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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने लगाया पेंटिंग प्रदर्शनी

वाराणसी के लंका स्थित आर्ट गैलरी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 21 पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई. यह सभी पेंटिंग लॉकडाउन के दौरान हो रही घटनाओं पर आधारित है. जानवरों पर हो रहे अत्याचार, ग्रामीण क्षेत्रों का परिवेश, पर्यावरण संरक्षण, वाराणसी के ऐतिहासिक धरोहरों को भी दर्शाया गया है.

पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
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Published : Jan 24, 2021, 2:57 PM IST

वाराणसी: लंका स्थित आर्ट गैलरी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 21 पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई. यह पेंटिंग बेहद ही खास थी और इन पेंटिंग से क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में कलाकार अपने घरों में रहने के दौरान इन पेंटिंग को आकृति दिया. बीएचयू के करीब 7 छात्रों ने मिलकर 21 पेंटिंग बनाई. जिनमें जानवरों पर हो रहे अत्याचार, ग्रामीण क्षेत्रों का परिवेश, पर्यावरण संरक्षण, वाराणसी के ऐतिहासिक धरोहरों को दर्शाया गया.

पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
पैर से बनाई पेंटिंगप्रदर्शनी में लगी बहुत सी पेंटिंग को पैर की उंगलियों से बनाया गया है. ये पेंटिंग बेहद ही खास है. इन पेंटिंग के माध्यम से ये दर्शाया गया है कि लॉकडाउन के समय अपने गांव की तरफ लौटते मजदूरों के लहूलुहान पैरों को दिखाया गया है.

रजत कुमार पांडेय ने बताया यहां पर कुल 21 पेंटिंग लगाई गई हैं. 2020 पूरे विश्व के लिए कुछ खास नहीं रहा. लेकिन उन दिनों इन पेंटिंग को बनाया गया था. वहीं अब नए साल पर इसे लांच किया गया है और उम्मीद जतायी जा रही है कि आने वाला हर साल खुशियों से भरा हो. उन्होंने बताया कि पेंटिंग मूक प्राणियों पर बनाया गया है. उन पर हो रहे अत्याचारों को इन पेंटिंग में दिखाया गया है.

सतीश कुमार पटेल ने बताया यहां पर लगी पेंटिंग को देखकर बहुत कुछ सीखने को मिला. पेंटिंग बेहद ही खास होने के साथ जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया गया है.

वाराणसी: लंका स्थित आर्ट गैलरी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 21 पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई. यह पेंटिंग बेहद ही खास थी और इन पेंटिंग से क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में कलाकार अपने घरों में रहने के दौरान इन पेंटिंग को आकृति दिया. बीएचयू के करीब 7 छात्रों ने मिलकर 21 पेंटिंग बनाई. जिनमें जानवरों पर हो रहे अत्याचार, ग्रामीण क्षेत्रों का परिवेश, पर्यावरण संरक्षण, वाराणसी के ऐतिहासिक धरोहरों को दर्शाया गया.

पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
पेंटिंग एग्जीबिशन में जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया
पैर से बनाई पेंटिंगप्रदर्शनी में लगी बहुत सी पेंटिंग को पैर की उंगलियों से बनाया गया है. ये पेंटिंग बेहद ही खास है. इन पेंटिंग के माध्यम से ये दर्शाया गया है कि लॉकडाउन के समय अपने गांव की तरफ लौटते मजदूरों के लहूलुहान पैरों को दिखाया गया है.

रजत कुमार पांडेय ने बताया यहां पर कुल 21 पेंटिंग लगाई गई हैं. 2020 पूरे विश्व के लिए कुछ खास नहीं रहा. लेकिन उन दिनों इन पेंटिंग को बनाया गया था. वहीं अब नए साल पर इसे लांच किया गया है और उम्मीद जतायी जा रही है कि आने वाला हर साल खुशियों से भरा हो. उन्होंने बताया कि पेंटिंग मूक प्राणियों पर बनाया गया है. उन पर हो रहे अत्याचारों को इन पेंटिंग में दिखाया गया है.

सतीश कुमार पटेल ने बताया यहां पर लगी पेंटिंग को देखकर बहुत कुछ सीखने को मिला. पेंटिंग बेहद ही खास होने के साथ जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाया गया है.

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