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हाईकोर्ट के फैसले से पहले ASI तैयार कर रही ज्ञानवापी का डिजिटल नक्शा

हाईकोर्ट के फैसले से पहले एसआईटी टीम ज्ञानवापी का डिजिटल नक्शा तैयार करने में जुट गई है. जिसके के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण और मंदिर प्रशासन से पुराने नक्शे की कॉपी भी मांगी गई है.

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Published : Aug 2, 2023, 5:14 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम अपना काम शुरू कर चुकी है. हालांकि, हाईकोर्ट कल यानी 3 अगस्त को ज्ञानवापी का सर्वे होने या न होने का फैसला सुनाने वाला है. लेकिन इसके पहले ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. जिसके लिए एएसआई की टीम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण और मंदिर प्रशासन से मिलकर पुराने नक्शे की कॉपी भी मांगी है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण की मदद से एएसआई की टीम ने डिजिटल और आसान तरीके से नक्शा बनाने का काम पिछले दिनों ही शुरू किया था.

बता दें कि 21 जुलाई को सिविल कोर्ट के ऑर्डर के बाद 24 जुलाई को 4 घंटे तक ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी फोटोग्राफी और पूरी मैपिंग करने के बाद एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी के वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का एक मैप तैयार किया था. इसी आधार पर टीम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण मंदिर प्रशासन की मदद से डिजिटल नक्शा तैयार करना शुरू कर दिया था. अब मंदिर प्रशासन से भी पुराना नक्शा मांग कर इस पूरे नक्शे का डिजिटल स्वरूप तैयार करने का काम एएसआई की टीम कर रही है.

हालांकि, टीम के अधिकांश सदस्य दिल्ली आगरा और लखनऊ से हैं. लेकिन, वाराणसी की लोकल टीम के साथ दिल्ली की टीम कोऑर्डिनेट करते हुए दस्तावेज के आधार पर डिजिटल नक्शा तैयार कर रही है. टीम के सदस्यों ने कुछ किताबों का संज्ञान लेते हुए ज्ञानवापी सहित उसके आसपास का नक्शा और ज्ञानवापी से केंद्रित आसपास के 100 मीटर एरियल व्यू की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी कई लोगों के जरिए हासिल की है. इसके अतिरिक्त पुराने सर्वे के सभी फोटोग्राफ को सामने रखकर सभी पहलुओं को डिजिटल नक्शे में तैयार किया जा रहा है.

विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से एएसआई की टीम ने मुलाकात करते हुए पुराने नक्शे की भी मांग की थी, जो कॉरिडोर निर्माण से पहले का है. फिलहाल पुराना नक्शा तैयार करने के साथ ही डिजिटल नक्शे के साथ एएसआई के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी के साथ 32 सदस्य टीम इस पूरे कार्य में लगी हुई है. वहीं, एएसआई के 4 घंटे के सर्वे के बाद अब वादी पक्ष भी अपने हिसाब से चीजों को मेंटेन करने और तथ्य इकट्ठा करने का काम कर रहा है. इस मामले में विष्णु शंकर जैन और अन्य वादी पक्ष के वकीलों के द्वारा पुराने फोटो और साक्ष्य का इस्तेमाल कल 3 अगस्त को होने वाली सुनवाई में करने की तैयारी की जा रही है. वहीं, कल एएसआई सर्वे के फैसले से पहले वाराणसी में सतर्कता बढ़ती जा रही है.

वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम अपना काम शुरू कर चुकी है. हालांकि, हाईकोर्ट कल यानी 3 अगस्त को ज्ञानवापी का सर्वे होने या न होने का फैसला सुनाने वाला है. लेकिन इसके पहले ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. जिसके लिए एएसआई की टीम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण और मंदिर प्रशासन से मिलकर पुराने नक्शे की कॉपी भी मांगी है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण की मदद से एएसआई की टीम ने डिजिटल और आसान तरीके से नक्शा बनाने का काम पिछले दिनों ही शुरू किया था.

बता दें कि 21 जुलाई को सिविल कोर्ट के ऑर्डर के बाद 24 जुलाई को 4 घंटे तक ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी फोटोग्राफी और पूरी मैपिंग करने के बाद एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी के वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का एक मैप तैयार किया था. इसी आधार पर टीम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण मंदिर प्रशासन की मदद से डिजिटल नक्शा तैयार करना शुरू कर दिया था. अब मंदिर प्रशासन से भी पुराना नक्शा मांग कर इस पूरे नक्शे का डिजिटल स्वरूप तैयार करने का काम एएसआई की टीम कर रही है.

हालांकि, टीम के अधिकांश सदस्य दिल्ली आगरा और लखनऊ से हैं. लेकिन, वाराणसी की लोकल टीम के साथ दिल्ली की टीम कोऑर्डिनेट करते हुए दस्तावेज के आधार पर डिजिटल नक्शा तैयार कर रही है. टीम के सदस्यों ने कुछ किताबों का संज्ञान लेते हुए ज्ञानवापी सहित उसके आसपास का नक्शा और ज्ञानवापी से केंद्रित आसपास के 100 मीटर एरियल व्यू की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी कई लोगों के जरिए हासिल की है. इसके अतिरिक्त पुराने सर्वे के सभी फोटोग्राफ को सामने रखकर सभी पहलुओं को डिजिटल नक्शे में तैयार किया जा रहा है.

विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से एएसआई की टीम ने मुलाकात करते हुए पुराने नक्शे की भी मांग की थी, जो कॉरिडोर निर्माण से पहले का है. फिलहाल पुराना नक्शा तैयार करने के साथ ही डिजिटल नक्शे के साथ एएसआई के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी के साथ 32 सदस्य टीम इस पूरे कार्य में लगी हुई है. वहीं, एएसआई के 4 घंटे के सर्वे के बाद अब वादी पक्ष भी अपने हिसाब से चीजों को मेंटेन करने और तथ्य इकट्ठा करने का काम कर रहा है. इस मामले में विष्णु शंकर जैन और अन्य वादी पक्ष के वकीलों के द्वारा पुराने फोटो और साक्ष्य का इस्तेमाल कल 3 अगस्त को होने वाली सुनवाई में करने की तैयारी की जा रही है. वहीं, कल एएसआई सर्वे के फैसले से पहले वाराणसी में सतर्कता बढ़ती जा रही है.

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