वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट की दावेदारी को लेकर मामला बहुत रोचक हो चुका है. आज समाजवादी पार्टी की तरफ से चंदा यादव और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूनम मौर्या ने अपना नामांकन दाखिल किया है. नामांकन दाखिल होने के बाद दोनों पार्टियों की तरफ से दोनों प्रत्याशियों के पर्चे पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. अब शाम 6 बजे के बाद यह फैसला होगा कि किसका पर्चा खारिज होता है और कौन मैदान में बना रहता है. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी जिला अधिकारी वाराणसी पर सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगा रही है.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव का कहना है कि जिला अधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा सत्ता के दबाव में काम कर रहे हैं. सुबह पर्चा दाखिल होने के बाद जिलाधिकारी को किसी का फोन आया और उसके बाद उनका रुख अचानक से बदल गया. समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी चंदा यादव के पर्चे पर बीजेपी के लोगों ने फर्जी नोटरी लगाए जाने का आरोप लगाते हुए आपत्ति पत्र दाखिल किया. जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने भी बीजेपी की प्रत्याशी पूनम मौर्या की तरफ से नाम आधा लिखे जाने और अपनी जाति का जिक्र न किए जाने की बात करते हुए बीजेपी प्रत्याशी की भी नोटरी फर्जी होने की बात करते हुए आपत्ति पत्र दाखिल किया.
फिलहाल जिलाधिकारी वाराणसी का कहना है कि दोनों की आपत्तियों की जांच की जा रही है और दोनों को इसके लिए सबूत प्रस्तुत करने के लिए 3 घंटे का वक्त दिया गया है. शाम 6 बजे के बाद पर्चे की जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी.