ETV Bharat / state

महानाट्य जाणता राजा का मंचन शुरूः 350 साल बाद छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक की फिर गवाह बनी काशी, पहले दिन 10 हजार दर्शकों ने देखा नाटक

वाराणसी के बीएचयू परिसर में महानाट्य जाणता राजा का मंचन मंगलवार से शुरू हो गया. पहले दिन करीब दस हजार लोगों ने महानाट्य देखा.

Etv bharat
Etv bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 10:49 AM IST

काशी में मंगलवार से महानाट्य जाणता राजा का मंचन हो गया शुरू.

वाराणसीः धर्म नगरी काशी छत्रपति शिवाजी के जीवन मंचन की गवाह बन चुकी है. काशी में मंगलवार से महानाट्य जाणता राजा की शुरुआत हो गई है. पहले दिन छत्रपति शिवाजी के जीवन गाथा और हिंदवी स्वराज की उद्घोष पर पहले प्रसंग की शुरुआत हुई, जिसने दर्शकदीर्घा में बैठे हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस नाटक की जीवंतता को सजीव हाथी घोड़े और ऊंट ने और भी ज्यादा खूबसूरत बनाया और हर कोई ऐसा महसूस कर रहा था मानो वह 17वीं शताब्दी में हो. करीब 350 साल बाद काशी शिवाजी के राज्याभिषेक की गवाह बनी.

etv bharat
300 से ज्यादा कलाकारों ने लिया हिस्सा.



बता दें कि BHU के एमपी थियेटर मैदान में छत्रपति शिवाजी के जीवन पर आधारित जाणता राजा नाटक का मंचन किया जा रहा है, कल नाटक का पहला दिन था. नाटक में छत्रपति के जीवन से लेकर के उनके राज्याभिषेक तक के प्रसंग का मंचन किया गया. खास बात यह थी कि इस प्रसंग के दौरान हिंदवी स्वराज के उद्घोष ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया और इसके साथ ही हर ओर जय भवानी, हर हर महादेव, जय शिवाजी के नारे इस मंचन को और भी ज्यादा जीवंत बना रहे थे.

etv bharat
महानाट्य में शिवाजी के जन्म पर मनाई गईं खुशियां.
नाटक के पहले दिन की बात करें तो पहले दिन 3 घंटे के महानाट्य में हर पल कथानक व पात्रों की मौजूदगी ने यहां मौजूद दर्शकों को बांधे रखा. पहले दिन नाटक की शुरुआत मराठी लोक नृत्य लावणी से उत्साह भरे रंगत के बीच महाराष्ट्र पर पठानों के आक्रमण से शुरू होती है, जिसमें वहां के पुरुष व महिलाओं को बंधक बना लिया जाता है.
etv bharat
महानाट्य में मुगल दरबार का एक दृश्य.
etv bharat
महानाट्य का एक दृश्य.



ऐसे में शिवाजी का जन्म होता है और उनके शिक्षा से लेकर के उनकी शूरवीर बनने तक की गाथा को दर्शाया गया. बड़े होकर के शिवाजी हिंदवी स्वराज की कमान संभालते हैं और कोंकण समेत 84 बंदरगाहों को जीतते हैं. कहानी के मध्यांतर के बाद शाइस्ता खान की सवा लाख सैनिकों की सेना को वह परास्त करते हैं और उसके बाद उनका राज्यभिषेक किया जाता है. राज्याभिषेक के दौरान शानदार आतिशबाजी, नृत्य संगीत हर किसी को अपनी ओर मंत्रमुग्ध कर रहा था. ऐसा लग रहा था मानो 17वीं शताब्दी फिर से काशी में जीवंत हो गई हो. पहले दिन लगभग 10000 लोगों ने इस महानाट्य को देखा है.

etv bharat
महानाट्य में महिला कलाकारों की भूमिका भी शानदार रही.
etv bharat
दमदार डॉयलॉग ने बांधा समां.




