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काशी से अयोध्या भेजा गया संकट मोचन हनुमान का सबसे बड़ा मुखौटा - संकट मोचन हनुमान का मुखौटा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध रामलीला प्रतिनिधियों ने काशी घाट वाकर के साथ मिलकर 2 फुट का संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा. इस दौरान हर हर महादेव और जय श्री राम के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा गया
संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा गया.
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Published : Aug 4, 2020, 8:09 PM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म के शहर काशी में अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर भूमि पूजन को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में आज वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध रामलीला प्रतिनिधियों ने काशी घाट वाकर के साथ मिलकर 2 फुट का संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा. उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र मुखौटा को लेकर अयोध्या जाएंगे. जिले के तुलसी घाट से बीच गंगा में नाव पर सवार होकर काशीवासियों ने रामनगर रामलीला का नेतृत्व करते हुए मुखौटा भेंट किया. इस दौरान हर हर महादेव और जय श्री राम के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा गया.

विश्व का सबसे बड़ा मुखौटा होने का दवा

राजेंद्र प्रसाद ने 2 फुट के हनुमान जी का मुखौटा बनाया है. उनका दावा है कि यह मुखौटा विश्व का सबसे बड़ा मुखौटा होगा. उन्होंने कहा कि अब तक का यह सबसे बड़ा मुखौटा बनाया गया है. रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में जो मुखौटा हनुमान जी पहनते हैं यह उसी की प्रतिकृति है. उन्होंने बताया कि 2 महीने में यह मुखौटा बनकर तैयार हुआ है.

भगवान राम का है काशी से नाता

गोस्वामी तुलसीदास ने वाराणसी के तुलसी घाट पर ही रामचरित मानस के कुछ अंश की रचना की थी. यही वजह है कि भगवान राम के इष्ट देव शंकर की नगरी काशी विश्वनाथ के साथ-साथ राम को भी पूजती है. यहां शहर के कोने कोने में रामलीला का आयोजन किया जाता है. यह मुखौटा काशी के साथ-साथ यहां की रामलीला का भी नेतृत्व करेगा.

प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा ने बताया कि वाराणसी के रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में हनुमान जी का जो मुखौटा है, यह उसी का यह प्रतिकृति है. उन्होंने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण बगैर काशी रामलीला के अधूरा रह जाएगा. इसी स्नेह के लिए वह यह मुखौटा अयोध्या भेज रहे हैं.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म के शहर काशी में अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर भूमि पूजन को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में आज वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध रामलीला प्रतिनिधियों ने काशी घाट वाकर के साथ मिलकर 2 फुट का संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा. उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र मुखौटा को लेकर अयोध्या जाएंगे. जिले के तुलसी घाट से बीच गंगा में नाव पर सवार होकर काशीवासियों ने रामनगर रामलीला का नेतृत्व करते हुए मुखौटा भेंट किया. इस दौरान हर हर महादेव और जय श्री राम के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

संकट मोचन हनुमान का मुखौटा अयोध्या भेजा गया.

विश्व का सबसे बड़ा मुखौटा होने का दवा

राजेंद्र प्रसाद ने 2 फुट के हनुमान जी का मुखौटा बनाया है. उनका दावा है कि यह मुखौटा विश्व का सबसे बड़ा मुखौटा होगा. उन्होंने कहा कि अब तक का यह सबसे बड़ा मुखौटा बनाया गया है. रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में जो मुखौटा हनुमान जी पहनते हैं यह उसी की प्रतिकृति है. उन्होंने बताया कि 2 महीने में यह मुखौटा बनकर तैयार हुआ है.

भगवान राम का है काशी से नाता

गोस्वामी तुलसीदास ने वाराणसी के तुलसी घाट पर ही रामचरित मानस के कुछ अंश की रचना की थी. यही वजह है कि भगवान राम के इष्ट देव शंकर की नगरी काशी विश्वनाथ के साथ-साथ राम को भी पूजती है. यहां शहर के कोने कोने में रामलीला का आयोजन किया जाता है. यह मुखौटा काशी के साथ-साथ यहां की रामलीला का भी नेतृत्व करेगा.

प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा ने बताया कि वाराणसी के रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में हनुमान जी का जो मुखौटा है, यह उसी का यह प्रतिकृति है. उन्होंने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण बगैर काशी रामलीला के अधूरा रह जाएगा. इसी स्नेह के लिए वह यह मुखौटा अयोध्या भेज रहे हैं.

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