वाराणसी: भोलेनाथ की नगरी काशी आज एक बार फिर से उल्लास में डूबी है. यह उल्लास और उत्सव आज बाबा विश्वनाथ के अद्भुत और आलौकिक धाम के दूसरी वर्षगांठ का है. आज सुबह से ही विश्वनाथ धाम में उत्सव का माहौल है. हर तरफ फूलों से सजा धाम का कोना-कोना इस भव्य और अलौकिक परिसर के निर्माण की गाथा को बयां कर रहा है. बुधवार सुबह हुई पूजा पाठ के बाद दोपहर में निकली भव्य शोभा यात्रा ने सभी को सनातन धर्म की भव्यता का एहसास भी कराया और शाम होते ही सूरज के छुपाने के साथ ही पूरा विश्वनाथ धाम 15000 से ज्यादा दियों की रोशनी से जगमगा उठा.
दरअसल, विश्वनाथ धाम परिसर की भव्यता को और भी भव्य और नव्य रूप प्रदान करने के लिए आए दिन कोई ना कोई नया कार्य चल ही रहा है. पर्यटकों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं को नई-नई सुविधा दी जा रही है. जिसकी वजह से 2 सालों में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यहां पहुंचकर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
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बुधवार शाम को सूर्यास्त होने के साथ ही विश्वनाथ धाम के निर्माण की दूसरी वर्षगांठ पर दीपावली का उत्सव पूरे धाम में मनाया गया. जिस तरह से प्रभु श्री राम के आगमन के साथ ही पूरे सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने दिपक जलाकर प्रभु राम का स्वागत किया था. वैसे ही विश्वनाथ धाम में भक्तों ने दीपक जलाकर भगवान भोलेनाथ को नमन किया.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा और न्यास परिषद के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र पांडे के अलावा न्यास परिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य अधिकारियों और मंदिर से जुड़े कर्मचारियों ने भक्तों के साथ मिलकर दीपक जलाना शुरू किया. ॐ नमः शिवाय, भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग समेत अलग-अलग आकृतियों से पूरे विश्वनाथ धाम परिसर को दियों से भव्य तरीके से सजाया गया. वहीं, विश्वनाथ धाम के कोने-कोने में भी रंग बिरंगी रोशनी से पूरे परिसर की भव्यता अलग ही रूप में नजर आ रही थी.
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