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काशी पहुंचकर सद्गुरु ने मनाया आत्मज्ञान दिवस, भक्तों संग विश्वनाथ धाम में किया सत्संग - वाराणसी जग्गी वासुदेव

वाराणसी पहुंचे आध्यात्मिक गुरु पद्म विभूषण सदगुरु जग्गी वासुदेव ने काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में मौजूद अपने अनुयायियों के साथ आत्मज्ञान दिवस मनाया. इस दौरान जग्गी वासुदेव और उनके अनुयायियों ने बाबा विश्वनाथ के साथ ही बाबा कालभैरव के भी दर्शन किए.

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु.
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु.
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Published : Sep 24, 2022, 7:06 AM IST

Updated : Sep 24, 2022, 7:13 AM IST

वाराणसी: शिव उपासक और आध्यात्मिक गुरु पद्म विभूषण सदगुरु जग्गी वासुदेव शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने पूरा दिन पूजन पाठ करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में मौजूद अपने अनुयायियों के साथ आत्मज्ञान दिवस मनाया. वैसे सदगुरु समय-समय पर काशी आते रहते हैं, लेकिन 2 सालों के बाद उनका यहां आना हुआ है और शुक्रवार को उन्होंने काशी में ही अपने आत्मज्ञान प्राप्ति के दिन को इस दिवस के नाम से ही मनाया.

24 वर्ष की आयु में जग्गी वासुदेव को मैसूर के निकट स्थित चामुंडी पहाड़ी में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसके बाद वह योग जगत में लीन हो गए थे. योग साधना में महारत हासिल करने के बाद उन्हें जगदीश वासुदेव से सद्गुरु जग्गी वासुदेव पुकारा जाने लगा. सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने आज काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के साथ ही अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन सत्संग किया.

जग्गी वासुदेव और उनके अनुयायियों ने बाबा विश्वनाथ के साथ ही बाबा कालभैरव के दर्शन किए और दोपहर बाद सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने होटल ताज में अपने अनुयायियों के साथ विशेष समागम किया. शाम को उन्होंने ऑनलाइन सत्संग किया. जिसमें उनके साथ लाखों अनुयायी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े. जग्गी वासुदेव ने कहा कि नदियों, जंगलों और मिट्‌टी का संरक्षण करें. हमारा पर्यावरण जितना ही सुरक्षित रहेगा. हम उतने ही ज्यादा स्वस्थ रहेंगे. नदियों के संरक्षण के लिए मौजूदा समय में अभियान चलाने वाले सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने अपना आत्मज्ञान दिवस यथासंभव काशी में ही मनाने का निर्णय लिया था.

इसे भी पढे़ं- आध्यात्मिक गुरु जग्गी 'ग्रीन इंडिया चैलेंज' का पांचवा संस्करण करेंगे जारी

वाराणसी: शिव उपासक और आध्यात्मिक गुरु पद्म विभूषण सदगुरु जग्गी वासुदेव शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने पूरा दिन पूजन पाठ करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में मौजूद अपने अनुयायियों के साथ आत्मज्ञान दिवस मनाया. वैसे सदगुरु समय-समय पर काशी आते रहते हैं, लेकिन 2 सालों के बाद उनका यहां आना हुआ है और शुक्रवार को उन्होंने काशी में ही अपने आत्मज्ञान प्राप्ति के दिन को इस दिवस के नाम से ही मनाया.

24 वर्ष की आयु में जग्गी वासुदेव को मैसूर के निकट स्थित चामुंडी पहाड़ी में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसके बाद वह योग जगत में लीन हो गए थे. योग साधना में महारत हासिल करने के बाद उन्हें जगदीश वासुदेव से सद्गुरु जग्गी वासुदेव पुकारा जाने लगा. सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने आज काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के साथ ही अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन सत्संग किया.

जग्गी वासुदेव और उनके अनुयायियों ने बाबा विश्वनाथ के साथ ही बाबा कालभैरव के दर्शन किए और दोपहर बाद सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने होटल ताज में अपने अनुयायियों के साथ विशेष समागम किया. शाम को उन्होंने ऑनलाइन सत्संग किया. जिसमें उनके साथ लाखों अनुयायी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े. जग्गी वासुदेव ने कहा कि नदियों, जंगलों और मिट्‌टी का संरक्षण करें. हमारा पर्यावरण जितना ही सुरक्षित रहेगा. हम उतने ही ज्यादा स्वस्थ रहेंगे. नदियों के संरक्षण के लिए मौजूदा समय में अभियान चलाने वाले सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने अपना आत्मज्ञान दिवस यथासंभव काशी में ही मनाने का निर्णय लिया था.

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Last Updated : Sep 24, 2022, 7:13 AM IST
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