वाराणसीः काशी में अभी भी कई ODF (Open Defecation Free) गांव ऐसे हैं जहां के ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है. स्मार्ट बनारस की ये तस्वीर हर किसी को चौंका रही है. ऐसे ही एक गांव की हकीकत जानने ईटीवी भारत की टीम जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जयरामपुर पहुंची.
यहां खानापूर्ति के लिए बने शौचालय में कहीं भूसा भरा नजर आया तो कहीं बालू. महिलाओं ने बताया कि अभी भी उन्हें खुले में शौच जाना पड़ रहा है. महिलाओं का कहना था कि कागज़ो पर गांव में शौचालय जरूर बन गया लेकिन हकीकत में कोई शौचालय नजऱ नही आता है. इस वज़ह से बहू-बेटियों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.
बनारस के ODF मुक्त गांव के हाल बेहद खराब. ग्रामीणों का कहना है कि नाम के लिए गांव के कुछ लोगो को शौचालय आवंटित किए गए थे. इन्हें बनाने के लिए न तो उचित बजट दिया गया और न ही सही मात्रा में सामान. इसकी नतीजा यह हुआ कि कई शौचालय अभी भी अधूरे बने हैं. अधिकारियों व ग्राम प्रधानों ने दीवार बनाकर बस फ़ोटो खींच लिया, जिनके पास पैसे थे उन्होंने ये शौचालय ठीक करवा लिए जिनके पास पैसे नहीं थे वे आज भी खुले में शौच जा रहे हैं. अधिकारी और प्रधान से कई बार गुहार लगाई गई, जवाब मिला जब बजट मिलेगा तो सही कराया जाएगा. आपको बता दें कि जयरामपुर गांव शिवपुर विधानसभा का क्षेत्र हैं जहां से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. इसके साथ ही यह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय का संसदीय क्षेत्र हैं. इसके बावजूद भी इस गांव में दुर्दशाओ का अंबार हैं. इसी सड़क से फर्राटा भरते हुए मंत्रियों के काफिले जरूर गुजरते होंगे लेकिन किसी की भी निगाह यहां के खस्ताहाल शौचालयों पर अभी तक नहीं पड़ी है. मंत्री व अधिकारियों की लापरवाही कई सारे सवालों को खड़ा करती है जब पीएम मोदी व कैबिनेट मंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां की स्थिति इतनी दयनीय है तो अन्य गांवों का क्या हाल होगा.