वाराणसीः एसआईटी की टीम बीएसपी सांसद अतुल राय पर हुए रेप के मुकदमे के जांच के सिलसिले में वाराणसी पहुंची. एसआईटी की जांच टीम में शामिल पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नत बोर्ड डॉक्टर आर के विश्वकर्मा और एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत ने युवती द्वारा दर्ज कराए गए रेप के मुकदमे से लेकर कब क्या हुआ इसकी पूरी जानकारी ली.
वहीं जांच टीम के दोनों अधिकारियों ने युवती और उसके गवाह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे और शिकायतों से संबंधित सभी कागजात देखा. वहीं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी के अधिकारियों को बताया कि युवती ने 1 मई 2019 को लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था. अतुल राय 22 जून 2019 से जेल में है. 30 जून 2019 को अतुल राय के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. फिलहाल ये मामला प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है.
वहीं 23 नवंबर 2020 को अदालत के आदेश से बसपा सांसद अतुल राय के भाई पवन के प्रार्थना पत्र पर रेप पीड़ित और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में 2 अगस्त 2021 को अदालत ने दुष्कर्म पीड़ित के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. मुकदमे की सही से विवेचना न करने के कारण थाना प्रभारी कैण्ट राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरजाशंकर यादव को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही जांच का आदेश दिया गया है.
वहीं 2 दिसंबर 2020 को रेप पीड़ित के गवाह सत्यम प्रकाश राय ने गवाही न देने के लिए धमकाने के आरोप में लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोपी शोभित सिंह और शुभम सिंह के खिलाफ 7 जनवरी 2021 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया.
4 दिसंबर 2020 को रेप पीड़िता ने सोशल मीडिया में अपने खिलाफ दुष्प्रचार के आरोप में लंका थाने में अतुल राय और सुधीर राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे से संबंधित आरोपपत्र 25 फरवरी 2021 को अदालत में दाखिल किया गया था.
रेप पीड़िता के प्रकरण की जांच आख्या में अनुचित टिप्पणी करने के आरोप में तत्कालीन क्षेत्राधिकारी भेलूपुर अमरेश सिंह बघेल को 30 दिसंबर 2020 को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया था. निलंबित क्षेत्राधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच आईजी रेंज प्रयागराज द्वारा की जा रही है.
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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को किया गया गिरफ्तार
वहीं आपको बता दें कि पीड़िता और उसके गवाह ने आत्मदाह से पहले जिन अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम लिया था. उनकी भूमिका की जांच एसआईटी की टीम द्वारा जारी है. वहीं शुक्रवार को इस प्रकरण में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. अमिताभ ठाकुर को उनके आवास से गिरफ्तार कर पुलिस ने अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था.