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जी-20 के लिए दुल्हन की तरह सजा बनारस क्या जून तक रह पाएगा हरा-भरा

जी-20 देशों से अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल बनारस फिर से आएगा.जिसे लेकर बनारस को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पूरे शहर में 15 से 20 दिन के अंदर लाखों पेड़-पौधे लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की सुंदरता देखते ही बन रही है.शहर में लाखों की संख्या में लगाए गए पौधे शहर की हरियाली के साथ आबोहवा को भी बेहतर करने का काम कर रहे हैं.

बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
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Published : Apr 21, 2023, 9:54 PM IST

जी-20 की 100 वीं बैठक के लिए बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे

वाराणसी: इन दिनों बनारस में विकास के साथ शहर की सुंदरता को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि हाल ही में 17 से 19 अप्रैल तक जी-20 देशों की कृषि आधारित बैठक संपन्न हुई है. अब जून में फिर अगस्त में दो और बैठकें प्रस्तावित हैं. इन दोनों बैठकों में भी जी-20 देशों से अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल बनारस फिर से आएगा. विदेशी मेहमानों के स्वागत के साथ ही देश के बड़े वीआईपी का आगमन भी बनारस में होगा.

शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे
शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे

जिसे लेकर बनारस को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. अब जून में होने वाली बैठक के लिए पूरा महकमा फिर से जुटने जा रहा है. इसके पहले बनारस को हरा-भरा बनाने के लिए पूरे शहर में 15 से 20 दिन के अंदर लाखों पेड़-पौधे लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की सुंदरता देखते ही बन रही है.

इसकी बड़ी वजह यह भी है कि शहर में लाखों की संख्या में लगाए गए पौधे शहर की हरियाली के साथ आबोहवा को भी बेहतर करने का काम कर रहे हैं. इसमें शहर के डिवाइडर, रोड साइड शहर की खाली पड़ी जगह और फ्लाईओवर के नीचे के साथ हर जगह पर पेड़ पौधे लगाने का काम किया गया है. जहां पर सरकारी तंत्र को खाली जमीन दिखाई दे रही थी, वहां बड़े-बड़े गमलों में सुंदर पौधे और अलग-अलग राज्यों से फूलों के पौधे मंगवा कर लगाए गए हैं, ताकि सुंदरता बनी रहे.

शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे
शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे

लेकिन, इन सबके बीच पड़ रही भीषण गर्मी प्रसाशन की सारी मेहनत पर पानी फेर रही है और सवाल यह उठ रहा है कि हमेशा की तरह पौधे तो लगा दिए गए लेकिन इनका संरक्षण कैसे होगा? आखिर कौन करेगा इन पौधों की निगरानी? और कैसे बचेंगे यह पौधे? ताकि शहर हरा भरा रहे और सुंदर दिखे. दरअसल, इस बार पौधे लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम को मिली है.

शहर के नौ अलग-अलग क्षेत्र में जहां भी जी-20 देशों के मेहमानों को जाना है या वहां मेहमान होकर आए हैं. उन जगहों पर लगभग लाखों पौधों को लगाने का टारगेट रखा गया. इसमें लगभग 2 लाख पौधे फ्लाईओवर के नीचे, दो लाख के आसपास डिवाइडर पर और हाईवे साइड पर भी लगभग 2 लाख पौधों के साथ पूरे शहर में 1 लाख पौधे खाली पड़े स्थानों पर लगाए गए है. इसके लिए पहले फेज में लगभग 3000 से ज्यादा गमले खरीदे गए, जबकि अभी और गमले आने बाकी हैं.

