वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबंधित तीन मेडिकल कॉलेज के मान्यता के अधर में बीएमएस के विद्यार्थियों का भविष्य फंसा हुआ है. विद्यापीठ से संबंधित डॉक्टर विजय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के छात्रों की अब तक परीक्षाएं नहीं कराई गई है. उसको लेकर के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कोर्ट के द्वारा परीक्षा कराने की स्वीकृति मिलने के बावजूद भी विश्वविद्यालय परीक्षा कराने में हीला हवाली कर रहा है, जिससे हमारा भविष्य खराब हो रहा. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर विधिक परामर्श लिया जा रहा है जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं कराई जा रही परीक्षा
विद्यार्थियों ने बताया कि 2018 -19 में हम लोगों का बीएमएस कोर्स में नीट के माध्यम से दाखिला हुआ था. काउंसलिंग कराने के लिए एलॉटमेंट लेटर भी हमारे पास मौजूद है. यदि मान्यता नहीं है तो उत्तर प्रदेश आयुष मंत्रालय ने दाखिले की अनुमति क्यों दी. उन्होंने कहा कि अन्य मेडिकल कॉलेज में हमारे बैच के दूसरी व्यवसायिक परीक्षा हो गई है. वहीं 2 साल से हम लोग अधर में पड़े हुए हैं.
कोई सुनने को नहीं है तैयार
विद्यार्थियों ने कहा कि विद्यापीठ के तीन मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रथम व्यवसाय की परीक्षा संपन्न हो गई है. मान्यता न होने के कारण कॉलेज हमारी परीक्षा कराने में असमर्थता जता रहे हैं. इसको लेकर के बीते दिन हमने कुलपति और कुलसचिव से गुहार लगाई, डीएम से भी मिलने गए, लेकिन हमसे किसी ने मुलाकात नहीं की. हमारे दुख को न ही कोई समझने वाला है और नही ह कोई सुनने वाला.
बस तीन कॉलेज की बची है परीक्षाएं
हालांकि कोर्ट द्वारा मिली स्वीकृति के बाद विद्यार्थियों में परीक्षा होने की एक आस जगी हुई है, जिसको लेकर के वह जद्दोजहद कर रहे हैं. हालांकि अभी तक परीक्षा की तिथी स्पष्ट नहीं की गई है.