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सावन के अंतिम सोमवार पर उमड़ी भक्तों की भीड़, 7 लाख श्रद्धालुओं ने किये बाबा विश्वनाथ के दर्शन

सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन और जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ दिखी. इस मौके पर सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के रुद्राक्ष रूप का दर्शन किया, वहीं पूरे मंदिर परिसर को रूद्राक्ष के मालाओं और दानों से सजाया गया था.

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श्री काशी विश्वनाथ धाम
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Published : Aug 9, 2022, 8:01 AM IST

वाराणसी: सावन के अंतिम सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ दिखी. सुबह 4 बजे से शुरू हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रात्रि 11 बजे तक जारी रहा. मंदिर प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार रात्रि 10 बजे तक करीब सात लाख लोग बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर चुके थे. वहीं सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर भक्तों को बाबा विश्वनाथ के रुद्राक्ष रूप का भी दर्शन करने का सौभाग्य मिला. सावन के मौके पर ही बाबा विश्वनाथ का पूरा दरबार रुद्राक्ष के दानों से सजाया जाता है. सोमवार को बाबा के मुख्य गर्भ गृह के अलावा पूरे परिसर को भी रुद्राक्ष के माला और दानों से सजाया गया था. इसकी खूबसूरती देख भक्त मंत्रमुग्ध नजर आ रहे थे.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया. मंगला आरती के पश्चात जैसे ही बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया. जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े. हर-हर भोले, बम-बम भोले और बोल-बम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा.

ये भी पढ़ें- UP Vegetable Price Today: सब्जियों के दाम ने बिगाड़ा खाने का जायका, जानिए आज का भाव

श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए मंदिर में चारों ओर पेयजल के अतिरिक्त काउंटर लगाए गए थे. कूलर पंखे मैटिंग के अलावा श्रद्धालुओं को गुड़ और पेड़े का प्रसाद भी वितरित किया जा रहा था. शाम के समय बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया. सोमवार को पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष की माला से सजाया गया था. जो काफी खूबसूरत और भव्य लग रहा था.

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वाराणसी: सावन के अंतिम सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ दिखी. सुबह 4 बजे से शुरू हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रात्रि 11 बजे तक जारी रहा. मंदिर प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार रात्रि 10 बजे तक करीब सात लाख लोग बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर चुके थे. वहीं सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर भक्तों को बाबा विश्वनाथ के रुद्राक्ष रूप का भी दर्शन करने का सौभाग्य मिला. सावन के मौके पर ही बाबा विश्वनाथ का पूरा दरबार रुद्राक्ष के दानों से सजाया जाता है. सोमवार को बाबा के मुख्य गर्भ गृह के अलावा पूरे परिसर को भी रुद्राक्ष के माला और दानों से सजाया गया था. इसकी खूबसूरती देख भक्त मंत्रमुग्ध नजर आ रहे थे.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया. मंगला आरती के पश्चात जैसे ही बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया. जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े. हर-हर भोले, बम-बम भोले और बोल-बम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा.

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श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए मंदिर में चारों ओर पेयजल के अतिरिक्त काउंटर लगाए गए थे. कूलर पंखे मैटिंग के अलावा श्रद्धालुओं को गुड़ और पेड़े का प्रसाद भी वितरित किया जा रहा था. शाम के समय बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया. सोमवार को पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष की माला से सजाया गया था. जो काफी खूबसूरत और भव्य लग रहा था.

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