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वाराणसी: मिट्टी के सिल्ट हटने से गंगा घाटों पर फिर लौटी रौनक

यूपी के वाराणसी में बाढ़ के पानी में डूबे घाटों की सीढ़ियों की सफाई अब शुरू हो गई. नगर निगम और समाजसेवी संस्थाओं के साथ स्थानीय लोग भी सफाई में सहयोग कर रहे हैं.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.
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Published : Oct 22, 2019, 10:43 AM IST

वाराणसी: जिले में महीने से बाढ़ के पानी में डूबे घाटों की सीढ़ियों की सफाई अब शुरू हो गई. बाढ़ के बाद इन सीढ़ियों पर मिट्टी के सिल्ट जम गए थे, जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

वहीं अब नगर निगम ही नहीं बल्कि समाजसेवी संस्थाएं भी घाटों की सफाई में जुट गई हैं. अस्सी घाट से लगे सभी घाटों पर सफाई का काम जारी है. नगर निगम और समाजसेवी संस्थाओं के साथ स्थानीय लोग भी सफाई में सहयोग कर रहे हैं. यह सफाई अलग-अलग घाटों पर पंप के जरिए की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद: छठ पर्व की तैयारियों में जुटा नगर-निगम, हिंडन घाट पर हुई साफ-सफाई

स्थानीय निवासी सरोज निषाद ने बताया
हम लोग पिछले चार दिनों से घाट की सफाई कर रहे हैं. 10 फुट से ज्यादा ऊपर तक मिट्टी के सिल्ट लगे हुए थे. इस मिट्टी के सिल्ट को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. दिन और रात को मिलाकर पंप चलाए जा रहे हैं, जिसमें नगर निगम के साथ सामाजिक संस्थाएं भी घाटों को साफ करने में सहयोग कर रही हैं. हम जल्द ही घाटों को साफ करके उसके पुराने स्वरूप को फिर से लौटा देंगे.

वाराणसी: जिले में महीने से बाढ़ के पानी में डूबे घाटों की सीढ़ियों की सफाई अब शुरू हो गई. बाढ़ के बाद इन सीढ़ियों पर मिट्टी के सिल्ट जम गए थे, जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

वहीं अब नगर निगम ही नहीं बल्कि समाजसेवी संस्थाएं भी घाटों की सफाई में जुट गई हैं. अस्सी घाट से लगे सभी घाटों पर सफाई का काम जारी है. नगर निगम और समाजसेवी संस्थाओं के साथ स्थानीय लोग भी सफाई में सहयोग कर रहे हैं. यह सफाई अलग-अलग घाटों पर पंप के जरिए की जा रही है.

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स्थानीय निवासी सरोज निषाद ने बताया
हम लोग पिछले चार दिनों से घाट की सफाई कर रहे हैं. 10 फुट से ज्यादा ऊपर तक मिट्टी के सिल्ट लगे हुए थे. इस मिट्टी के सिल्ट को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. दिन और रात को मिलाकर पंप चलाए जा रहे हैं, जिसमें नगर निगम के साथ सामाजिक संस्थाएं भी घाटों को साफ करने में सहयोग कर रही हैं. हम जल्द ही घाटों को साफ करके उसके पुराने स्वरूप को फिर से लौटा देंगे.

Intro:धर्म और अध्यात्म का शहर बनारस को घाटों का शहर भी कहा जाता है ऐसे में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक बनारस घूमने आते हैं और इन घाटों पर घाटवाक से भगवान विश्वनाथ की नगरी अद्भुत दृश्य को देखते हैं वही सुबह ऐ बनारस और शाम की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती भी घाटों पर ही होती है।


Body:2 महीने से बाढ़ के पानी में डूबे घाटों की सीढ़ियों की सफाई अब शुरू हो गई। बाढ़ के बाद इन सीढ़ियों पर मिट्टी के सिल्ट जमा हो गए थे जिसे पर्यटक सहित स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।लेकिन अब नगर निगम ही नहीं बल्कि समाजसेवी संस्थाएं भी घाटों की सफाई में जुट गई।अस्सी घाट से लगायात सभी घाटों पर सफाई का काम जारी है नगर निगम और समाजसेवी संस्थाएं के साथ स्थानीय लोग भी सफाई में सहयोग कर रहे हैं अलग-अलग घाटों पर पंप के जरिए यह सफाई किया जा रहा है.

आज से लगभग 10 दिन पहले ईटीवी भारत नहीं घाटों पर मिट्टी के सिल्ट जमे में खबर दिखाया था जिसके बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में आया और उसके बाद घाटों से मिट्टी के सिल्ट को हटाया जा रहा है।


Conclusion:सरोज निषाद ने बताया कि हम लोग पिछले 4 दिनों से घाट की सफाई कर रहे हैं जैसा कि आप यह जानते थे कि 10 फुट से ज्यादा ऊपर तक मिट्टी के सिल्ट लगे हुए थे धीरे-धीरे इसे हटाया जा रहा है दिन रात मिलाकर पंप चलाए जा रहे हैं जिसमें नगर निगम के साथ सामाजिक संस्थाएं भी घाटों को साफ करने में सहयोग कर रही हैं। हम जल्द ही घाटों को साफ करके उनके पुराने स्वरूप में उनको ला देंगे।

बाईट :-- सरोज निषाद,स्थानीय,वाराणसी

आशुतोष उपाध्याय
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