तीन दशक पहले हुई थी इस महानाट्य की शुरुआत
बताते चले कि,इस महानाट्य में जीवंतता को दर्शाने के लिए हाथी घोड़ा ऊंट का प्रयोग किया गया है, जो इस कहानी को और भी ज्यादा जीवंत बना रहे हैं. साथ ही इसमें 300 कलाकार शामिल है. जिसमें 80 कलाकार महाराष्ट्र के पुणे से आए हैं, और लगभग 200 कलाकार स्थानीय है .वही नाटक की बात करें तो शिवाजी के वंशजों के द्वारा स्थापित महाराज शिव छत्रपति प्रतिष्ठान ट्रस्ट पुणे की ओर से इस महान नाटक की शुरुआत तीन दशक पहले की गई थी. इसे पहले मराठी में प्रस्तुत किया जाता था,उसके बाद इसका हिंदी रूपांतरण हुआ।अभी तक अमेरिका इंग्लैंड सहित कई देशों में 1100 बार से ज्यादा इसका मंचन हो चुका है. काशी में 1138 व मंचन किया गया किया जा रहा है.

etv bharat
महानाट्य का एक दृश्य.



लगभग 350 साल बाद काशी फिर बनी गवाह
गौरतलब है कि इस महानाट्य के काशी में मंचन के दौरान मुगल बादशाह अंग्रेज, उनके अधीन मनसबों परगनों में तैनात आदिल शाह, अफजल खान के साथ शिवाजी के संघर्षों की जीवंत प्रस्तुति की जा रही है. बता दें कि करीब 350 साल पहले 17वीं शताब्दी में शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के विद्वानों के जरिए किया गया था. महानाट्य में जब शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया तो एक बार काशी फिर इसकी गवाह बन गई.



औरंगजेब से युद्ध का मंचन आज
बता दें कि आज इस नाटक के मंचन में औरंगजेब से युद्ध के साथ हिंदवी स्वराज के सपने को किस तरीके से पूरा किया जाए, इस पर आधारित मंचन किया जाएगा.इस दौरान तकनीकी कलाओं के खेल एवं जीवंत हाथी, ऊंट,घोड़ा, खुला आसमान इस नाटक की जीवंतता को और भी ज्यादा प्रगाढ़ बनाएंगे. इसके साथ ही कार्यक्रम में आज मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी शामिल होंगे.

ये भी पढ़ेंः वाराणसी में गूंजेगी छत्रपति शिवाजी की 'दहाड़', 42 हजार लोग देखेंगे महानाट्य 'जाणता राजा'

ये भी पढ़ेंः राहुल गांधी के बयान पर भड़के काशी के संत, बोले- विदेशी कोख से पैदा हुईं संतानें भारत माता को क्या समझे

काशी में मंगलवार से महानाट्य जाणता राजा का मंचन हो गया शुरू.

वाराणसीः धर्म नगरी काशी छत्रपति शिवाजी के जीवन मंचन की गवाह बन चुकी है. काशी में मंगलवार से महानाट्य जाणता राजा की शुरुआत हो गई है. पहले दिन छत्रपति शिवाजी के जीवन गाथा और हिंदवी स्वराज की उद्घोष पर पहले प्रसंग की शुरुआत हुई, जिसने दर्शकदीर्घा में बैठे हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस नाटक की जीवंतता को सजीव हाथी घोड़े और ऊंट ने और भी ज्यादा खूबसूरत बनाया और हर कोई ऐसा महसूस कर रहा था मानो वह 17वीं शताब्दी में हो. करीब 350 साल बाद काशी शिवाजी के राज्याभिषेक की गवाह बनी.

etv bharat
300 से ज्यादा कलाकारों ने लिया हिस्सा.



बता दें कि BHU के एमपी थियेटर मैदान में छत्रपति शिवाजी के जीवन पर आधारित जाणता राजा नाटक का मंचन किया जा रहा है, कल नाटक का पहला दिन था. नाटक में छत्रपति के जीवन से लेकर के उनके राज्याभिषेक तक के प्रसंग का मंचन किया गया. खास बात यह थी कि इस प्रसंग के दौरान हिंदवी स्वराज के उद्घोष ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया और इसके साथ ही हर ओर जय भवानी, हर हर महादेव, जय शिवाजी के नारे इस मंचन को और भी ज्यादा जीवंत बना रहे थे.

etv bharat
महानाट्य में शिवाजी के जन्म पर मनाई गईं खुशियां.
नाटक के पहले दिन की बात करें तो पहले दिन 3 घंटे के महानाट्य में हर पल कथानक व पात्रों की मौजूदगी ने यहां मौजूद दर्शकों को बांधे रखा. पहले दिन नाटक की शुरुआत मराठी लोक नृत्य लावणी से उत्साह भरे रंगत के बीच महाराष्ट्र पर पठानों के आक्रमण से शुरू होती है, जिसमें वहां के पुरुष व महिलाओं को बंधक बना लिया जाता है.
etv bharat
महानाट्य में मुगल दरबार का एक दृश्य.
etv bharat
महानाट्य का एक दृश्य.