सड़क किनारे लगे पौधे
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़कों के किनारे लग गमलें
सड़कों के किनारे लग गमलें
गर्मी से सूख रहे पौधे: हकीकत क्या है वह किसी से छिपी नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने जब शहर के अलग-अलग इलाकों में लगे इन पौधों के हालात का जायजा लिया, तो कुछ पौधे तो पूरी तरह से सूख चुके थे और कुछ की सिर्फ डांडिया दिख रही थी. वहीं, कुछ की पत्तियां पूरी तरह से दम तोड़ चुकी थी. यह हालात सिर्फ इसलिए थे कि गर्मी में तापमान अभी से 40 डिग्री के पार हो चुका है और भीषण गर्मी अभी लगभग 2 महीने तक ऐसे ही पड़ने वाली है. मानसून में लगने वाले पौधों को गर्मी के सीजन में लगाकर पैसे की बर्बादी तो हुई ही साथ ही शहर की सुंदरता के नाम पर बड़ा सरकारी बजट भी इस्तेमाल कर लिया गया.
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़कों के किनारे लग गमलें
सड़कों के किनारे लग गमलें
इन सबके बीच सवाल यह भी है कि आखिर गर्मी में लगे यह पौधे सुरक्षित कैसे रहेंगे और क्या जून और अगस्त में होने वाली बैठक से पहले ही दम तोड़ देंगे. इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए जब हमने नगर निगम वाराणसी के उद्यान अधीक्षक कृपा शंकर पांडेय से बातचीत की तो उनका कहना था कि इसे लेकर प्लानिंग की गई है. टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के साथ पौधों की देखरेख करने के लिए एक कंपनी को हायर किया गया है. यह कंपनी इन पौधों को पानी देने के साथ ही खराब पौधों को हटाने और नए पौधों को लगाने का काम कर रही है. जब तक यह बैठकें खत्म नहीं हो जाती, तब तक पूरी देखरेख की जाएगी. बैठकों के खत्म होने के बाद भी 2 साल तक का कॉन्ट्रैक्ट आगे चलता रहेगा, ताकि यह पौधे स्टैबलिश हो जाएं और शहर की आबोहवा और हरियाली भी बढ़ जाए.
बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
डिवाइडर पर स्टैड बनाकर लगे पौधे
डिवाइडर पर स्टैड बनाकर लगे पौधे
वहीं, अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार का कहना है कि पैसे खर्च हुए हैं और इन पैसों के खर्च होने के बाद इनको आगे भी इसी तरह सुरक्षित और सुंदर रखने के लिए प्लानिंग की जा रही है. शहर के अधिकांश इलाकों में इन पौधों को और पेड़ों को लगाया जा रहा है. शहर भर में बड़े-बड़े गमलों में सुंदर-सुंदर पौधे बड़े-बड़े पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है, ताकि शहर के डिवाइडर और शहर किनारे पड़ी खाली जगह का सही इस्तेमाल हो और लोग अतिक्रमण ना करें इन पौधों के लगने के बाद शहर की सुंदरता तो बड़ी है, साथ ही लोग खुद भी पौधों की सुरक्षा कर रहे हैं. फिलहाल सरकारी दावे जो भी हो लेकिन, इस भीषण गर्मी में इन पौधों को सुरक्षित रखना मुश्किल है. इसमें कोई दोहराए नहीं है और पौधों में पानी पड़ने के बाद यह पूरी तरह से सूख रहे हैं और भीषण गर्मी में पत्तियां जलकर खराब हो रही हैं. जिसे नगर निगम और उद्यान विभाग कैसे सुरक्षित रखता है. यह देखने वाली बात होगी.
जी 20 के लोगों से बनाया गया बगीचाइ
जी 20 के लोगों से बनाया गया बगीचा
यह भी पढ़ें: वाराणसी में है एक अनोखी लाइब्रेरी, जहां मिलती हैं इस खास भाषा की किताबें

जी-20 की 100 वीं बैठक के लिए बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे

वाराणसी: इन दिनों बनारस में विकास के साथ शहर की सुंदरता को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि हाल ही में 17 से 19 अप्रैल तक जी-20 देशों की कृषि आधारित बैठक संपन्न हुई है. अब जून में फिर अगस्त में दो और बैठकें प्रस्तावित हैं. इन दोनों बैठकों में भी जी-20 देशों से अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल बनारस फिर से आएगा. विदेशी मेहमानों के स्वागत के साथ ही देश के बड़े वीआईपी का आगमन भी बनारस में होगा.

शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे
शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे

जिसे लेकर बनारस को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. अब जून में होने वाली बैठक के लिए पूरा महकमा फिर से जुटने जा रहा है. इसके पहले बनारस को हरा-भरा बनाने के लिए पूरे शहर में 15 से 20 दिन के अंदर लाखों पेड़-पौधे लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की सुंदरता देखते ही बन रही है.

इसकी बड़ी वजह यह भी है कि शहर में लाखों की संख्या में लगाए गए पौधे शहर की हरियाली के साथ आबोहवा को भी बेहतर करने का काम कर रहे हैं. इसमें शहर के डिवाइडर, रोड साइड शहर की खाली पड़ी जगह और फ्लाईओवर के नीचे के साथ हर जगह पर पेड़ पौधे लगाने का काम किया गया है. जहां पर सरकारी तंत्र को खाली जमीन दिखाई दे रही थी, वहां बड़े-बड़े गमलों में सुंदर पौधे और अलग-अलग राज्यों से फूलों के पौधे मंगवा कर लगाए गए हैं, ताकि सुंदरता बनी रहे.

शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे
शहर को हरा भरा बनाने के लिए लगे पौधे

लेकिन, इन सबके बीच पड़ रही भीषण गर्मी प्रसाशन की सारी मेहनत पर पानी फेर रही है और सवाल यह उठ रहा है कि हमेशा की तरह पौधे तो लगा दिए गए लेकिन इनका संरक्षण कैसे होगा? आखिर कौन करेगा इन पौधों की निगरानी? और कैसे बचेंगे यह पौधे? ताकि शहर हरा भरा रहे और सुंदर दिखे. दरअसल, इस बार पौधे लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम को मिली है.

