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अयोध्या के लिए रवाना हुए काशी के तीन विद्वान, भूमि पूजन में होंगे शामिल - 5 अगस्त

रामनगरी अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास प्रस्तावित है. इसको देखते हुए काशी के तीन विद्वान अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं.

scholars of kashi vidvat parishad left to ayodhya
अयोध्या के लिए रवाना हुए काशी के तीन विद्वान.
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Published : Aug 3, 2020, 5:30 PM IST

वाराणसी: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने जा रहे भव्य राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में भाग लेने हेतु काशी विद्वत परिषद का दल वाराणसी से रवाना हो गया है. इस दौरान संकट मोचन मंदिर के मुख्य द्वार पर दल का अभिनंदन किया गया.

अयोध्या के लिए रवाना हुए विद्वान.

5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन कार्यक्रम में काशी विद्वत परिषद का तीन सदस्यीय दल शामिल होगा. विद्वत परिषद के मंत्री पंडित राम नारायण द्विवेदी जी के नेतृत्व में दल ने अयोध्या के लिए प्रस्थान किया.

भगवान राम के इष्टदेव की नगरी में धूम
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम की भव्य मंदिर का उत्साह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए सोमवार को काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री डॉक्टर उत्तम ओझा द्वारा संकट मोचन के मुख्य द्वार पर विद्वत जनों का अभिनंदन समारोह आयोजित कर उन्हें रामलला के निर्माण में काशी से एक ईंट प्रदान की गई.

यहीं हुआ था तुलसीदास को भगवान हनुमान का दर्शन
भगवान राम का कोई भी कार्य हनुमान के बिना हो पाना संभव नहीं. इसलिए प्रस्थान हेतु संकटमोचन मन्दिर का स्थान चुना गया. काशी के संकट मोचन मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे तमाम बड़े नेता दर्शन करने के लिए आते रहते हैं. यह वही मंदिर है, जिसकी स्थापना स्वयं तुलसीदास द्वारा की गई है. यहीं पर तुलसीदास को भगवान हनुमान के दर्शन हुए थे.

बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि काशी और अयोध्या में एक अनोखा संबंध है. अयोध्या भगवान श्रीराम की नगरी है तो काशी विश्वेश्वर की नगरी है. भगवान राम भगवान शिव को अपना इष्ट मानते हैं तो भगवान शिव भगवान राम को अपना इष्ट मानते हैं.

ये भी पढ़ें: सावन का अंतिम सोमवार, बाबा विश्वनाथ के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़

प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने काशी और अयोध्या को लेकर बताया कि ये दोनों नगरी ही अनोखी हैं. इन दोनों नगरी पर भगवान की दृष्टि है. इस पावन बेला में हमें वहां सम्मिलित होने का मौका मिला, जो कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है.

वाराणसी: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने जा रहे भव्य राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में भाग लेने हेतु काशी विद्वत परिषद का दल वाराणसी से रवाना हो गया है. इस दौरान संकट मोचन मंदिर के मुख्य द्वार पर दल का अभिनंदन किया गया.

अयोध्या के लिए रवाना हुए विद्वान.

5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन कार्यक्रम में काशी विद्वत परिषद का तीन सदस्यीय दल शामिल होगा. विद्वत परिषद के मंत्री पंडित राम नारायण द्विवेदी जी के नेतृत्व में दल ने अयोध्या के लिए प्रस्थान किया.

भगवान राम के इष्टदेव की नगरी में धूम
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम की भव्य मंदिर का उत्साह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए सोमवार को काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री डॉक्टर उत्तम ओझा द्वारा संकट मोचन के मुख्य द्वार पर विद्वत जनों का अभिनंदन समारोह आयोजित कर उन्हें रामलला के निर्माण में काशी से एक ईंट प्रदान की गई.

यहीं हुआ था तुलसीदास को भगवान हनुमान का दर्शन
भगवान राम का कोई भी कार्य हनुमान के बिना हो पाना संभव नहीं. इसलिए प्रस्थान हेतु संकटमोचन मन्दिर का स्थान चुना गया. काशी के संकट मोचन मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे तमाम बड़े नेता दर्शन करने के लिए आते रहते हैं. यह वही मंदिर है, जिसकी स्थापना स्वयं तुलसीदास द्वारा की गई है. यहीं पर तुलसीदास को भगवान हनुमान के दर्शन हुए थे.

बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि काशी और अयोध्या में एक अनोखा संबंध है. अयोध्या भगवान श्रीराम की नगरी है तो काशी विश्वेश्वर की नगरी है. भगवान राम भगवान शिव को अपना इष्ट मानते हैं तो भगवान शिव भगवान राम को अपना इष्ट मानते हैं.

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प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने काशी और अयोध्या को लेकर बताया कि ये दोनों नगरी ही अनोखी हैं. इन दोनों नगरी पर भगवान की दृष्टि है. इस पावन बेला में हमें वहां सम्मिलित होने का मौका मिला, जो कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है.

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