संभल : शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने भारतीय पुरातत्व विभाग को पत्र लिख कर रमजान पर रंगाई-पुताई, साफ-सफाई और सजावट के लिए अनुमति मांगी है.
मस्जिद के सदर जफर अली ने बताया कि ASI से परमिशन मांगी गई है. वैसे तो सैकड़ों वर्षों से शाही जामा मस्जिद की रंगाई, पुताई, साफ-सफाई और सजावट होती आई है. कभी ASI से परमिशन नहीं मांगी गई है. न ही कभी उन्होंने एतराज जाहिर किया. सिर्फ शहर में शांति-अमन बरकरार रहे, इसलिए परमिशन लेना मुनासिब समझा. पवित्र रमजान से इजाजत मांगी है.
क्या पहले ASI ने कोई मुकदमा दर्ज कराया है? के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2018 में लोगों की सुविधा के लिए ग्रिल लगाई थी. कहा कि जिस तरह से सैकड़ों साल से रमजान के पवित्र मौके पर शाही जामा मस्जिद में सजावट होती चली आ रही है, उसके लिए हमें आदेश दे दें, ताकि हम पवित्र रमजान के सारे कार्य करा सकें.
बता दें कि संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी बवाल हुआ था. उसके बाद अब पहली बार रमजान से पूर्व जामा मस्जिद कमेटी की ओर से ASI को पत्र लिखकर मस्जिद की रंगाई और पुताई की अनुमति मांगी गई है. इस क्रम में बता दें कि 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने शहर में 300 कैमरे लगाने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी संदिग्ध पर नजर रखी जा सके. इसके लिए 2 करोड़ रुपये का बजट भी रखा गया है.
संभल में 2 करोड़ रुपए की लागत से लगाए जाएंगे 300 CCTV कैमरे: संभल हिंसा के बाद जिला प्रशासन फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है. इसी के मद्देनजर प्रशासन पूरे संभल शहर में 2 करोड़ रुपए की लागत से 300 CCTV कैमरे लगा रहा है. इस मामले में संभल नगर पालिका परिषद के EO डॉ. मणि भूषण तिवारी ने बताया कि संभल त्रिनेत्र समिति की बैठक हुई थी, जिसमें 15वें वित्त आयोग के ग्रांट के तहत 2 करोड़ के CCTV कैमरे सिटी सर्विलांस के तहत लगाने जा रहे हैं. DM द्वारा 15 वें वित्त आयोग के तहत इस योजना को प्रस्तावित किया जा रहा है. बताया कि यह CCTV कैमरे पुलिस के साथ आइडेंटिफाई किए गए 127 स्थानों पर 300 कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी लागत लगभग दो करोड़ रुपए होगी.