वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना ने देशभर में कोहराम मचा रखा है. हाल यह है कि हुजूर से लेकर हुक्मरान, क्या खास, क्या आम... कोरोना वायरस के कहर से सब खौफजदा हैं. सबसे तकलीफ देह बात है कि यह एक ऐसी बीमारी है कि जिससे इसकी यारी है, समझिए खत्म उसकी दुनियादारी है. इन सबसे अलग बीमारी के खौफ और दुनियादारी को भुलाकर एक शख्स है, जो बिना अपनी जान की परवाह किए दिन रात लोगों की सेवा में लगा हुआ है.
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जब हम शिवपुर राजकीय चिकित्सालय पहुचें तो सुनील एक केबिननुमा बॉक्स के अंदर से फूल बॉडी प्रोटेक्शन पहनकर संदिग्धों की जांच में जुटे थे. ईटीवी भारत की टीम सुनील यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि वह महीनों से घर परिवार को छोड़कर यहीं पर जमे हुए हैं. वहीं जब उनसे पूछा गया कि डर नहीं लगता तो उनका कहना था कि मेरे परिवार के अधिकतर लोग इसी फील्ड में हैं. मुझे डर नहीं लगता, यह तो मेरा कर्तव्य है.
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वह बताते हैं कि मुझे मां की बहुत याद आ रही है, मगर मां मेरा हौसला बढ़ाते हुए कहती हैं कि बेटा अपना ख्याल रखना और वहीं रहो, तुम्हारी जरूरत वहां ज्यादा है. यह बताते हुए सुनील की आंखे भर आईं. सुनील ने बातचीत के दौरान बताया कि वह घर वीडियो कॉल भी नहीं करते, ऐसा इसलिए कि कहीं परिवार या मां को देखकर वह भावुकता में कर्तव्यों से डगमगा न जाएं.