीवी फुटेज की मदद और मुखबिर की सूचना के आधार पर घटना में शामिल 3 अभियुक्त अनिरुद्ध पाण्डेय उर्फ अनुराग उर्फ अन्नू और अंजली पाण्डेय उर्फ दिव्या सिंह व प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम को गिरफ्तार कर लिया है.

इस संबंध में अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तीनों अभिऊक्तों ने जुर्म को स्वीकार कर लिया है. पुलिस की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम पहले साइंस सिटी से जुड़ा हुआ था. परंतु कंपनी के भाग जाने के बाद से वह चौक में साड़ी आदि का काम करने लगा. उसी दौरान मार्केट में अपहृत महबूब आलम के बारे में जानकारी हुई. अभियुक्त प्रवीण उर्फ प्रेम चौहान ने अपने साथी अनिरुद्ध पाण्डेय व उसकी पत्नी दिव्या सिंह उर्फ अंजली पाण्डेय के साथ मिलकर महबूब आलम का अपहरण कर पैसा वसूलने की योजना बनायी. इस योजना के तहत दिव्या सिंह उर्फ अंजली पाण्डेय ने महबूब आलम से मुलाकात कर लाइफ इंश्योरेंस में बीमा आदि कराने की बात कर परिचय किया. इसके बाद धीरे-धीरे व्हाट्सएप कॉल कर अपना संपर्क बढ़ाया.

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस दौरान अंजली ने 13 जनवरी को दाल मंडी से नया फोन खरीदा और 14 जनवरी को प्रवीण उर्फ प्रेम चौहान अपनी कार से अनिरुद्ध पाण्डेय और अंजलि को साथ लेकर बस अड्डा पहुंचा. जहां उन्होंने एक फर्जी सिम खरीद कर दिव्या से फोन करा कर अपहृत महमूद आलम को बुलवाया. महमूद आलम ने किसी काम के सिलसिले में बीएचयू में होना बताया. इसके बाद इन लोगों ने महमूद को विश्वनाथ मंदिर बीएचयू परिसर में बुलाया. जहां महमूद आलम के स्कूटी से वहां पहुंचने पर दिव्या ने उसे बुलाकर कार में बैठा लिया. इसके बाद इन लोगों के कहने पर महमूद ने घर से 8 लाख रुपये मंगाने के लिए बेटे को फोन करवाया. फोन पर महमूद ने बेटे से मुश्किल में होने एवं 8 लाख रुपये की व्यवस्था करने की बात कही. बेटे द्वारा जानकारी मांगने पर अभियुक्तों ने फोन स्वीच ऑफ करा दिया.

वहीं इसके बाद तीनो अभियुक्तों ने महमूद आलम से उसके एटीएम का पिन पूछ कर बाबतपुर के पास एटीएम से 90 हजार रुपये निकाले. इसके बाद जौनपुर हाईवे पर जलालपुर केराकत होते हुए चंदवक आकर गोमती नदी में मोबाइल फोन फेंक दिया. वहीं, से गाजीपुर रोड से वापस लौटते हुए रिंग रोड मोहनसराय आखरी होते हुए चुनार के पास गंगा नदी पुल के पास महमूद आलम की दुपट्टा और मोबाइल के डाटा केबल से गला कसकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को चुनार गंगा पुल से नदी में फेंक कर रामनगर पहुंचे. जहां पर दोबारा एटीएम से 90 हजार रुपये निकाले. इसके बाद तीसरी बार एटीएम से 10 हजार रुपये निकालकर एटीएम को तोड़ कर फेंक दिया.

अपर पुलिस पुलिस ने बताया की अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर अपहृत महमूद आलम की हत्या कर चुनार पुल से गंगा नदी में फेके जाने का स्थान को चिन्हित कर गोताखोरो की मदद से शव की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, तीनो अभियुक्तों के पास से घटना में प्रयोग की गई कार व एटीएम से निकाले गए रूपये को बरामद कर लिया गया है.

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