शहर के नौ अलग-अलग क्षेत्र में जहां भी जी-20 देशों के मेहमानों को जाना है या वहां मेहमान होकर आए हैं. उन जगहों पर लगभग लाखों पौधों को लगाने का टारगेट रखा गया. इसमें लगभग 2 लाख पौधे फ्लाईओवर के नीचे, दो लाख के आसपास डिवाइडर पर और हाईवे साइड पर भी लगभग 2 लाख पौधों के साथ पूरे शहर में 1 लाख पौधे खाली पड़े स्थानों पर लगाए गए है. इसके लिए पहले फेज में लगभग 3000 से ज्यादा गमले खरीदे गए, जबकि अभी और गमले आने बाकी हैं.

सड़क किनारे लगे पौधे
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़कों के किनारे लग गमलें
सड़कों के किनारे लग गमलें
गर्मी से सूख रहे पौधे: हकीकत क्या है वह किसी से छिपी नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने जब शहर के अलग-अलग इलाकों में लगे इन पौधों के हालात का जायजा लिया, तो कुछ पौधे तो पूरी तरह से सूख चुके थे और कुछ की सिर्फ डांडिया दिख रही थी. वहीं, कुछ की पत्तियां पूरी तरह से दम तोड़ चुकी थी. यह हालात सिर्फ इसलिए थे कि गर्मी में तापमान अभी से 40 डिग्री के पार हो चुका है और भीषण गर्मी अभी लगभग 2 महीने तक ऐसे ही पड़ने वाली है. मानसून में लगने वाले पौधों को गर्मी के सीजन में लगाकर पैसे की बर्बादी तो हुई ही साथ ही शहर की सुंदरता के नाम पर बड़ा सरकारी बजट भी इस्तेमाल कर लिया गया.
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़क किनारे लगे पौधे
सड़कों के किनारे लग गमलें
सड़कों के किनारे लग गमलें
इन सबके बीच सवाल यह भी है कि आखिर गर्मी में लगे यह पौधे सुरक्षित कैसे रहेंगे और क्या जून और अगस्त में होने वाली बैठक से पहले ही दम तोड़ देंगे. इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए जब हमने नगर निगम वाराणसी के उद्यान अधीक्षक कृपा शंकर पांडेय से बातचीत की तो उनका कहना था कि इसे लेकर प्लानिंग की गई है. टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के साथ पौधों की देखरेख करने के लिए एक कंपनी को हायर किया गया है. यह कंपनी इन पौधों को पानी देने के साथ ही खराब पौधों को हटाने और नए पौधों को लगाने का काम कर रही है. जब तक यह बैठकें खत्म नहीं हो जाती, तब तक पूरी देखरेख की जाएगी. बैठकों के खत्म होने के बाद भी 2 साल तक का कॉन्ट्रैक्ट आगे चलता रहेगा, ताकि यह पौधे स्टैबलिश हो जाएं और शहर की आबोहवा और हरियाली भी बढ़ जाए.
बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
बनारस में लगाए गए हजारों पेड़-पौधे
डिवाइडर पर स्टैड बनाकर लगे पौधे
डिवाइडर पर स्टैड बनाकर लगे पौधे
वहीं, अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार का कहना है कि पैसे खर्च हुए हैं और इन पैसों के खर्च होने के बाद इनको आगे भी इसी तरह सुरक्षित और सुंदर रखने के लिए प्लानिंग की जा रही है. शहर के अधिकांश इलाकों में इन पौधों को और पेड़ों को लगाया जा रहा है. शहर भर में बड़े-बड़े गमलों में सुंदर-सुंदर पौधे बड़े-बड़े पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है, ताकि शहर के डिवाइडर और शहर किनारे पड़ी खाली जगह का सही इस्तेमाल हो और लोग अतिक्रमण ना करें इन पौधों के लगने के बाद शहर की सुंदरता तो बड़ी है, साथ ही लोग खुद भी पौधों की सुरक्षा कर रहे हैं. फिलहाल सरकारी दावे जो भी हो लेकिन, इस भीषण गर्मी में इन पौधों को सुरक्षित रखना मुश्किल है. इसमें कोई दोहराए नहीं है और पौधों में पानी पड़ने के बाद यह पूरी तरह से सूख रहे हैं और भीषण गर्मी में पत्तियां जलकर खराब हो रही हैं. जिसे नगर निगम और उद्यान विभाग कैसे सुरक्षित रखता है. यह देखने वाली बात होगी.
जी 20 के लोगों से बनाया गया बगीचाइ
जी 20 के लोगों से बनाया गया बगीचा
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