वाराणसी: नए सत्र के लिए कॉन्वेंट स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एक ओर जहां अप्रैल माह से नए सत्र की शुरुआत हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर कुछ स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है. लेकिन इन दिनों कक्षा 6 से 10 तक की एनसीईआरटी की साइंस,मैथ, सोशल साइंस की किताबें बाजारों से गायब हो गई हैं, जिसको लेकर अभिभावक छात्र व स्वयं दुकानदार भी काफी परेशान हैं.
प्रत्येक वर्ष होती है कमी
एनसीईआरटी की किताबों का अभाव यूं तो हर साल देखने को मिलता है. मांग के अनुसार एनसीईआरटी किताबों की आपूर्ति समय से नहीं हो पाती. इसी क्रम में इस वर्ष भी प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अत्यधिक मांगों के कारण एनसीईआरटी की पुस्तकों की बाजार में कमी है. जनपद में एनसीईआरटी पुस्तक के लगभग 12 से अधिक डीलर है और इन डीलरों का भी यही मानना है कि किसी भी विषय की 5000 किताबों की मांग की जाती है और एनसीआरटी 300 से 500 किताबें ही उपलब्ध हो पाती हैं.
दुकानदार और छात्र दोनों हैं परेशान
इस बाबत जहां किताबों के ना मिलने से छात्रों के अध्ययन पर प्रभाव पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर दुकानदार भी काफी परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि कक्षा 6 से 10 तक की साइंस, मैथ, सोशल साइंस की किताबें डीलर नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं, जिसकी वजह से हम लोगों के बीच पुस्तकों को नहीं भेज पा रहे हैं. इसकी वजह से काफी ग्राहक लौट जा रहे हैं और हमें भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
यूपी बोर्ड का भी है यही हाल
यह हालत सिर्फ सीबीएसई,आईसीएससी का ही नहीं बल्कि यूपी बोर्ड के भी एनसीईआरटी की पुस्तकों का है. यूपी बोर्ड की किताबों को लेकर अभी बाजार में ज्यादा मांग नहीं है. इस वजह से पुस्तकों की शॉर्टेज कम है. बता दें कि एनसीईआरटी की पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसकी वजह से विद्यार्थी वेबसाइट से पुस्तकों को डाउनलोड कर आगे की पढ़ाई को सुचारू रख रहे हैं.
बाजारों में NCERT पुस्तकों का आभव, छात्र परेशान - एनसीईआरटी किताबों की कमी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में इन दिनों छात्र कक्षा 6 से 10 तक की एनसीईआरटी की साइंस,मैथ, सोशल साइंस की किताबें बाजारों में नहीं मिलने से खासा परेशान हैं. वहीं दुकानदारों का कहना है कि डीलर इन किताबों को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं.
वाराणसी: नए सत्र के लिए कॉन्वेंट स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एक ओर जहां अप्रैल माह से नए सत्र की शुरुआत हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर कुछ स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है. लेकिन इन दिनों कक्षा 6 से 10 तक की एनसीईआरटी की साइंस,मैथ, सोशल साइंस की किताबें बाजारों से गायब हो गई हैं, जिसको लेकर अभिभावक छात्र व स्वयं दुकानदार भी काफी परेशान हैं.
प्रत्येक वर्ष होती है कमी
एनसीईआरटी की किताबों का अभाव यूं तो हर साल देखने को मिलता है. मांग के अनुसार एनसीईआरटी किताबों की आपूर्ति समय से नहीं हो पाती. इसी क्रम में इस वर्ष भी प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अत्यधिक मांगों के कारण एनसीईआरटी की पुस्तकों की बाजार में कमी है. जनपद में एनसीईआरटी पुस्तक के लगभग 12 से अधिक डीलर है और इन डीलरों का भी यही मानना है कि किसी भी विषय की 5000 किताबों की मांग की जाती है और एनसीआरटी 300 से 500 किताबें ही उपलब्ध हो पाती हैं.
दुकानदार और छात्र दोनों हैं परेशान
इस बाबत जहां किताबों के ना मिलने से छात्रों के अध्ययन पर प्रभाव पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर दुकानदार भी काफी परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि कक्षा 6 से 10 तक की साइंस, मैथ, सोशल साइंस की किताबें डीलर नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं, जिसकी वजह से हम लोगों के बीच पुस्तकों को नहीं भेज पा रहे हैं. इसकी वजह से काफी ग्राहक लौट जा रहे हैं और हमें भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
यूपी बोर्ड का भी है यही हाल
यह हालत सिर्फ सीबीएसई,आईसीएससी का ही नहीं बल्कि यूपी बोर्ड के भी एनसीईआरटी की पुस्तकों का है. यूपी बोर्ड की किताबों को लेकर अभी बाजार में ज्यादा मांग नहीं है. इस वजह से पुस्तकों की शॉर्टेज कम है. बता दें कि एनसीईआरटी की पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसकी वजह से विद्यार्थी वेबसाइट से पुस्तकों को डाउनलोड कर आगे की पढ़ाई को सुचारू रख रहे हैं.