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पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाराणसी पहुंचे तेलंगाना के किसान - यूपी न्यूज

तेलंगाना के 40 किसान पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार उनके खेती के लिए बोर्ड बनाये, जिससे किसानों का भला हो.

मीडिया से बातचीत करते किसान.
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Published : Apr 28, 2019, 11:00 AM IST

वाराणसी : लोकसभा चुनाव शुरु होते ही विरोध और अपनी मांग मनवाने का तरीका भी लोगों ने बदल दिया है. मांग मनवाने के लिए अब लोग विरोध-प्रदर्शन नहीं बल्कि चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर रहें है. ऐसा ही एक मामला वाराणसी से सामने आया है. यहां रविवार को तेलंगाना के निजामाबाद से हल्दी की खेती करने वाले 40 किसान पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने पहुचे हैं.

मीडिया से बातचीत करते किसान.


वहीं अन्य राज्यों के किसान भी यहां मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए आ रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार उनके खेती के लिए बोर्ड बनाये, जिससे किसानों का भला हो. उनका वाराणसी से चुनाव लड़ने का मुख्य कारण यह है कि उनकी आवाज यहां से पूरे देश में जाएगी, क्योंकि वह पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. लगभग सौ से अधिक किसान 29 अप्रैल को नामांकन करेंगे.


मीडिया से बात करते हुए किसानों ने बताया

  • 2006 से हल्दी बोर्ड को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
  • दिल्ली के जन्तर मंतर पर भी आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन कोई भी सरकार हमारी समस्या को नहीं सुन रहा है.
  • उनका मुख्य एजेंडा पीएम मोदी को चुनौती देना नहीं बल्कि पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचा सके.
  • इसलिए वे यहां से नामांकन करने के लिए आए हैं.
  • वे यहां पर पीएम मोदी के विरुद्ध किसी तरह का कोई प्रचार नहीं करेंगे.
  • उनकी मांग है कि हल्दी का उचित रेट मिले और हल्दी की खेती के लिए बोर्ड बनाया जाए.
  • क्षेत्र में दो से ढाई लाख एकड़ तक हल्दी उगती है, जिसका रेट उन्हें नहीं मिल पाता है.

वाराणसी : लोकसभा चुनाव शुरु होते ही विरोध और अपनी मांग मनवाने का तरीका भी लोगों ने बदल दिया है. मांग मनवाने के लिए अब लोग विरोध-प्रदर्शन नहीं बल्कि चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर रहें है. ऐसा ही एक मामला वाराणसी से सामने आया है. यहां रविवार को तेलंगाना के निजामाबाद से हल्दी की खेती करने वाले 40 किसान पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने पहुचे हैं.

मीडिया से बातचीत करते किसान.


वहीं अन्य राज्यों के किसान भी यहां मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए आ रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार उनके खेती के लिए बोर्ड बनाये, जिससे किसानों का भला हो. उनका वाराणसी से चुनाव लड़ने का मुख्य कारण यह है कि उनकी आवाज यहां से पूरे देश में जाएगी, क्योंकि वह पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. लगभग सौ से अधिक किसान 29 अप्रैल को नामांकन करेंगे.


मीडिया से बात करते हुए किसानों ने बताया

  • 2006 से हल्दी बोर्ड को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
  • दिल्ली के जन्तर मंतर पर भी आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन कोई भी सरकार हमारी समस्या को नहीं सुन रहा है.
  • उनका मुख्य एजेंडा पीएम मोदी को चुनौती देना नहीं बल्कि पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचा सके.
  • इसलिए वे यहां से नामांकन करने के लिए आए हैं.
  • वे यहां पर पीएम मोदी के विरुद्ध किसी तरह का कोई प्रचार नहीं करेंगे.
  • उनकी मांग है कि हल्दी का उचित रेट मिले और हल्दी की खेती के लिए बोर्ड बनाया जाए.
  • क्षेत्र में दो से ढाई लाख एकड़ तक हल्दी उगती है, जिसका रेट उन्हें नहीं मिल पाता है.
Intro:एंकर-:- लोकसभा चुनाव शुरु होते ही विरोध और अपनी मांग मनवाना का तरीका भी अब लोगों ने बदल दिया है।मांग मनवाने के लिए अब लोग विरोध प्रदर्शन नही बल्कि चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर रहें है।ऐसा ही वाराणसी में आज तेलगाना के निज़ामाबाद से 40 हल्दी खेती करने वाले किसान पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने वाराणसी पहुचे है।वही अन्य राज्यो के किसान भी यहां मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए आ रहे है।उनकी मांग है कि सरकार उनके खेती के लिए बोर्ड बनाये जिससे किसानों का भला हो उनका वाराणसी से चुनाव लड़ने का मुख्य कारण यह है कि उनकी आवाज यहां से पूरे देश मे जाएगी क्योकि वह पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे है।Body:वीओ-:- लगभग सौ से अधिक किसान 29 अप्रैल को नामांकन करेंगे।मिडीया से बात करते हुए किसानों ने बताया की 2006 से हल्दी बोर्ड को लेकर आंदोलन कर रहे है।दिल्ली के जन्तर मंतर पर भी आंदोलन कर चुके है।पर कोई भी सरकार हमारी समस्या को नहीं सुन रहा है।
Conclusion:वीओ-:- साथ ही किसानों ने यह भी कहा की हमारा मुख्य एजेंडा पीएम मोदी को चुनौती देना नही बल्कि पीएम मोदी तक हमारी बात पहुँच सके इसलिए हम यहाँ से नामांकन करने के लिए आए हैं।परंतु हम यहा पर पीएम मोदी के विरुद्ध किसी तरह का कोई प्रचार नही करेंगे।बस हम यही मांग करते है,पीएम मोदी से की हमें हल्दी का रेट और हल्दी का बोर्ड हमें मिल जाए।क्योकि हमारे शहर के क्षेत्र में दो से ढाई लाख एकड़ तक हल्दी उगता है।जिसका हमें रेट नही मिल पाता और ना ही हल्दी का रेट बोर्ड बना है।

बाईट-:- किसान ,तेलंगाना

बाइट-:- गणेश,किसान तेलंगाना

रिपोर्टर-:- मोहम्मद कैफ़/वाराणसी

मो. न. 7843832138
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