वाराणसी: बीजेपी की ओर से वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नामांकन के लिए तैयार हैं. वहीं स्वामी करपात्री जी द्वारा स्थापित रामराज्य पार्टी ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेगी. इसके लिए काशी विद्या चुनाव की एक बैठक की गई. इस बैठक में उपस्थित विद्वानों ने भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी को लड़ाए जाने का समर्थन किया.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कमच्छा शिक्षा संकाय के चाणक्य सभागार में सनातन धर्म की घोर उपेक्षा को देखते हुए सनातन वैदिक हिंदू परम धर्म संसद की बैठक बुलाई गई. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में भारतीय राम राज्य परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया. इसके लिए श्री विद्या मठ में देश भर से आए हुए संत महंत महामंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया.
इसमें राजस्थान, चेन्नई, दिल्ली, भुवनेश्वर, अयोध्या, सोनभद्र, प्रतापगढ़, जौनपुर ,जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ़ से लोग पहुंचे. इसमें स्थानीय संत भी राजनीतिक विचार को सुनने के लिए पहुंचे. कुल मिलाकर यदि देखा जाए तो बनारस की सीट इस बार भी सबसे दिलचस्प सीट होगी.
आज संतों के बीच सनातनियों की कैसे रक्षा की जाए इस बारे में चर्चा हो रही है. चर्चा के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. सनातनी लोगों की बात को लेकर आगे आना चाहिए. कहा जा रहा है कि हिंदुओं के पास भाजपा के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. यदि भाजपा सब संतो की आकांक्षाओं को पूरा करे, तब तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन भाजपा हिंदुओं की बात नहीं कर रही है. हम इस पर निर्णय लेंगे.
-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद