ETV Bharat / state

बनारस में उफनाईं गंगा किसानों को ले डूबी, हजारों बीघा फसल बर्बाद

वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से रमना गांव के किसानों की फसल डूब गई है. ग्रामीणों के पास खाने और जरूरत की चीजे भी खत्म हो गई हैं.

etv bharat
वाराणसी
author img

By

Published : Aug 28, 2022, 6:14 PM IST

वाराणसी: गंगा जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही आफत बढ़ती जा रही है. बारिश न होने से किसानों को नुकसान का अनुमान तो था, लेकिन ऐसी तबाही देखनी पड़ेगी किसी ने नहीं सोचा था. गंगा के रौद्र रूप ने रमना के किसानों का सबकुछ तबाह कर दिया है. बाढ़ में इनके खेत समा गए हैं. अब इनके पास अनाज, सब्जियां कुछ भी नहीं बचे हैं.

दरअसल, वाराणसी स्थित ग्रामसभा रमना में गंगा का पानी(Ganga water in Gram Sabha Ramna) आने से हालात बदतर हो गए हैं. किसानों की फसल चौपट हो गई हैं. खरीफ के सीजन में जहां कहीं कम बारिश से फसल को नुकसान हो रहा था. वहीं, रमना में सारा फसल पानी में डूब गई है. यहां तक कि सब्जी उगाने वाले किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इस बारे में ग्राम प्रधान अमित पटेल बताते हैं कि बाढ़ से रमना ग्राम सभा में हर साल नुकसान(flood in ramana gram sabha) होता है.

बनारस में बाढ़ से हजारों बीघा फसल बर्बाद


हर साल हजारों बीघा फसल बर्बाद: अमित पटेल ने बताया कि हर साल ऐसी ही स्थिति होती है. कई हजार बीघा फसल इसी तरह से पानी में डूब जाती है. किसान ब्याज पर पैसे लेकर अपनी सब्जियां उगाते हैं. किसानों के खेत गंगा के किनारे पर पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि यहां तटबंध न होने की समस्या है. ऐसे में गंगा की बाढ़ का पानी खेतों तक आ जाता है और इसके कारण पूरी सब्जियां जो तैयार होने की कगार पर रहती हैं वो नष्ट हो जाती हैं.

etv bharat
खेतों में बाढ़ का पानी
किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा तो मिल जाता है लेकिन सब्जियों के नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाता है. ऐसे में इसकी भी मांग उठ रही है. ग्राम प्रधान अमित पटेल ने कहा कि किसान कर्ज लेकर सब्जियां उगाने का काम करता है. बाढ़ आने के कारण उसका सारा खेत नष्ट हो जाता है. ऐसे में सरकार को मुआवजा देने का नियम बनाना चाहिए. सब्जियों के नुकसान पर हमें एक रुपये भी नहीं मिलते हैं.
etv bharat
खेतों में बाढ़ का पानी



किसानों को सब्जियां उगाने में कम लागत नहीं आती है. उसकी देखरेख में इतना पैसा लग जाता है कि लागत निकालना मुश्किल हो जाता है. इसी बात पर ग्रामीण श्याम दुलारी कहती हैं कि, सभी सब्जियां बाढ़ के पानी में डूब गई हैं. सेम, करेला, नेनुआ, भिंडी की खेती की थी. 20 हजार रुपये का बांस लेकर आए, 5 हजार रुपये का पुआल लगा, सब बेकार हो गया. बांध न बनने के कारण सारा पानी खेत खराब कर देता है. हमें इसका मुआवजा मिलना चाहिए.

etv bharat
बाढ़ के पानी से निकलते किसान

यह भी पढ़ें:बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

जलशक्ति मंत्री से की है तटबंध की बात: बीते दिन वाराणसी जिले में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह(Jal Shakti Minister Swatantra Dev Singh) का दौरा था. ऐसे में किसानों ने भी उनसे मुलाकात की है. ग्राम प्रधान अमित पटेल ने बताया कि, जल मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आए थे उन्हें तटबंध को लेकर ज्ञापन दिया गया है. साथ ही कहा गया कि रमना की स्थिति को वह खुद देखें. अगर यहां पर तटबंध बना दिया जाता है तो किसानों को राहत मिलेगी. साथ ही मुआवजे की बात भी रखी गई है.

etv bharat
खेतों में बाढ़ के पानी से बर्बाद फसल को देखते किसान

यह भी पढ़ें:खतरे के निशान के ऊपर बनारस में गंगा, हालात जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम

बाढ़ से जनपद के कुल 19 वार्ड, 93 ग्राम सभा सहित कुल 112 ग्राम एवं वार्ड के 11017 लोग प्रभावित हुए हैं. 18 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 2346, राहत शिविर में 3109 सहित कुल 5455 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है. 256.374 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं. इस प्रकार सदर तहसील के नगरीय के 19 वार्ड, 69 ग्राम सभा सहित कुल 88 ग्राम एवं वार्ड के 11017 लोग प्रभावित हुए हैं. 18 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 2346, राहत शिविर में 3109 सहित कुल 5455 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है. 217.137 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं. इसी प्रकार राजातालाब तहसील के अंतर्गत 24 ग्राम सभा प्रभावित हुए हैं. जिसमे 39.237 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं.