ऐसे में शिवाजी का जन्म होता है और उनके शिक्षा से लेकर के उनकी शूरवीर बनने तक की गाथा को दर्शाया गया. बड़े होकर के शिवाजी हिंदवी स्वराज की कमान संभालते हैं और कोंकण समेत 84 बंदरगाहों को जीतते हैं. कहानी के मध्यांतर के बाद शाइस्ता खान की सवा लाख सैनिकों की सेना को वह परास्त करते हैं और उसके बाद उनका राज्यभिषेक किया जाता है. राज्याभिषेक के दौरान शानदार आतिशबाजी, नृत्य संगीत हर किसी को अपनी ओर मंत्रमुग्ध कर रहा था. ऐसा लग रहा था मानो 17वीं शताब्दी फिर से काशी में जीवंत हो गई हो. पहले दिन लगभग 10000 लोगों ने इस महानाट्य को देखा है.

etv bharat
महानाट्य में महिला कलाकारों की भूमिका भी शानदार रही.
etv bharat
दमदार डॉयलॉग ने बांधा समां.




तीन दशक पहले हुई थी इस महानाट्य की शुरुआत
बताते चले कि,इस महानाट्य में जीवंतता को दर्शाने के लिए हाथी घोड़ा ऊंट का प्रयोग किया गया है, जो इस कहानी को और भी ज्यादा जीवंत बना रहे हैं. साथ ही इसमें 300 कलाकार शामिल है. जिसमें 80 कलाकार महाराष्ट्र के पुणे से आए हैं, और लगभग 200 कलाकार स्थानीय है .वही नाटक की बात करें तो शिवाजी के वंशजों के द्वारा स्थापित महाराज शिव छत्रपति प्रतिष्ठान ट्रस्ट पुणे की ओर से इस महान नाटक की शुरुआत तीन दशक पहले की गई थी. इसे पहले मराठी में प्रस्तुत किया जाता था,उसके बाद इसका हिंदी रूपांतरण हुआ।अभी तक अमेरिका इंग्लैंड सहित कई देशों में 1100 बार से ज्यादा इसका मंचन हो चुका है. काशी में 1138 व मंचन किया गया किया जा रहा है.

etv bharat
महानाट्य का एक दृश्य.



लगभग 350 साल बाद काशी फिर बनी गवाह
गौरतलब है कि इस महानाट्य के काशी में मंचन के दौरान मुगल बादशाह अंग्रेज, उनके अधीन मनसबों परगनों में तैनात आदिल शाह, अफजल खान के साथ शिवाजी के संघर्षों की जीवंत प्रस्तुति की जा रही है. बता दें कि करीब 350 साल पहले 17वीं शताब्दी में शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के विद्वानों के जरिए किया गया था. महानाट्य में जब शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया तो एक बार काशी फिर इसकी गवाह बन गई.



औरंगजेब से युद्ध का मंचन आज
बता दें कि आज इस नाटक के मंचन में औरंगजेब से युद्ध के साथ हिंदवी स्वराज के सपने को किस तरीके से पूरा किया जाए, इस पर आधारित मंचन किया जाएगा.इस दौरान तकनीकी कलाओं के खेल एवं जीवंत हाथी, ऊंट,घोड़ा, खुला आसमान इस नाटक की जीवंतता को और भी ज्यादा प्रगाढ़ बनाएंगे. इसके साथ ही कार्यक्रम में आज मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी शामिल होंगे.

ये भी पढ़ेंः वाराणसी में गूंजेगी छत्रपति शिवाजी की 'दहाड़', 42 हजार लोग देखेंगे महानाट्य 'जाणता राजा'

ये भी पढ़ेंः राहुल गांधी के बयान पर भड़के काशी के संत, बोले- विदेशी कोख से पैदा हुईं संतानें भारत माता को क्या समझे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.