वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आगामी 24 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को वीआईपी मूवमेंट की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंसिल कर दिया है. जिसके बाद छात्रों में इसे लेकर आक्रोश है. छात्रों की जुटान को देखते हुए विद्यापीठ कैंपस के भीतर व बाहर पुलिस बलों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी प्रकार कोई अप्रिय घटना न घटे. बताया गया कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का छात्रसंघ चुनाव अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. छात्रसंघ चुनाव स्थगित होने से प्रत्याशियों में आक्रोश है. छात्रों के हंगामे को देखते हुए विश्वविद्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने 21 से 24 दिसंबर तक विश्वविद्यालय में पूर्ण अवकाश की घोषणा कर दी है.
दरअसल, 17 नवंबर को काशी विद्यापीठ में छात्र संघ चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी और 24 दिसंबर को चुनाव की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन 23 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में आगमन है और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती उनके कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए की जा रही है.
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने वाराणसी पुलिस से पुलिस फोर्स की डिमांड की थी, लेकिन प्रशासन की तरफ से वीआईपी मूवमेंट की वजह से पुलिस फोर्स मुहैया न करा पाने की बात कही गई. जिसके बाद उक्त तिथि पर चुनाव को रद्द करते हुए दिसंबर माह में चुनाव न कराए जाने की बात विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी एक पत्र में कही गई है.
फिलहाल प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लिए गए इस फैसले के बाद छात्रों में काफी आक्रोश है, जो छात्र नेता चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, उनका कहना है कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब चुनावों की तिथि निर्धारित की गई थी तो अचानक से इसे रद्द क्यों किया जा रहा है. फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन अब अगली तिथि जल्द घोषित करने की बात कह रहा है.
चुनाव न होने से नाराज विद्यार्थियों ने कहा कि जब प्रशासन को पहले पता था कि 23 तारीख को शहर में वीआईपी मूवमेंट है तो पहले ही तिथि क्यों नहीं अलग निर्धारित की गई. अचानक से चुनाव स्थगित क्यों कर दिया गया, जबकि वीआईपी कार्यक्रम शहर के बाहर है. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की मनसा चुनाव नहीं कराने की है, इसलिए वह इस तरीके का विवाद कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जब तक पूर्व निर्धारित तिथि पर चुनाव कराने का निर्णय नहीं लिया जाता तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.
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