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मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का दिखा असर, सिविल सेवा परीक्षा में वाराणसी मंडल के 3 अभ्यर्थियों का चयन

प्रदेश सरकार की ओर से संचालित अभ्युदय योजना(Abhyudaya Scheme) का असर अब दिखने लगा है. संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में अभ्युदय योजना से लाभांवित तीन अभ्यर्थियों के करियर का उदय हुआ है. वाराणसी मंडल के अभ्युदय सेंटर ने आईएएस, आईपीएस और आईआरएस दिए हैं. सफल छात्रों ने सीएम की इस योजना को काफी उपयोगी बताया है.

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का दिखा असर
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का दिखा असर
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Published : Oct 11, 2021, 2:59 PM IST

वाराणसी: योगी सरकार की मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) का असर पहले ही साल में दिखने लगा है. संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) से तीन अभ्यर्थियों के करियर का उदय हुआ है. वाराणसी मंडल के अभ्युदय सेंटर ने आईएएस, आईपीएस और आईआरएस दिए हैं. जिसमें सृजन वर्मा 39 रैंक, कुंवर आकाश सिंह को 128 रैंक और किसलय कुशवाहा को 526 रैंक मिली है. यह सभी अभ्युदय के क्लास से ऑनलाइन जुड़े थे.

दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए योगी सरकार ने नई पहल की है. निजी संस्थानों की महंगी फीस से बचाने और प्रतिभाओं को सही शिक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) के तहत निःशुल्क कोचिंग देकर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कराई जा रही है. हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में वाराणसी सेण्टर से पढ़े तीन प्रतियोगी छात्र चयनित हुए हैं. 29 वीं रैंक पाने वाले सृजन वर्मा आईएएस बनेंगे व 128वीं रैंक पाने वाले कुंवर आकाश सिंह आईपीएस बनेंगे और 526 वीं रैंक पाने वाले किसलय कुशवाहा आईआरएस बनेंगे.

छात्रों ने बताया कि योगी सरकार की अभ्युदय योजना प्रतियोगी छात्रों के लिए काफी उपयोगी है. यहां आईपीएस, आईएएस अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का सीधे अनुभव मिलता है, जो परीक्षा और साक्षात्कार में बहुत उपयोगी होता है. चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि वे भी अभ्युदय योजना में पढ़ाएंगे जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को लाभ मिल सकें.

लंबी और अनुभवी टीम का फायदा

सृजन वर्मा ने बताया कि अभ्युदय के मॉक इंटरव्यू और पढ़ाने के तरीके बिल्कुल परीक्षा की तरह ही थे. जिससे उनको काफी कॉन्फिडेंस मिला और पूरी टीम परीक्षा और इंटरव्यू तक गाइड करती रही. उन्होंने बताया कि योगी सरकार की बहुत अच्छी पहल है और आने वाले समय में निजी कोचिंग संस्थानों को अभ्युदय योजना पीछे छोड़ देगी.

अभ्युदय वाराणसी मंडल के कोर्स कोर्डिनेटर व राजकीय संत रविदास आईएएस पीसीएस संस्था के प्रमुख डॉ.रूपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हम लोगों के पास 141 अनुभवी शिक्षक व प्रशिक्षकों की टीम है. जिसमे प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर समेत सभी क्षेत्र के लोग जुड़े है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन/ऑफलाइन क्लास, टेस्ट पेपर, मॉक इंटरव्यू, यू-ट्यूब पर क्लासेज आदि संचालित की जाती है. जल्दी ही सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पढ़ाई के लिए टैबलेट भी देगी.

अभ्युदय योजना (Abhuday Scheme) से जुड़े अवकाश प्राप्त राष्ट्रपति पदक प्राप्त डिप्टी एसपी शिशिर त्रिवेदी ने बताया कि प्राइवेट कोचिंग संस्था मोटी रकम वसूलते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की अभ्युदय योजना निःशुल्क युवाओं का जीवन सवार रही है. वाराणसी मंडल के मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के डिविजनल सर्च कमेटी के सदस्य शेखर खन्ना प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लगातार अनुभवी फैकल्टी को अभ्युदय योजना से जोड़ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों का वार्डन के खिलाफ प्रदर्शन, लगाए ये आरोप

इसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर कॉउंसलिंग सेल के हेड व संस्थापक प्रदीप चंद्र शुक्ला रिटायर्ड डीआईजी शिव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड जज राजीव श्रीवास्तव, यूपी साइबर सेल के हेड आईपीएस अरविन्द चतुर्वेदी, आईआरएस पियूष शुक्ल जैसे अनुभवी लोगों के अलावा और भी कई लोग हैं. जिसका नतीजा महज कुछ महीनों में दिखने लगा.

