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बीएचयू के छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर किया प्रदर्शन, जानिए क्या है मामला - वाराणसी की ताजा खबर

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों ने मुख्य द्वार बंद कर विश्विद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने सर सुंदरलाल अस्पता परिसर में दलालों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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Published : Dec 28, 2021, 7:07 PM IST

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में दलालों के प्रवेश को लेकर एक बार फिर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है. छात्रों ने अस्पताल का मुख्य द्वार बंद कर विश्विद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान विद्यार्थियों ने दलालों और प्राइवेट एंबुलेंसों का अस्पताल परिसर में आवागमन बंद करने की मांग की.

छात्रों ने आरोप लगाया कि आए दिन अस्पताल परिसर में प्राइवेट हॉस्पिटल के एजेंट घूमते रहते हैं और यहां के मरीजों को बहला-फुसलाकर दूसरे अस्पतालों में ले जाते हैं. जिससमें एंबुलेंस वालों की मिलीभगत रहती है, जिसकी वजह से आए दिन ऐसी समस्याएं आती रहती हैं. छात्रों ने आरोप लगाया कि मंगलवार को एक दलाल द्वारा बीएचयू के मरीज को बाहर ले जाने के लिए कहा जा रहा था. जिसका बीएचयू के एक स्टूडेंट ने विरोध किया तो पुलिस उसे थाने ले गई.

छात्र प्रीतम सिंह ने बताया कि बीएचयू अस्पताल में एंबुलेंस वाले और निजी अस्पताल के एजेंट एक दलाल के रूप में काम करते हैं. यहां के मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में बहला-फुसलाकर ले जाते हैं. इमरजेंसी के पास से उसके एक सीनियर को दलालों ने विवाद करके थाने में ले गए. पुलिस प्रशासन पहले उनके सीनियर को छोड़े, इसके साथ ही अस्पताल परिसर में दलालों का प्रवेश रोक लगाई जाए.

इसे भी पढ़ें-काशी फिल्म महोत्सव का आगाज, कैलाश खेर की प्रस्तुति से झूमे लोग

गौरतलब है कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. यही वजह है कि यहां प्रतिदिनओपीडी में लगभग 8000 मरीज पहुंचते हैं. पूर्वांचल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नेपाल तक के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं.

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में दलालों के प्रवेश को लेकर एक बार फिर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है. छात्रों ने अस्पताल का मुख्य द्वार बंद कर विश्विद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान विद्यार्थियों ने दलालों और प्राइवेट एंबुलेंसों का अस्पताल परिसर में आवागमन बंद करने की मांग की.

छात्रों ने आरोप लगाया कि आए दिन अस्पताल परिसर में प्राइवेट हॉस्पिटल के एजेंट घूमते रहते हैं और यहां के मरीजों को बहला-फुसलाकर दूसरे अस्पतालों में ले जाते हैं. जिससमें एंबुलेंस वालों की मिलीभगत रहती है, जिसकी वजह से आए दिन ऐसी समस्याएं आती रहती हैं. छात्रों ने आरोप लगाया कि मंगलवार को एक दलाल द्वारा बीएचयू के मरीज को बाहर ले जाने के लिए कहा जा रहा था. जिसका बीएचयू के एक स्टूडेंट ने विरोध किया तो पुलिस उसे थाने ले गई.

छात्र प्रीतम सिंह ने बताया कि बीएचयू अस्पताल में एंबुलेंस वाले और निजी अस्पताल के एजेंट एक दलाल के रूप में काम करते हैं. यहां के मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में बहला-फुसलाकर ले जाते हैं. इमरजेंसी के पास से उसके एक सीनियर को दलालों ने विवाद करके थाने में ले गए. पुलिस प्रशासन पहले उनके सीनियर को छोड़े, इसके साथ ही अस्पताल परिसर में दलालों का प्रवेश रोक लगाई जाए.

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गौरतलब है कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. यही वजह है कि यहां प्रतिदिनओपीडी में लगभग 8000 मरीज पहुंचते हैं. पूर्वांचल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नेपाल तक के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं.

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