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काशी के मंदिरों में सजी अन्नकूट की भव्य झांकी - decorated

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सजने वाली अन्नकूट की झांकी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. रविवार को इस बार झांकी सजी तो देखने वाले मंत्रमुग्ध हो गए.

अन्नकूट का आयोजन
अन्नकूट का आयोजन
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Published : Nov 15, 2020, 5:10 PM IST

वाराणसीः काशी में रविवार को अन्नकूट की झांकी सजी तो देखने वाले भक्त आनंदित हो गए. मिष्ठान और नमकीन से सजीं झांकियां सबको मोहित कर रही थीं. दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी रही.

पांच दिवसीय दीपोत्सव

काशी में होने वाला पांच दिवसीय दीपोत्सव दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. दीपोत्सव के दौरान अन्नकूट के आयोजन की भव्यता तो मंत्रमुग्ध कर देती है. धनतेरस से शुरू होने वाले पंच दिवसीय दीपोत्सव में रविवार को अन्नकूट का आयोजन हुआ तो पूरा वातावरण भव्य और भक्तिमय दिखाई दिया. यहां के अन्नकूट का विशेष महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यहां श्री काशी विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा के मंदिर में भव्य छप्पन भोग की झांकी सजाई जाती है.

यह है मान्यता

काशी में अन्नकूट पर्व को लेकर मान्यता है कि आज के ही दिन माता अन्नपूर्णा ने भगवान शिव को भिक्षा दी थी और काशी के लोगों का पेट भरने के लिए बाबा ने लोगों तक अन्न पहुंचाया था. काशी में आए संकट से उबारने के लिए माता सती अन्नपूर्णा के वेश में काशी में विराजमान हुई थीं. तब से अन्नकूट पर्व मनाया जाता है. साथ ही यह भी मान्यता है कि आज के ही दिन भक्त बाबा विश्वनाथ मंदिर समेत काशी के मंदिरों पहुंचकर ये प्रसाद ग्रहण करते हैं, तो वह जीवन पर्यंत भूखे नहीं रहते. इसी मान्यता के साथ रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर समेत अन्य सेवाओं में भव्य छप्पन भोग की झांकियां सजाई गईं.

भेजा जाएगा प्रसाद

इस बार कोविड-19 की वजह से मंदिरों में भक्तों की भीड़ कम दिखाई दे रही है. प्रसाद ले जाने वालों की संख्या बहुत कम है. मुख्य मंदिरों से प्रसाद को भक्तों तक पहुंचाने की भी कवायद की जा रही है. मंदिरों से संपर्क करने वाले भक्तों को डाक के जरिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर से प्रसाद भेजने की तैयारी की गई है.

वाराणसीः काशी में रविवार को अन्नकूट की झांकी सजी तो देखने वाले भक्त आनंदित हो गए. मिष्ठान और नमकीन से सजीं झांकियां सबको मोहित कर रही थीं. दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी रही.

पांच दिवसीय दीपोत्सव

काशी में होने वाला पांच दिवसीय दीपोत्सव दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. दीपोत्सव के दौरान अन्नकूट के आयोजन की भव्यता तो मंत्रमुग्ध कर देती है. धनतेरस से शुरू होने वाले पंच दिवसीय दीपोत्सव में रविवार को अन्नकूट का आयोजन हुआ तो पूरा वातावरण भव्य और भक्तिमय दिखाई दिया. यहां के अन्नकूट का विशेष महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यहां श्री काशी विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा के मंदिर में भव्य छप्पन भोग की झांकी सजाई जाती है.

यह है मान्यता

काशी में अन्नकूट पर्व को लेकर मान्यता है कि आज के ही दिन माता अन्नपूर्णा ने भगवान शिव को भिक्षा दी थी और काशी के लोगों का पेट भरने के लिए बाबा ने लोगों तक अन्न पहुंचाया था. काशी में आए संकट से उबारने के लिए माता सती अन्नपूर्णा के वेश में काशी में विराजमान हुई थीं. तब से अन्नकूट पर्व मनाया जाता है. साथ ही यह भी मान्यता है कि आज के ही दिन भक्त बाबा विश्वनाथ मंदिर समेत काशी के मंदिरों पहुंचकर ये प्रसाद ग्रहण करते हैं, तो वह जीवन पर्यंत भूखे नहीं रहते. इसी मान्यता के साथ रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर समेत अन्य सेवाओं में भव्य छप्पन भोग की झांकियां सजाई गईं.

भेजा जाएगा प्रसाद

इस बार कोविड-19 की वजह से मंदिरों में भक्तों की भीड़ कम दिखाई दे रही है. प्रसाद ले जाने वालों की संख्या बहुत कम है. मुख्य मंदिरों से प्रसाद को भक्तों तक पहुंचाने की भी कवायद की जा रही है. मंदिरों से संपर्क करने वाले भक्तों को डाक के जरिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर से प्रसाद भेजने की तैयारी की गई है.

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