वाराणसी: योगी सरकार की मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) का असर पहले ही साल में दिखने लगा है. संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) से तीन अभ्यर्थियों के करियर का उदय हुआ है. वाराणसी मंडल के अभ्युदय सेंटर ने आईएएस, आईपीएस और आईआरएस दिए हैं. जिसमें सृजन वर्मा 39 रैंक, कुंवर आकाश सिंह को 128 रैंक और किसलय कुशवाहा को 526 रैंक मिली है. यह सभी अभ्युदय के क्लास से ऑनलाइन जुड़े थे.

दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए योगी सरकार ने नई पहल की है. निजी संस्थानों की महंगी फीस से बचाने और प्रतिभाओं को सही शिक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (Abhyudaya Scheme) के तहत निःशुल्क कोचिंग देकर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कराई जा रही है. हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में वाराणसी सेण्टर से पढ़े तीन प्रतियोगी छात्र चयनित हुए हैं. 29 वीं रैंक पाने वाले सृजन वर्मा आईएएस बनेंगे व 128वीं रैंक पाने वाले कुंवर आकाश सिंह आईपीएस बनेंगे और 526 वीं रैंक पाने वाले किसलय कुशवाहा आईआरएस बनेंगे.

छात्रों ने बताया कि योगी सरकार की अभ्युदय योजना प्रतियोगी छात्रों के लिए काफी उपयोगी है. यहां आईपीएस, आईएएस अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का सीधे अनुभव मिलता है, जो परीक्षा और साक्षात्कार में बहुत उपयोगी होता है. चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि वे भी अभ्युदय योजना में पढ़ाएंगे जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को लाभ मिल सकें.

लंबी और अनुभवी टीम का फायदा

सृजन वर्मा ने बताया कि अभ्युदय के मॉक इंटरव्यू और पढ़ाने के तरीके बिल्कुल परीक्षा की तरह ही थे. जिससे उनको काफी कॉन्फिडेंस मिला और पूरी टीम परीक्षा और इंटरव्यू तक गाइड करती रही. उन्होंने बताया कि योगी सरकार की बहुत अच्छी पहल है और आने वाले समय में निजी कोचिंग संस्थानों को अभ्युदय योजना पीछे छोड़ देगी.

अभ्युदय वाराणसी मंडल के कोर्स कोर्डिनेटर व राजकीय संत रविदास आईएएस पीसीएस संस्था के प्रमुख डॉ.रूपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हम लोगों के पास 141 अनुभवी शिक्षक व प्रशिक्षकों की टीम है. जिसमे प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर समेत सभी क्षेत्र के लोग जुड़े है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन/ऑफलाइन क्लास, टेस्ट पेपर, मॉक इंटरव्यू, यू-ट्यूब पर क्लासेज आदि संचालित की जाती है. जल्दी ही सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पढ़ाई के लिए टैबलेट भी देगी.

अभ्युदय योजना (Abhuday Scheme) से जुड़े अवकाश प्राप्त राष्ट्रपति पदक प्राप्त डिप्टी एसपी शिशिर त्रिवेदी ने बताया कि प्राइवेट कोचिंग संस्था मोटी रकम वसूलते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की अभ्युदय योजना निःशुल्क युवाओं का जीवन सवार रही है. वाराणसी मंडल के मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के डिविजनल सर्च कमेटी के सदस्य शेखर खन्ना प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लगातार अनुभवी फैकल्टी को अभ्युदय योजना से जोड़ रहे हैं.

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इसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर कॉउंसलिंग सेल के हेड व संस्थापक प्रदीप चंद्र शुक्ला रिटायर्ड डीआईजी शिव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड जज राजीव श्रीवास्तव, यूपी साइबर सेल के हेड आईपीएस अरविन्द चतुर्वेदी, आईआरएस पियूष शुक्ल जैसे अनुभवी लोगों के अलावा और भी कई लोग हैं. जिसका नतीजा महज कुछ महीनों में दिखने लगा.

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