यह भी पढ़ें:वाराणसी में खतरे के निशान के ऊपर पहुंची गंगा, अब सड़क पर हो रही है गंगा आरती

वाराणसी: गंगा जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही आफत बढ़ती जा रही है. बारिश न होने से किसानों को नुकसान का अनुमान तो था, लेकिन ऐसी तबाही देखनी पड़ेगी किसी ने नहीं सोचा था. गंगा के रौद्र रूप ने रमना के किसानों का सबकुछ तबाह कर दिया है. बाढ़ में इनके खेत समा गए हैं. अब इनके पास अनाज, सब्जियां कुछ भी नहीं बचे हैं.

दरअसल, वाराणसी स्थित ग्रामसभा रमना में गंगा का पानी(Ganga water in Gram Sabha Ramna) आने से हालात बदतर हो गए हैं. किसानों की फसल चौपट हो गई हैं. खरीफ के सीजन में जहां कहीं कम बारिश से फसल को नुकसान हो रहा था. वहीं, रमना में सारा फसल पानी में डूब गई है. यहां तक कि सब्जी उगाने वाले किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इस बारे में ग्राम प्रधान अमित पटेल बताते हैं कि बाढ़ से रमना ग्राम सभा में हर साल नुकसान(flood in ramana gram sabha) होता है.

बनारस में बाढ़ से हजारों बीघा फसल बर्बाद


हर साल हजारों बीघा फसल बर्बाद: अमित पटेल ने बताया कि हर साल ऐसी ही स्थिति होती है. कई हजार बीघा फसल इसी तरह से पानी में डूब जाती है. किसान ब्याज पर पैसे लेकर अपनी सब्जियां उगाते हैं. किसानों के खेत गंगा के किनारे पर पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि यहां तटबंध न होने की समस्या है. ऐसे में गंगा की बाढ़ का पानी खेतों तक आ जाता है और इसके कारण पूरी सब्जियां जो तैयार होने की कगार पर रहती हैं वो नष्ट हो जाती हैं.

etv bharat
खेतों में बाढ़ का पानी
किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा तो मिल जाता है लेकिन सब्जियों के नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाता है. ऐसे में इसकी भी मांग उठ रही है. ग्राम प्रधान अमित पटेल ने कहा कि किसान कर्ज लेकर सब्जियां उगाने का काम करता है. बाढ़ आने के कारण उसका सारा खेत नष्ट हो जाता है. ऐसे में सरकार को मुआवजा देने का नियम बनाना चाहिए. सब्जियों के नुकसान पर हमें एक रुपये भी नहीं मिलते हैं.
etv bharat
खेतों में बाढ़ का पानी



किसानों को सब्जियां उगाने में कम लागत नहीं आती है. उसकी देखरेख में इतना पैसा लग जाता है कि लागत निकालना मुश्किल हो जाता है. इसी बात पर ग्रामीण श्याम दुलारी कहती हैं कि, सभी सब्जियां बाढ़ के पानी में डूब गई हैं. सेम, करेला, नेनुआ, भिंडी की खेती की थी. 20 हजार रुपये का बांस लेकर आए, 5 हजार रुपये का पुआल लगा, सब बेकार हो गया. बांध न बनने के कारण सारा पानी खेत खराब कर देता है. हमें इसका मुआवजा मिलना चाहिए.

etv bharat
बाढ़ के पानी से निकलते किसान

यह भी पढ़ें:बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

जलशक्ति मंत्री से की है तटबंध की बात: बीते दिन वाराणसी जिले में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह(Jal Shakti Minister Swatantra Dev Singh) का दौरा था. ऐसे में किसानों ने भी उनसे मुलाकात की है. ग्राम प्रधान अमित पटेल ने बताया कि, जल मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आए थे उन्हें तटबंध को लेकर ज्ञापन दिया गया है. साथ ही कहा गया कि रमना की स्थिति को वह खुद देखें. अगर यहां पर तटबंध बना दिया जाता है तो किसानों को राहत मिलेगी. साथ ही मुआवजे की बात भी रखी गई है.

etv bharat
खेतों में बाढ़ के पानी से बर्बाद फसल को देखते किसान

यह भी पढ़ें:खतरे के निशान के ऊपर बनारस में गंगा, हालात जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम

बाढ़ से जनपद के कुल 19 वार्ड, 93 ग्राम सभा सहित कुल 112 ग्राम एवं वार्ड के 11017 लोग प्रभावित हुए हैं. 18 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 2346, राहत शिविर में 3109 सहित कुल 5455 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है. 256.374 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं. इस प्रकार सदर तहसील के नगरीय के 19 वार्ड, 69 ग्राम सभा सहित कुल 88 ग्राम एवं वार्ड के 11017 लोग प्रभावित हुए हैं. 18 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 2346, राहत शिविर में 3109 सहित कुल 5455 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है. 217.137 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं. इसी प्रकार राजातालाब तहसील के अंतर्गत 24 ग्राम सभा प्रभावित हुए हैं. जिसमे 39.237 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं.

यह भी पढ़ें:वाराणसी में खतरे के निशान के ऊपर पहुंची गंगा, अब सड़क पर हो रही है गंगा आरती

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.