वाराणसीः काशी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (sampurnanand sanskrit university of varanasi) एक नए कलेवर में दिखने वाला है. जी हां, विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर (Kashi Vishwanath Temple) के डिजाइन को तैयार करने वाले आर्किटेक्ट अब 68 एकड़ में फैले संस्कृत विद्यालय के परिसर को नए रूप में तैयार करेंगे. यहा परंपरागत के साथ आधुनिकता की झलक भी दिखाई देगी.
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी के निर्देश पर देश के प्रसिद्ध वास्तुविद, काशी विश्वनाथ मन्दिर के वास्तुविद एवं उद्योगपति ई आरसी जैन को इस विश्वविद्यालय का मानद आर्किटेक्ट मनोनीत किया गया है. वह अब 68 एकड़ में फैले परिसर को परंपरा के अनुरूप नए कलेवर में तैयार करेंगे.
दरअसल, वास्तुविद ई. आरसी जैन ने विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में अपने कला को स्थापित किया है. इस बारे में कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्र सेवा एवं संस्कृत की सेवा भावना से मानद वास्तुविद नियुक्त किया गया है. अब वास्तुविद ई. जैन के सहमति पर यह सेवा शुरू होगा.
विश्वविद्यालय परिसर का इतिहास 232 वर्षों का है. विश्वविद्यालय परिसर स्थित पंच मन्दिर के सुन्दरीकरण में भी ई जैन के द्वारा सहायता प्रदान की गई है. उनके द्वारा मन्दिर में पूजा-अर्चन एवं देखभाल के लिए निर्धारित मानदेय पर पुजारी रखा गया है जो कि नियमित रूप से अपने कार्य का सम्पादन कर रहे हैं. इस दौरान वास्तुविद ई जैन ने कहा कि यह संस्था देववाणी भाषा के प्रवाह का परिसर है. मां सरस्वती का मन्दिर है, इसके लिये मेरा सदैव सहयोग और समर्पित भाव हैं. जल्द ही इसे नए कलेवर में तैयार किया जाएगा.
कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल के द्वारा इस विश्वविद्यालय के भवनों आदि के संरक्षण एवं संवर्धन के सहयोग के लिये देश व स्थानीय उद्योगपतियों, धर्माचार्यों, मठाधीशों, वास्तुविदों, बड़े विधि विशेषज्ञों तथा कलाकारों से अपील करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने कहा कि ई आरसी जैन तथा अप्रवासी ई रमन त्रिपाठी जैसे राष्ट्र वाहकों एवं समाज निर्माताओ से इस तरह के सहयोग अनवरत प्राप्त हो रहे हैं.