वाराणसी: आज सावन का पहला सोमवार है और काशी बोल बम के जयकारों से गूंज रही है. काशी में कांवरियों का जबरदस्त आगमन हुआ है. काशी का कोना-कोना केसरिया रंग में रंगा नजर आ रहा है. इन सबके बीच काशी में हिंदू-मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल भी देखने को मिल रही है. यहां आए कांवरियों का स्वागत मुस्लिम बंधु फूलों की बारिश करते हुए कर रहे हैं और इन्हें पानी के पैकेट से लेकर खाने-पीने की चीजें भी मुस्लिम बंधुओं द्वारा दी जा रही हैं.
दरअसल, काशी को हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के रूप में जाना जाता है. हमेशा से यहां पर दोनों ही समुदाय के लोगों में काफी प्रेम और सौहार्द देखने को मिलता है. काशी के कण-कण में शंकर का वास माना जाता है और यहां पर रहने वाले मुस्लिम बंधु भी भगवान भोलेनाथ के साथ उनके भक्तों की सेवा आराधना में लगे रहते हैं.
यही वजह है कि आज सावन के पहले सोमवार पर काशी के गोदौलिया चौराहे पर हिंदू मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल देखने को मिली. यहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाथों में गुलाब के फूल की पंखुड़ियां लेकर यहां आने वाले कांवरियों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करते हुए इनका स्वागत किया. इसके अलावा इन्हें पानी के पैकेट और बिस्किट पैकेट के साथ ही अन्य खाद्य सामग्री भी वितरित की.
हिंदू-मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल देखने के बाद हर कोई देश में दोनों समुदायों के बीच विवाद पैदा करने वालों के लिए इसे करारा जवाब मान रहा है. काशी आने वाले कांवरियों का स्वागत करने वाले शेख आसिफ और अब्दुल सलाम का कहना है कि काशी आने वाले हिंदू भाइयों का स्वागत हम सभी हिंदू मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए कर रहे हैं. हमारा मकसद यही है कि हर तरफ यह संदेश जाए कि हम सभी एक हैं. सभी धर्म सभी समुदाय के लोग एक साथ मिलजुल कर त्यौहार मनाते हैं. काशी में हम सभी यही संदेश लेकर नफरत का बीज बोने वाले लोगों को बताना चाहते हैं कि सब भाई बंधु एक होकर सावन का पावन पर्व मना रहे हैं और कांवरियों का स्वागत मुस्लिम बंधु भी कर रहे हैं, ताकि लोगों के बीच एकता का एक बड़ा संदेश जाए.
यह भी पढ़ें: सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, केसरिया रंग में रंगी काशी