वाराणसीः लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में हैं. ऐसे में कई लोग अपनी प्रतिभा को निखार अपना लोहा मनवा रहे हैं. ऐसा ही कुछ काशी के दशाश्वमेध की रहनी वाली रोशनी ने किया है. रोशनी ने एक महीने के में 101 देशों के झंडों की रंगोली बनाई और उसी देश की भाषा में 'शांति' शब्द भी लिखा. रोशनी की इस रंगोली को 'वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया' में जगह मिली है, जिसके लिए उन्हें सर्टिफिकेट भी मिला है.
रोशनी यादव काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं. रोशनी को चित्र बनाने से ज्यादा, भारत की लोक कला की रंगोली बनाने में रुचि है. रोशनी पहले भी बनारस एवं अन्य शहरों में पांच सौ से ज्यादा रंगोलियां बना चुकी हैं. रोशनी द्वारा बनाई झंडों की रंगोली में हर देश का झंडा अलग-अलग साइज का बना है. तकरीबन हर देश के झंडे का साइज 12x9 है. इसको बनाने में करीब 10 किलो रोली एवं मार्बल का चूरा लगा है. वहीं रोशनी की इस कामयाबी से परिजन बहुत खुश हैं.
रंगोली में बनाया इन देशों का झंडा-
अल्जीरिया, अंगोला, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, अजरबैजन, बांग्लादेश, बेल्जियम, बेनिन, बोत्सवाना, ब्राजील, बुल्गारिया, बुर्किना फासो, बुरुंडी, कैमरून, कनाडा, केप वर्डे, चिली, चीन, कम्बोडिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक, डेनमार्क, डिजीबौटी, एस्टोनिया, इथियोपिया, फरो आइलैंड्स, फिनलैंड, फ्रेंच, गाम्बिया, जर्मनी, घाना, ग्रीक, ग्रीनलैंड, गिनी बिसाऊ, हाईटियन क्रियोल, हवाई, होंडुरास, हंगरी, आइसलैंड, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जमैका, जापान, केन्या, कोरिया, लाओस, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मेडागास्कर, मलावी, मलेशिया, मालदीव, माल्टा, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, म्यांमार, नाउरू, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, निकारागुआ, नाइजीरिया, नॉर्वे, पाकिस्तान, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, फिलिपींस, पोलैंड, पोर्टुगेसी, रोमानिया, रूस, रवांडा, समोआ, स्कॉटलैंड, सेनेगल, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, सोलोमन द्वीप, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, सीरिया, थाईलैंड, टोंगा, तुर्की, युगांडा, ब्रिटेन, यूक्रेन, अमेरिका, वियतनाम, जाम्बिया.
रोशनी ने बताया कि लॉकडाउन के दौर में खाली बैठी हुई थी. हमने देखा कि कई कलाकार घरों में बैठकर कुछ न कुछ कर रहे हैं और कुछ लोग दुनिया में शांति एवं सबके अच्छे स्वास्थ्य के लिए कला के जरिए संदेश भी दे रहे हैं. रोशनी ने बताया कि अपनी प्रेरणा स्रोत चार बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके डॉक्टर जगदीश पिल्लई के दिशा निर्देश में रंगोली बनाने का कार्य प्रारंभ किया.
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रोशनी का कहना है कि शुरू में देशों के नाम और भाषा खोजने में दिक्कत हुई, मगर बाद में देशों का झंडा एवं उस भाषा में 'शान्ति' कैसे लिखा जाता है, डॉ. जगदीश सर ने हमें भेज दिए. फिर 25 अप्रैल से ही मैंने अपने घर के छत पर ही झंडों की रंगोली बनना शुरू कर दी. प्रतिदिन तीन या चार रंगोलियां बनाती थी और 25 मई तक 101 झंडों की रंगोली बनाने में सफल हो गई. इस रंगोली के लिए 28 मई की शाम को मुझे वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया से सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ.