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वाराणसी: आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन, खिलाड़ियों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस आयोजन में मूक-बधिर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से अच्छे अच्छों को चौंका रहे हैं. इस आयोजन में 200 से ज्यादा ऐसे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है जो न ही बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं.

दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन.
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Published : Nov 16, 2019, 11:21 PM IST

वाराणसी: जिले में इन दिनों हो रहे आठवें मूक-बधिर स्पोर्ट्स इवेंट में यूपी के अलग-अलग जिलों से आए मूक-बधिर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से अच्छे अच्छों को चौंका रहे हैं. बैडमिंटन, लॉन्ग जंप, 10 मीटर की रिले दौड़ सहित बहुत से स्पोर्ट्स इवेंट बनारस में 2 दिनों के लिए शुरू हुए हैं. आज आयोजन के पहले दिन मेरठ, बुलंदशहर, वाराणसी समेत कई जिलों से आए मूक-बधिर खिलाड़ियों ने बिना बोले और बिना सुने अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी जी जान लगा दी.

दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन.

दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन

  • वाराणसी में दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है.
  • इस प्रतियोगिता में 200 से ज्यादा ऐसे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है जो न ही बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं.
  • इतने बड़े आयोजन में लगभग 12 से ज्यादा जिलों से यह खिलाड़ी इस खेल आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.
  • आम खेल प्रतियोगिताओं की तरह इस प्रतियोगिता में माइक और लाउडस्पीकर प्रयोग नहीं हो रहा है.
  • यहां तक कि प्रतियोगिता देखने पहुंचे दर्शक भी मूक और बधिर होने की वजह से चुपचाप इस पूरे आयोजन को देख रहे हैं.
  • इशारों-इशारों में खिलाड़ी अपनी खुशी का इजहार इस आयोजन में शामिल होने के बाद करते दिखे.

इसे भी पढ़ें- नृत्य गोपाल दास ने मेरे गुरु पर दबाव बनाकर मुझे निष्कासित कराया: महंत परमहंस दास

मैदान में पसीना बहाकर अपने सपने को पूरा करने में जुटे यह मूक-बधिर खिलाड़ी बीते कई दिनों से पसीना बहा रहे हैं. रविवार को इस आयोजन का आखरी दिन होगा, लेकिन इससे पहले ही बनारस के इस खास खेल आयोजन ने उन लोगों को एक सीख देने का काम किया है जो जिंदगी में सब कुछ होते हुए भी उससे मायूस होते हैं.

वाराणसी: जिले में इन दिनों हो रहे आठवें मूक-बधिर स्पोर्ट्स इवेंट में यूपी के अलग-अलग जिलों से आए मूक-बधिर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से अच्छे अच्छों को चौंका रहे हैं. बैडमिंटन, लॉन्ग जंप, 10 मीटर की रिले दौड़ सहित बहुत से स्पोर्ट्स इवेंट बनारस में 2 दिनों के लिए शुरू हुए हैं. आज आयोजन के पहले दिन मेरठ, बुलंदशहर, वाराणसी समेत कई जिलों से आए मूक-बधिर खिलाड़ियों ने बिना बोले और बिना सुने अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी जी जान लगा दी.

दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन.

दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन

  • वाराणसी में दो दिवसीय आठवें मूक-बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है.
  • इस प्रतियोगिता में 200 से ज्यादा ऐसे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है जो न ही बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं.
  • इतने बड़े आयोजन में लगभग 12 से ज्यादा जिलों से यह खिलाड़ी इस खेल आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.
  • आम खेल प्रतियोगिताओं की तरह इस प्रतियोगिता में माइक और लाउडस्पीकर प्रयोग नहीं हो रहा है.
  • यहां तक कि प्रतियोगिता देखने पहुंचे दर्शक भी मूक और बधिर होने की वजह से चुपचाप इस पूरे आयोजन को देख रहे हैं.
  • इशारों-इशारों में खिलाड़ी अपनी खुशी का इजहार इस आयोजन में शामिल होने के बाद करते दिखे.

