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वाराणसी: भाइयों की कलाई पर नहीं सजेगी चीनी राखियां, स्वयं सहायता समूह ने कसी कमर - रक्षाबंधन में नहीं बधेंगी चीनी राखियां

यूपी के वाराणसी में स्वयं सहायता समूह को रक्षाबंधन के मद्देनजर 50 हजार राखी बनवाने का लक्ष्य दिया गया है. इसके बाद भाइयों की कलाई में चाइनीज राखियां नहीं बधेंगी. स्वयंसेवी समूह अपने देश की बनी राखियों को बाजार में पहुंचाने की तैयारियों में जुट गए हैं.

swayam sahayata samuh made rakhi
स्वयं सहायता समूह ने चीनी राखियों का किया बहिष्कार
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Published : Jul 17, 2020, 4:29 AM IST

वाराणसी: सीमा पर चीन की हरकतों की वजह से देश में चीनी सामान के बहिष्कार और चीन से आयात पर निर्भरता कम करने की मांग उठी है. इसके बाद देश में चीन का विरोध तेज हो गया है. सरकार ने चीन के 50 से ज्यादा ऐप पर रोक लगाई तो चीन के विरोध में भारत वासियों का यह अभियान और तेज हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर भारत की बात कही. इस रक्षाबंधन पर चीन से आई फैशनेबल राखियों का बहिष्कार कर स्वयंसेवी समूह अपने देश की बनी राखियों को बाजार में पहुंचाने की तैयारियों में जुट गए हैं.

स्वयं सहायता समूह को 50 हजार राखी बनाने का लक्ष्य
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर राखी तैयार की है. पीएम मोदी ने भी लोगों से आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील की थी. इसी के मद्देनजर डीएम कौशल राज शर्मा के निर्देश पर शहरी गरीब महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समूहों की तरफ से राखी बनाने का कार्य शुरू किया गया हैं. वाराणसी में राखी बनाने का कार्य 10 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से किया जा रहा है.

जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राखी के त्योहार के मद्देनजर 50 हजार राखी बनवाने का लक्ष्य रखा गया है. स्वयं सहायता समूह की तरफ से बनाए गए आकर्षक राखियों को परियोजना अधिकारी डूडा ने डीएम कौशल राज शर्मा को उनके कैंप कार्यालय में भेंट किया.

जानकारी देते वाराणसी डीएम
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस बार काशीवासियों को यहां पर ही बनी राखियां दुकानों पर उपलब्ध होंगी. उन्होंने बताया कि आगामी होली, दीपावली और अन्य प्रमुख पर्व पर भी उपयोग होने वाली सामग्री स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तैयार कर लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी. पीएम मौदी के आह्वान और उनके अपील आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में यह प्रयास निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा.

वाराणसी: सीमा पर चीन की हरकतों की वजह से देश में चीनी सामान के बहिष्कार और चीन से आयात पर निर्भरता कम करने की मांग उठी है. इसके बाद देश में चीन का विरोध तेज हो गया है. सरकार ने चीन के 50 से ज्यादा ऐप पर रोक लगाई तो चीन के विरोध में भारत वासियों का यह अभियान और तेज हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर भारत की बात कही. इस रक्षाबंधन पर चीन से आई फैशनेबल राखियों का बहिष्कार कर स्वयंसेवी समूह अपने देश की बनी राखियों को बाजार में पहुंचाने की तैयारियों में जुट गए हैं.

स्वयं सहायता समूह को 50 हजार राखी बनाने का लक्ष्य
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर राखी तैयार की है. पीएम मोदी ने भी लोगों से आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील की थी. इसी के मद्देनजर डीएम कौशल राज शर्मा के निर्देश पर शहरी गरीब महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समूहों की तरफ से राखी बनाने का कार्य शुरू किया गया हैं. वाराणसी में राखी बनाने का कार्य 10 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से किया जा रहा है.

जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राखी के त्योहार के मद्देनजर 50 हजार राखी बनवाने का लक्ष्य रखा गया है. स्वयं सहायता समूह की तरफ से बनाए गए आकर्षक राखियों को परियोजना अधिकारी डूडा ने डीएम कौशल राज शर्मा को उनके कैंप कार्यालय में भेंट किया.

जानकारी देते वाराणसी डीएम
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस बार काशीवासियों को यहां पर ही बनी राखियां दुकानों पर उपलब्ध होंगी. उन्होंने बताया कि आगामी होली, दीपावली और अन्य प्रमुख पर्व पर भी उपयोग होने वाली सामग्री स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तैयार कर लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी. पीएम मौदी के आह्वान और उनके अपील आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में यह प्रयास निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा.

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