वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मयंक यादव की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मयंक के परिजनों सहित विद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को प्रदर्शन कर न्याय की गुहार लगाई. इस दौरान छात्रों ने सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रिसिंपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं, इस मामले में 48 घंटे बाद विद्यालय प्रशासन ने भी चुप्पी तोड़ी और अपनी सफाई दी. लेकिन छात्रों का साफ कहना है जब तक न्याय नहीं मिलेगा उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
केंद्रीय विद्यालय के छात्र उत्कर्ष श्रीवास्तव का कहना है कि मयंक को केबिन में बुलाकर मारा गया था. उसके माता-पिता को भी जलील किया गया था, जिसके चलते उसने आत्महत्या जैसे कदम उठाया. ऐसे में यहां के प्रिंसिपल दिवाकर सिंह और वाइस प्रिंसिपल विनीता सिंह को तुरंत हटा देना चाहिए. उन पर कार्रवाई करना चाहिए. अभी भी वह छात्रों को धमकी देकर गए हैं. पुलिस प्रशासन को ऐसे हत्यारों को गिरफ्तार करना चाहिए नहीं, तो यह लोग जांच सही से नहीं होने देंगे.
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मृतक की बहन तनीषा कुमारी ने बताया कि प्रिंसिपल सर मिलने आए और कहते हैं कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. आखिरकार उन्होंने मेरे भाई को केबिन में बुलाकर ऐसा क्या किया कि उसने आत्महत्या कर ली. इसलिए अब हम बाहर बुलाकर प्रिंसिपल से सबके सामने बात करना चाहते हैं. साथ ही मामले में सही जांच की मांग करते हैं.
केंद्रीय विद्यालय बीएयू के प्रिंसिपल दिवाकर सिंह ने बताया कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरा विद्यालय प्रशासन बहुत ही दुखी है. घटना की पुलिस जांच कर रही है, जिसमें विद्यालय प्रशासन द्वारा पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मोबाइल को लेकर छात्र से कुछ नहीं कहा गया है. जो भी बच्चे मोबाइल लेकर आते हैं, उनके पैरेंट्स को बुलाकर इसकी जानकारी दी जाती है.
मृतक छात्र मयंक के परिजनों का आरोप है कि स्कूल में गलती से मोबाइल लेकर चले जाने पर शिक्षकों और प्रिंसिपल ने अपमानित और प्रताड़ित किया. क्लास से सस्पेंड कर दिया. इसी तनाव में उसने रविवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
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