वाराणसी : काशी की दीवारें एक तरफ जहां भारतीय संस्कृति परंपरा को बताएंगी तो वहीं शहर को स्वच्छ रखने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी जागरूक करेंगी. नगर निगम ने यह अनोखी योजना बनाई है जिसकी जिम्मेदारी काशी के विद्यार्थियों ने ली है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने बनारस की दीवारों पर अपनी कलाकारी से रंग भरने की शुरुआत कर दी है जिसमें काशी की संस्कृति और परंपरा को तो बनाया ही जा रहा है. इसके साथ ही लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी फैलाई जा रही है. नगर निगम की तरफ से काशी को स्वच्छ और आकर्षण दिखने के लिए कई क्षेत्रों में यह जीवंत पेंटिंग बनाई जा रही है जो काफी आकर्षित व चर्चा का विषय बना हुआ है.
जीवंत हो रही दीवारें बता रही है, काशी की कहानी : दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के सर्वे में बनारस को अव्वल दर्जा दिलाने के उद्देश्य से नगर निगम प्रशासन के द्वारा पूरे शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए जाने की कवायद की जा रही है. इसके तहत वाराणसी के अलग-अलग इलाकों के क्षेत्रों की दीवारों पर अलग-अलग तरीके की आकृति बनाई जा रही है. ये आकृतियां बेहद आकर्षक हैं. इन आकृतियों की खासियत यह है कि एक ओर यह जहां पर्यावरण व स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का संदेश दे रहे हैं तो वहीं दीवारों पर बनी तस्वीरें बनारस के दिग्गजों व यहां के संस्कृति के बारे में भी बता रही हैं.
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यही नहीं यहां महिलाओं को सशक्त होने के लिए भी अलग-अलग तरीके के चित्र बनाए गए हैं. इससे काशी आने वाले पर्यटक इस शहर में प्रवेश करते ही यहां के बारे में जान सकेंगे. बड़ी बात यह है कि इन चित्रों को कोई बड़ा पेंटर नहीं बना रहा बल्कि शहर के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बीएफए की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने बनाया है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं.
विद्यार्थियों की लगन से शहर बन रहा आकर्षक : इस कार्य से जुड़े विद्यार्थियों का कहना है कि वह बेहद उल्लासित हैं कि उन्हें अपने शहर को सुंदर बनाए रखने में अपना योगदान देने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि वह अपनी पढ़ाई से समय निकालकर दीवारों पर पेंटिंग बना रहे हैं. जिससे कि उनका शहर सुंदर दिख सके और इस रिपोर्ट में बनारस को अच्छे नंबर मिल सके.
विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें जब इस मुहिम के बारे में पता चला तो उन्होंने इसमें शामिल होने का निर्णय लिया. इससे वे कैनवास से बाहर निकल कर अपने शहर को आकर्षित बना सकेंगे. इससे उन्हें एक बेहतर प्लेटफार्म भी मिल रहा है. पूरा शहर उनकी कलाकृति को देख रहा है. इसके साथ ही इस योजना के जरिए उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिल रही क्योंकि इस पेंटिंग के जरिए उन्हें उनका मेहनताना भी मिल रहा है.
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