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मणिकर्णिका घाट से अचानक गायब हो गई मां काली की प्राचीन प्रतिमा, लोगों का फूटा गुस्सा - वाराणसी न्यूज़ टुडे

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat Varanasi) स्थित एक प्राचीन काली मंदिर (kali temple varanasi) में मां काली की प्राचीन प्रतिमा अचानक गायब होने से लोगों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों का कहना है कि माता की प्रतिमा कहां गई, कौन ले गया, किसी को नहीं पता है.

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प्राचीन काली मंदिर
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Published : Feb 8, 2022, 8:34 PM IST

वाराणसी: काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है और मंदिरों के शहर में यदि मंदिर से अचानक भगवान गायब हो जाए तो? निश्चित तौर पर यह हर किसी को थोड़ा परेशान जरूर कर देगा. आज वाराणसी के मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat Varanasi) स्थित एक प्राचीन काली मंदिर (kali temple varanasi) में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. यहां नियमित रूप से दर्शन करने वाले लोग जब मंदिर में माता का दर्शन करने पहुंचे, तो वहां प्रतिमा थी ही नहीं. इसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिला. बाद में इस प्रकरण में यह जानकारी हुई कि मंदिर में मौजूद प्रतिमा को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) निर्माण के दौरान वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखा गया है.

प्राचीन काली मंदिर

दरअसल मणिकर्णिका घाट पर सतुआ बाबा आश्रम के ठीक सामने प्राचीन आनंदमई मां काली का मंदिर है. यहां पर माता काली की भव्य प्रतिमा की आराधना कई सौ सालों से की जा रही है. यह प्राचीन मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है, लेकिन आज सुबह जब यहां पर दर्शन पूजन करने वाले लोग नियमित तरीके से आने लगे तो माता की प्रतिमा गायब दिखी.

स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर उनका कहना था कि माता की प्रतिमा कहां गई, कौन ले गया, किसी को नहीं पता है. इतना ही नहीं माता के मंदिर के बाहर बैठकर ध्यान और आराधना करने वाले कई संत भी काफी आहत है. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम चल रहा है और यह प्रतिमा कॉरिडोर के लोगों के द्वारा ही हटाई गई है, लेकिन इसकी सूचना अभी तक किसी को नहीं दी गई. यह धर्म से खिलवाड़ किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: भगवान भोलेनाथ का विवाह : बसंत पंचमी पर बड़े धूमधाम से मनाया गया बाबा का तिलकोत्सव

हालांकि जब इस बारे में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मंदिर पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा. मंदिर की एक तरह की दीवार पूरी तरह से जर्जर हो गई है और कॉरिडोर के अंदर यह मंदिर आ रहा है. इसलिए प्रतिमा को विधिवत पूजन पाठ के साथ वहां से हटाया गया है. इस बारे में सतुआ बाबा यानी संतोष दास महाराज को इसकी सूचना देकर उन्हें की मौजूदगी में अनुष्ठान पूर्ण कराया गया था. स्थानीय लोगों तक अगर इसकी जानकारी नहीं है तो उनको भी इस बारे में जानकारी करवा दी जाएगी और पूरे पूजन पाठ के साथ माता की प्रतिमा को जल्द ही नए मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

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वाराणसी: काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है और मंदिरों के शहर में यदि मंदिर से अचानक भगवान गायब हो जाए तो? निश्चित तौर पर यह हर किसी को थोड़ा परेशान जरूर कर देगा. आज वाराणसी के मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat Varanasi) स्थित एक प्राचीन काली मंदिर (kali temple varanasi) में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. यहां नियमित रूप से दर्शन करने वाले लोग जब मंदिर में माता का दर्शन करने पहुंचे, तो वहां प्रतिमा थी ही नहीं. इसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिला. बाद में इस प्रकरण में यह जानकारी हुई कि मंदिर में मौजूद प्रतिमा को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) निर्माण के दौरान वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखा गया है.

प्राचीन काली मंदिर

दरअसल मणिकर्णिका घाट पर सतुआ बाबा आश्रम के ठीक सामने प्राचीन आनंदमई मां काली का मंदिर है. यहां पर माता काली की भव्य प्रतिमा की आराधना कई सौ सालों से की जा रही है. यह प्राचीन मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है, लेकिन आज सुबह जब यहां पर दर्शन पूजन करने वाले लोग नियमित तरीके से आने लगे तो माता की प्रतिमा गायब दिखी.

स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर उनका कहना था कि माता की प्रतिमा कहां गई, कौन ले गया, किसी को नहीं पता है. इतना ही नहीं माता के मंदिर के बाहर बैठकर ध्यान और आराधना करने वाले कई संत भी काफी आहत है. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम चल रहा है और यह प्रतिमा कॉरिडोर के लोगों के द्वारा ही हटाई गई है, लेकिन इसकी सूचना अभी तक किसी को नहीं दी गई. यह धर्म से खिलवाड़ किया जा रहा है.

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हालांकि जब इस बारे में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मंदिर पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा. मंदिर की एक तरह की दीवार पूरी तरह से जर्जर हो गई है और कॉरिडोर के अंदर यह मंदिर आ रहा है. इसलिए प्रतिमा को विधिवत पूजन पाठ के साथ वहां से हटाया गया है. इस बारे में सतुआ बाबा यानी संतोष दास महाराज को इसकी सूचना देकर उन्हें की मौजूदगी में अनुष्ठान पूर्ण कराया गया था. स्थानीय लोगों तक अगर इसकी जानकारी नहीं है तो उनको भी इस बारे में जानकारी करवा दी जाएगी और पूरे पूजन पाठ के साथ माता की प्रतिमा को जल्द ही नए मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

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