वाराणसी: राइस फोर्टिफिकेशन व सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत फोर्टिफाइड राइस वितरण के संदर्भ में अध्ययन के लिए बांग्लादेश का एक उच्चस्तरीय डेलिगेशन मंगलवार को वाराणसी पहुंचा. डेलिगेशन ने मंगलवार को जिलाधिकारी एस. राजलिंगम से मिलकर जिले में फोर्टिफाइड चावल के संबंध में चर्चा की.
जिलाधिकारी ने डेलिगेशन को बताया कि जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत राशन की दुकानों से वितरित होने वाले फोर्टिफाइड चावल के साथ स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व आईसीडीएस के अन्तर्गत वितरित होने वाले अनपूरक पुष्टाहार में शत-प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल का उपयोग किया जा रहा है. वर्ष 2021 में जनपद में सर्वप्रथम राशन की दुकान से फोर्टिफाइड चावल के वितरण की शुरुआत विकास खण्ड सेवापुरी से हुई थी, जिसे मई 2022 में संपूर्ण जनपद में लागू कर दिया गया.
वर्तमान में जनपद में स्थापित कुल उचित दर दुकानों की संख्या 1354 है, जिनके माध्यम से राशन वितरण का कार्य कराया जा रहा है. वर्तमान में कुल प्रचलित राशनकार्ड-601537, जिनमें 49498 अन्त्योदय एवं 552039 पात्र गृहस्थी राशनकार्ड हैं. जिनमे कुल यूनिट 2666076 है. जनपद वाराणसी में वर्ष 2020-21 में 781.169 मीट्रिक टन, वर्ष 2021-22 में 4634.058 मी.टन व वर्ष 2022-23 में (माह अक्टूबर, 2022 तक) कुल 57066.770 मी.टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण कराया जा चुका है.
क्या है फोर्टिफाइड चावल? फोर्टिफाइड चावल का मतलब है, पोषकयुक्त चावल. इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड चावल भी तैयार किए जाते हैं. इन्हें आम चावलों में मिलाकर खाया जाता है. ये देखने में बिल्कुल आम चावलों जैसे ही लगते हैं. इनका स्वाद भी बेहतर बताया जाता है. फूड सेफ्टी रेग्युलेटर के मुताबिक इन्हें खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
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