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वाराणसी: संस्कृत दिवस पर छात्राओं ने श्लोकों से बांधा समा - संस्कृत दिवस

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संस्कृत दिवस पाणिनि कन्या महाविद्यालय में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया है. महाविद्यालय की छात्राओं ने जबरदस्त संस्कृत के श्लोकों से समा बांध दिया.

पाणिनि कन्या महाविद्यालय में संस्कृत दिवस पर मनाया गया है.
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Published : Aug 13, 2019, 1:22 PM IST

वाराणसी: पाणिनि कन्या महाविद्यालय में संस्कृत दिवस धूमधाम से मनाया गया. छात्राओं के श्लोकों की गूंज बाहर तक जा रही थी और लोग सुनकर मंत्रमुग्ध हो रहे थे. संस्कृत दिवस पूरा देश मना रहा है तो लोगों में भी संस्कृत भाषा को लेकर एक नई झलक दिख रही है.

पाणिनि कन्या महाविद्यालय में संस्कृत दिवस मनाया गया.

महाविद्यालय में संस्कृत दिवस

  • पाणिनि कन्या महाविद्यालय की बात करें तो यहां पर सभी कुछ संस्कृत में बोलकर ही लोगों को बताया जाता है.
  • भारत सरकार ने संस्कृत दिवस मनाने के लिए पूरे देश में लोगों को बताया है.
  • सबसे पुरानी मानी जाने वाली संस्कृत भाषा को लोग धीरे-धीरे भूलते जा रहे थे.
  • संस्कृत दिवस पूरा देश मना रहा है, संस्कृत भाषा को लेकर एक नई झलक दिख रही है.
  • पाणिनि कन्या महाविद्यालय में पूरे देश से छात्राएं आकर संस्कृत भाषा को सीखते हैं.

संस्कृत भाषाओं में सबसे सरल भाषा है और यह भाषा वेद पुराणों की भाषा है. हालांकि हिंदू धर्म में इस भाषा का एक अलग ही महत्व है क्योंकि इस भाषा को उपयोग करने वाला व्यक्ति अपने आप ही सरल व्यक्तित्व का हो जाता है. यही नहीं यह भाषा मनुष्य पर गहरी छाप छोड़ती है.
-नंदिता शास्त्री, आचार्य पाणिनि कन्या महाविद्यालय

वाराणसी: पाणिनि कन्या महाविद्यालय में संस्कृत दिवस धूमधाम से मनाया गया. छात्राओं के श्लोकों की गूंज बाहर तक जा रही थी और लोग सुनकर मंत्रमुग्ध हो रहे थे. संस्कृत दिवस पूरा देश मना रहा है तो लोगों में भी संस्कृत भाषा को लेकर एक नई झलक दिख रही है.

पाणिनि कन्या महाविद्यालय में संस्कृत दिवस मनाया गया.

महाविद्यालय में संस्कृत दिवस

  • पाणिनि कन्या महाविद्यालय की बात करें तो यहां पर सभी कुछ संस्कृत में बोलकर ही लोगों को बताया जाता है.
  • भारत सरकार ने संस्कृत दिवस मनाने के लिए पूरे देश में लोगों को बताया है.
  • सबसे पुरानी मानी जाने वाली संस्कृत भाषा को लोग धीरे-धीरे भूलते जा रहे थे.
  • संस्कृत दिवस पूरा देश मना रहा है, संस्कृत भाषा को लेकर एक नई झलक दिख रही है.
  • पाणिनि कन्या महाविद्यालय में पूरे देश से छात्राएं आकर संस्कृत भाषा को सीखते हैं.

संस्कृत भाषाओं में सबसे सरल भाषा है और यह भाषा वेद पुराणों की भाषा है. हालांकि हिंदू धर्म में इस भाषा का एक अलग ही महत्व है क्योंकि इस भाषा को उपयोग करने वाला व्यक्ति अपने आप ही सरल व्यक्तित्व का हो जाता है. यही नहीं यह भाषा मनुष्य पर गहरी छाप छोड़ती है.
-नंदिता शास्त्री, आचार्य पाणिनि कन्या महाविद्यालय

Intro:एंकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज के दिन संस्कृत दिवस पाणिनि कन्या महाविद्यालय में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है महाविद्यालय की छात्राओं ने जबरदस्त संस्कृत के श्लोकों से पूरे समा को बांध दिया यही नहीं श्लोकों की गूंज बाहर तक जा रही थी और लोग सुनकर मंत्रमुग्ध हो रहे थे जहां तक पाणिनि कन्या महाविद्यालय की बात करें तो यहां पर सभी कुछ संस्कृत मैं बोलकर ही लोगों को बताया जाता है और किसी भी काम के लिए संस्कृत का ही उपयोग किया जाता है।


Body:वीओ: दरअसल वाराणसी में स्थित पाणिनि कन्या महाविद्यालय में पूरे देश से छात्राएं आकर संस्कृत भाषा को सीखते ही नहीं बल्कि इस भाषा को दूरदराज तक पहुंचाने काफी काम करती हैं हालांकि निदेशक नंदिता शास्त्री का कहना है कि संस्कृत भाषाओं में सबसे सरल भाषा है और यह भाषा वेद पुराणों की भाषा है हालांकि हिंदू धर्म में इस भाषा का एक अलग ही महत्व है क्योंकि इस भाषा को उपयोग करने वाला व्यक्ति अपने आप ही सरल व्यक्तित्व का हो जाता है यही नहीं यह भाषा गहरी छाप छोड़ती है मनुष्य पर।


Conclusion:वीओ: वहीं पाणिनि कन्या महाविद्यालय की आचार्य आनंदिता शास्त्री का कहना है कि संस्कृत 1 सरल भाषा है और संस्कृत व्यवहार की भाषा है जिसे हमारे यहां के बड़े बच्चे ही नहीं बल्कि छोटी छोटी बच्चियां भी उपयोग करती हैं वही आपको बताते चले कि जिस तरीके से भारत सरकार ने संस्कृत दिवस को मनाने के लिए पूरे देश में लोगों को बताया है या बेहद ही खास है क्योंकि सबसे पुरानी मानी जाने वाली संस्कृत भाषा को लोग धीरे-धीरे भूलते जा रहे थे लेकिन अब जब संस्कृत दिवस पूरा देश मना रहा है तो लोगों में भी संस्कृत भाषा को लेकर एक नई झलक दिख रही है वही इस भाषा को देव की भाषा भी कहा जाता है क्योंकि वेद पुराणों में भी इसी भाषा से उल्लेख है कि जितने भी देवी देवता हैं सब संस्कृत भाषा का ही उपयोग करते चले आए हैं।

बाइट: नंदिता शास्त्री (आचार्य पाणिनि कन्या महाविद्यालय)

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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