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काशी में गीता जयंती पर छात्रों ने किया श्लोकों का पाठ

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Published : Dec 4, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 7:00 PM IST

काशी में श्रीमद्भगवत गीता जयंती का आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थियों ने पारंपरिक परिधान पहनकर गीता के 18 अध्याय के श्लोकों को पाठ किया.

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श्रीमद्भगवत गीता जयंती का आयोजन

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में रविवार को श्रीमद् भगवत गीता जयंती हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई. जिले के धर्म संघ में आर्यावर्त सिद्धांत संरक्षक ट्रस्ट द्वारा गीता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वर्गों के छात्रों ने हिस्सा लिया.

कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने इस गीता प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. जिसमें छात्रों ने पारंपरिक वस्त्र धोती कुर्ता और त्रिपुंड लगाकर गीता का पाठ किया. तो वही कुछ छात्रों ने स्कूली ड्रेस पहनकर गीता का पाठ किया. प्रतियोगिता में सैकड़ों की संख्या में शामिल छात्रों ने बारी-बारी से गीता का श्लोक सुनाया.

श्रीमद्भगवत गीता जयंती पर हुआ यह आयोजन.


कार्यक्रम आयोजक रितेश दुबे ने बताया कर्म फल की दृष्टी से फल रहित होकर कार्य करना चाहिए. अपने चरम लक्ष्य की प्राप्ति का उद्देश्य जो देती है वह गीता है. गीता जयंती के शुभ अवसर पर विभिन्न स्कूली और वेद पाठी बटकों द्वारा गीता के श्लोक का पाठ किया गया. लोगों में गीता जयंती का प्रचार प्रसार करना ही हमार उद्देश्य है. जिससे आने वाली पीढ़ी श्रीमद्भागवत गीता को समझे और उसके आधार पर आगे बढ़े क्योंकि गीता ही हमारे सभी वेदों का सार है.


उन्होंने आगे बताया कि श्रीमद्भागवत गीता की जयंती पर यह कार्यक्रम हो रहा है. इसमें गीता के 18 अध्याय के श्लोकों का छात्रों द्वारा पाठ किया जा रहा है. इस कार्यक्रम को करने का मकसद है कि गीता के उद्देश्य को समझा जाए और आने वाली पीढ़ी व छोटे बच्चे गीता के महत्व को जाने.


यह भी पढ़ें: 7 देश काशी के बनेंगे मेहमान, होगा भारत के हस्तशिल्प कलाओं का आदान प्रदान

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में रविवार को श्रीमद् भगवत गीता जयंती हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई. जिले के धर्म संघ में आर्यावर्त सिद्धांत संरक्षक ट्रस्ट द्वारा गीता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वर्गों के छात्रों ने हिस्सा लिया.

कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने इस गीता प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. जिसमें छात्रों ने पारंपरिक वस्त्र धोती कुर्ता और त्रिपुंड लगाकर गीता का पाठ किया. तो वही कुछ छात्रों ने स्कूली ड्रेस पहनकर गीता का पाठ किया. प्रतियोगिता में सैकड़ों की संख्या में शामिल छात्रों ने बारी-बारी से गीता का श्लोक सुनाया.

श्रीमद्भगवत गीता जयंती पर हुआ यह आयोजन.


कार्यक्रम आयोजक रितेश दुबे ने बताया कर्म फल की दृष्टी से फल रहित होकर कार्य करना चाहिए. अपने चरम लक्ष्य की प्राप्ति का उद्देश्य जो देती है वह गीता है. गीता जयंती के शुभ अवसर पर विभिन्न स्कूली और वेद पाठी बटकों द्वारा गीता के श्लोक का पाठ किया गया. लोगों में गीता जयंती का प्रचार प्रसार करना ही हमार उद्देश्य है. जिससे आने वाली पीढ़ी श्रीमद्भागवत गीता को समझे और उसके आधार पर आगे बढ़े क्योंकि गीता ही हमारे सभी वेदों का सार है.


उन्होंने आगे बताया कि श्रीमद्भागवत गीता की जयंती पर यह कार्यक्रम हो रहा है. इसमें गीता के 18 अध्याय के श्लोकों का छात्रों द्वारा पाठ किया जा रहा है. इस कार्यक्रम को करने का मकसद है कि गीता के उद्देश्य को समझा जाए और आने वाली पीढ़ी व छोटे बच्चे गीता के महत्व को जाने.


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Last Updated : Dec 4, 2022, 7:00 PM IST
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