वाराणसी: भारत और जापान के रिश्ते की अद्भुत मिसाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनकर तैयार हो चुका है. इस रिश्ते की मजबूत नींव का नाम है- रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर. बाबा भोलेनाथ की नगरी में भव्य शिवलिंग की आकृति में तैयार हुए इस भव्य इमारत को 186 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमीनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं, जो रात के अंधेरे में एलईडी लाइट की चमक और सुंदरता देते हैं.
शहर के सबसे बिजी इलाके सिगरा में नगर निगम बिल्डिंग के ठीक बगल में तैयार हुआ यह कन्वेंशन सेंटर जल्द ही लोगों को सौंपा जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 के हालात सामान्य होने के बाद अगस्त के अंत तक इस कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन कर सकते हैं.
आधुनिक सुविधाओं से है युक्त
लगभग 3 एकड़ में बने इस कन्वेंशन सेंटर को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया गया है, जिसमें 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था विशेष रूप से की गई है. कन्वेंशन सेंटर में लोगों के लिए लगाई गई चेयर भी बेहद खास है और इन्हें वियतनाम से मंगाया गया है. कन्वेंशन सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पूरा कन्वेंशन सेंटर एयर कंडीशनर है. यहां पर सुरक्षा के लिहाज से लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इसके अतिरिक्त बड़े से हॉल के अलावा दो कॉन्फ्रेंस रूम भी बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त यहां 120 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है और दिव्यांग जनों के सेंटर पर पहुंचने के बाद उनके लिए व्हील चेयर के इंतजाम की भी व्यवस्था की जा रही है.
सेंसर सिस्टम से लैस है कन्वेंशन सेंटर
इस अद्भुत बिल्डिंग के अंदर देशी-विदेशी सैलानी संगीत, नाटक और प्रदर्शनी का अद्भुत लुफ्त उठा सकते हैं. इसके अलावा इस पूरे कन्वेंशन सेंटर में सेंसर सिस्टम से चीजों को लैस किया गया है. किसी भी हिस्से में अंधेरा होने पर आपकी मौजूदगी के अनुसार वहां पर लाइट ऑन-ऑफ होगी. इसके अलावा बाथरूम, ग्रीन रूम और ड्रेसिंग रूम के साथ कॉमन टॉयलेट की व्यवस्था भी यहां पर दी जा रही है.
एक करोड़ रुपये सालाना आय का अनुमान
कन्वेंशन सेंटर से प्रतिवर्ष 30 लाख से एक करोड़ रुपये आय का अनुमान है. फिलहाल इसके संचालन की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी को सौंपी गई है. यह बनकर तैयार हो चुका है. जल्द ही पीएम के हाथों इसका उद्घाटन कराया जा सकता है, जिसमें जापान के प्रतिनिधि के रूप में किसी बड़े राजनेता के भी मौजूद होने की संभावना है.
2018 में शुरू हुआ था काम
बता दें कि 2018 में इस कन्वेंशन सेंटर का काम शुरू हुआ था. इसकी नींव 2015 में उस वक्त पड़ी थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बनारस के दौरे पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे आए थे. भारत और जापान के बीच हुए समझौते के बाद इस अद्भुत कन्वेंशन सेंटर को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
इसलिए खास है यह कन्वेंशन सेंटर
- भारत जापान की पुरानी मैत्री की मिसाल इस कन्वेंशन सेंटर में सबसे अहम और महत्वपूर्ण हो जाता है यहां का पावर कंज्यूम्ड सिस्टम. 200 किलो वाट के पावर बैकअप के साथ ही 110 किलो वाट का सोलर सिस्टम इसकी शिवलिंगनुमा छत पर स्थापित किया गया है.
- एक ही छत के नीचे सांस्कृतिक भंडार संगीत घराने और अनेकों ने कलाओं को आधुनिकता के साथ एक संगम स्थापित कर एक मंच के जरिए रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में पेश करने की तैयारी है.
- कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
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- दो कॉन्फ्रेंस हॉल हैं, जिनको जरूरत के हिसाब से दो भागों में बांट कर 75- 75 लोगों के लिए रिजर्व किया जा सकता है.
- 1200 लोगों की क्षमता के हॉल को भी जरूरत के हिसाब से 50-50 के रेशियो में विभाजित किया जा सकता है.
- कन्वेंशन सेंटर पूर्ण रूप से वातानुकूलित है और आधुनिक बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम से लैस किया गया है. इसके तहत समस्त प्रबंधन को बारीकी से एक ही जगह बैठकर नियंत्रित किया जा सकता है.
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- दिव्यांग जनों की सुविधा के लिए पूरे परिसर को सुविधाजनक बनाया गया है. व्हीलचेयर और सीढ़ियों से लेकर हर स्थान पर ब्रेल लिपि का भी प्रयोग किया गया है.
- आगे की चार से पांच लाइन के कुर्सियों को एडजेस्टेबल बनाया गया है, ताकि दिव्यांग जनों की व्हीलचेयर ज्यादा होने पर इन कुर्सियों को हटाया जा सके.
- कन्वेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डन लैंडस्कैपिंग की गई है. जापानी शैली के गार्डन को जापान में मियावाकी के नाम से जाना जाता है. यह तीन रंगों में होता है, जिसमें पहला प्रश्न कॉटन स्टील से बना होता है. यह उस तरह की स्टील होती है, जो लिखने में लोहे की सीट होती है और उस पर जंग लगा होता है, लेकिन यह बेहद मजबूत होती है. दूसरे लेयर में घास तो तीसरे लेयर में सफेद कलर के पत्थर जमीन पर बिछाए जाते हैं.
- पार्किंग सुविधा की दृष्टि से 120 गाड़ियों की व्यवस्था यहां के बेसमेंट में की गई है.