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मालवीय जयंती के पहले छात्रों ने रेत पर बनाई 20 फीट की आकृति

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक सप्ताह पहले से ही पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई जा रही है. इसी क्रम में गंगा के रेत पर छात्रों ने मिलकर मालवीय जी की 20 फीट ऊंची आकृति बनाई और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

मदन मोहन मालवीय का सैंड आर्ट
मदन मोहन मालवीय का सैंड आर्ट
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Published : Dec 24, 2020, 8:34 AM IST

वाराणसी: भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती 25 दिसंबर को है. उन्होंने काशी में अपनी कर्मभूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना किया. ऐसे में काशीवासियों ने उनकी याद में एक हफ्ते पहले से ही उनकी जयंती मनाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में मां गंगा के पावन तट पर प्रोजेजटिज सोसाइटी के बैनर तले 20 फीट की आकृति बनाई गई.

मालवीय जी की आकृति रेत पर 10 फीट ऊंची और लगभग 20 फीट चौड़ी बनाई गई. बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस आकृति को बनाया. इस आकृति को बनाने में लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगा. हर हर महादेव और मालवीय जी अमर रहे के उद्घोष पूरा क्षेत्र गूंज उठा. कलाकार इंद्रपाल, शालिनी, प्रगति और मुस्कान ने इस आकृति को बनाया.

इस मौके पर प्रोजेजटिज सोसाइटी के संस्थापक विशाल जायसवाल ने बताया कि महामना की जयंती से पहले हम लोग साल की तरह इस साल भी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर महामना की आकृति बनाई गई. यह आकृति लगभग 20 फीट की बनाई गई है. हम सब मालवीय जी को दिल से श्रद्धांजलि दिए हैं. क्योंकि उनका योगदान देश कभी नहीं भूल सकता.

वहीं बीएचयू के छात्र नेता राकेश उपाध्याय ने बताया कि मालवीय जयंती के पहले हम लोगों ने अपने अभिभावक और अभिभावक स्वरूप महामना की आकृति को रेत पर बनाया. यहां से हम सभी ने संकल्प लिया है कि हम उनके मूल्यों और आदर्शों पर चलने का काम करेंगे. भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय हमारे आदर्श हैं.

वाराणसी: भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती 25 दिसंबर को है. उन्होंने काशी में अपनी कर्मभूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना किया. ऐसे में काशीवासियों ने उनकी याद में एक हफ्ते पहले से ही उनकी जयंती मनाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में मां गंगा के पावन तट पर प्रोजेजटिज सोसाइटी के बैनर तले 20 फीट की आकृति बनाई गई.

मालवीय जी की आकृति रेत पर 10 फीट ऊंची और लगभग 20 फीट चौड़ी बनाई गई. बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस आकृति को बनाया. इस आकृति को बनाने में लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगा. हर हर महादेव और मालवीय जी अमर रहे के उद्घोष पूरा क्षेत्र गूंज उठा. कलाकार इंद्रपाल, शालिनी, प्रगति और मुस्कान ने इस आकृति को बनाया.

इस मौके पर प्रोजेजटिज सोसाइटी के संस्थापक विशाल जायसवाल ने बताया कि महामना की जयंती से पहले हम लोग साल की तरह इस साल भी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर महामना की आकृति बनाई गई. यह आकृति लगभग 20 फीट की बनाई गई है. हम सब मालवीय जी को दिल से श्रद्धांजलि दिए हैं. क्योंकि उनका योगदान देश कभी नहीं भूल सकता.

वहीं बीएचयू के छात्र नेता राकेश उपाध्याय ने बताया कि मालवीय जयंती के पहले हम लोगों ने अपने अभिभावक और अभिभावक स्वरूप महामना की आकृति को रेत पर बनाया. यहां से हम सभी ने संकल्प लिया है कि हम उनके मूल्यों और आदर्शों पर चलने का काम करेंगे. भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय हमारे आदर्श हैं.

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