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मैदान में पसीना बहाकर अपने सपने को पूरा करने में जुटे यह मूक-बधिर खिलाड़ी बीते कई दिनों से पसीना बहा रहे हैं. रविवार को इस आयोजन का आखरी दिन होगा, लेकिन इससे पहले ही बनारस के इस खास खेल आयोजन ने उन लोगों को एक सीख देने का काम किया है जो जिंदगी में सब कुछ होते हुए भी उससे मायूस होते हैं.

Intro:रैप से भेजी है।

स्पेशल:

वाराणसी: कहते हैं जब इंसान अपने जज्बातों को बोलकर और दूसरों की बातों को सुनकर उसे बयां करने की कोशिश करता है तो निश्चित तौर पर उसके अल्फाज उसे बड़ी मदद करते हैं और कभी-कभी इन्हीं अल्फाजों के बल पर जिंदगी की ऊंचाइयों को हासिल करना अभी उसकी बड़ी उपलब्धि होती है, लेकिन अगर हम आपको यह कहें कि इशारों इशारों में बात कर अपनी जिंदगी को गुजारने वाले मूक बधिर लोग जिंदगी में कुछ नया और बेहतर करने के लिए इन दिनों पसीना बहा रहे हैं तो शायद सुनकर आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि बनारस में इन दिनों हो रहे आठवें मूक बधिर स्पोर्ट्स इवेंट में यूपी के अलग-अलग जिलों से आए मूक बधिर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से अच्छे अच्छों को चौंका देंगे. बैडमिंटन लॉन्ग जंप 10 मीटर की रिले दौड़ सहित बहुत से स्पोर्ट्स इवेंट बनारस में 2 दिनों के लिए शुरू हुए हैं. आज आयोजन के पहले दिन मेरठ, बुलंदशहर वाराणसी समेत कई जिलों से आए मूकबधिर खिलाड़ियों ने बिना बोले और बिना सुने अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी जी जान लगा दी.Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी में दो दिवसीय आठवें मूक बधिर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता की खासियत यह है कि इसमें 200 से ज्यादा ऐसे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है जो नहीं बोल सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं इतने बड़े आयोजन में लगभग 12 से ज्यादा जिलों से यह खिलाड़ी इस खेल आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. आम खेल प्रतियोगिताओं की तरह इस प्रतियोगिता में माइक लाउडस्पीकर के साथ रेफरी विजल लेकर घूम तो रहा है लेकिन नाही माइक लाउडस्पीकर का प्रयोग हो रहा है ना ही रैफरी सीटी बजा रहा है. यहां तक कि प्रतियोगिता देखने पहुंचे दर्शक भी मुंह और बधिर होने की वजह से चुपचाप इस पूरे आयोजन को देख रहे हैं. बिना शोर-शराबे के या आयोजन सुबह 7:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक चलता रहा और इशारों इशारों में खिलाड़ी अपनी खुशी का इजहार इस आयोजन में शामिल होने के बाद करते दिखे.Conclusion:वीओ-02 मैदान में पसीना बहा कर अपने सपने को पूरा करने में जुटे यह मूक बधिर खिलाड़ी बीते कई दिनों से पसीना बहा रहे हैं और अब इस खेल आयोजन में गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल करने के लिए जद्दोजहद करने कल इस आयोजन का आखरी दिन होगा लेकिन इससे पहले ही बनारस के इस खास खेल आयोजन ने उन लोगों को एक सीख देने का काम किया है जो जिंदगी में सब कुछ होते हुए भी उससे मायूस होते हैं जबकि ना जुबान और ना सुनने की शक्ति इन खिलाड़ियों के पास होते हुए भी या अपने उस सपने को पूरा करने में लगे हैं जो शायद इन्होंने कभी खुली आंखों से देखा था.

बाइट- नीलू मिश्रा, इंटरनेशनल एथलीट, आयोजक

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