वाराणसी: अगले साल अगस्त में जी-20 सम्मेलन होने वाला है और इसे लेकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी तैयारियां चल रही है. लखनऊ, आगरा और वाराणसी समेत कई अन्य शहरों में भी जी-20 के मेहमान पहुंचेंगे और वाराणसी में तो 4 दिन तक इस सम्मेलन का आयोजन किया जाना है. इसमें श्री काशी विश्वनाथ धाम गंगा आरती समेत सारनाथ और कई अन्य स्थलों पर भी जी 20 सम्मेलन में आए राष्ट्राध्यक्ष और मेहमान जाएंगे. इन कार्यक्रमों को लेकर अगस्त से पहले बनारस शहर की तस्वीर बदलने वाली है. इसके लिए मास्टर प्लान तैयार हुआ है. यह मास्टर प्लान जनवरी के मध्य से बनारस के कायाकल्प के रूप में इंप्लीमेंट होना भी शुरू हो जाएगा. इस प्लान के तहत बनारस शहर के एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाट विश्वनाथ मंदिर तक आने वाले हर रास्ते पर मीटर और किलोमीटर के हिसाब से डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार की गई है और स्मार्ट सिटी संग वाराणसी नगर निगम, वाराणसी जिला प्रशासन, वाराणसी विकास प्राधिकरण समेत अन्य विभाग इस पूरे प्लान को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में भी इस उच्च स्तरीय सम्मेलन की कुछ मीटिंग सुनिश्चित की गई है. मीटिंग अगस्त में होने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए काशी को सजाने संवारने की तैयारी शुरू हो गई है. नगर निगम की सहयोगी संस्था स्मार्ट सिटी शहर की सजावट का पूरा खाका खींचने में जुटा हुआ है. इसके लिए कई एक्सपर्ट कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. हालांकि, पूरे प्लान को नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात सोमवार को अंतिम रूप देंगे. इसका पूरा प्रेजेंटेशन तैयार करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने आगामी 29 दिसंबर को रखा जा सकता है. जिस पर सहमति बनने के बाद इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा.
विकास की नई बयार के लिए काशी तैयार. इस बारे में अपर नगर आयुक्त और इस पूरे कार्य की रूपरेखा खींचने के साथ इसकी निगरानी कर रहे राजीव कुमार राय का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को प्रमुख सचिव वाराणसी आ रहे हैं. शहर को देखने के बाद कमिश्नर, डीएम, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभागों के अफसर बैठक करेंगे.अपर नगर आयुक्त ने बताया कि शहरी क्षेत्र के सभी फ्लाईओवर अलग अलग रंग में दिखेंगे. संस्कृत विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ की बाउंड्रीवाल को रंगा जाएगा व चित्रकारी भी होगी. शहर रोशनी से जगमग होगा. घाट किनारे फसाड का प्रयोग होगा. नगर आयुक्त के मुताबिक 29 दिसंबर को शहर के विकास का अंतिम स्वरूप स्पष्ट होगा.निगम प्रमुख चौराहों व प्रमुख सरकारी भवनों से लेकर हर मार्ग पर थीम आधारित रंगाई-पोताई कराई जाएगी, साथ ही पेंटिंग भी होगी. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, कालभैरव, संकटमोचन मंदिर और प्रमुख गंगा घाटों को जोड़ने वाले सभी मार्गों व सारनाथ क्षेत्र जी-20 की प्रस्तावित मीटिंग को स्वच्छ व सुंदर दिखेगा.अपर नगर आयुक्त ने बताया कि वाराणसी को 3 महीने के अंदर एकदम नए रूप में सामने लाने की तैयारी की गई है और यह बिल्कुल कुंभ की तर्ज पर किया जाएगा. जिस तरह से प्रयागराज में कुंभ के आयोजन से पहले पूरे शहर को बदला गया था. उसी तरह बनारस इस जी 20 सम्मेलन से पहले एक नए रूप में नजर आने वाला है. इसके लिए वाराणसी एयरपोर्ट से निकलते ही बनारस की बदली हुई छवि दिखने लगेगी. इस प्लान में पहले 10 मीटर से 20 मीटर फिर 50 मीटर 100 मीटर 1 किलोमीटर के हिसाब से हर निर्धारित मानक के अनुसार सड़कों के कायाकल्प की प्लानिंग की जा रही है. 50 से ज्यादा चौराहों को भव्य तरीके से सजाने की तैयारी की जा रही है शानदार लाइटिंग के साथ ही चौराहों पर बेहतरीन स्ट्रक्चर लगाने का काम भी किया जाएगा. इसमें बहुत सी बड़ी कंपनियों के साथ देश के नामचीन संस्थाएं और लोग भी आगे आए हैं. वर्तमान समय में लगभग 1 दर्जन से ज्यादा कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है जो बनारस के कायाकल्प में इंटरेस्टेड हैं और इनकी मदद के साथ ही सरकारी फंडिंग से शहर की तस्वीर बदलने का काम जल्द शुरू किया जाएगा. ये भी पढ़ें: निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण मामले की बहस पूरी, 27 दिसंबर को आएगा फैसला