वाराणसी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन आयोजित कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत किए. जहां उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विजय और यश हमारा एक पड़ाव हो सकता है, मगर लक्ष्य नहीं है. विजय और यश में खोने की बजाय उसे साधन बनाकर अच्छा समाज बनाएं. नाम और प्रभाव वाले बहुत लोग आते हैं, मगर इससे परिवर्तन कितना हुआ और शांति के साथ देश आगे चले यह देखना होगा.
आगे उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का भारत बनाना है, उसका उदाहरण बनना पड़ेगा. अनुकूलता का नियम हमारे समाज में नहीं है, हमारा सिद्धांत सर्वे भवंतु सुखिन: वाला होना चाहिए. संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों से कहा कि जीत के सिकंदर तो कई बने, मगर समय के साथ गर्क में चले गए. जूलियर सीजर का उदाहरण देते हुए कहा कि वह जीतता गया, मगर समय के साथ लोग उसे भूल गए. भागवत ने कहा कि अयोध्या में एक राजकुमार थे, उनका आचरण धर्म की मूर्ति है और वे जीतते थे, मगर उनकी चर्चा नहीं है. उनकी मर्यादा पालन की चर्चा होती है. यही कारण है कि भरत की तरह भाई और हनुमान की तरह स्वयंसेवक होने चाहिए.
![राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत व अन्य](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-var-3-mohan-bhagawant-with-up10036_27032022231308_2703f_1648402988_1053.jpg)
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उन्होंने कहा कि संघ पर दो बार प्रतिबंध लगा, मगर कोई भी अपने ध्येय पथ से डिगा नहीं. परिवार की ताकत के कारण जेल जाने के बाद भी किसी ने माफी नहीं मांगी. हमारा आचरण, व्यवहार और रहन-सहन में हिंदुत्व का भाव दिखना चाहिए. स्नेह मिलन कार्यक्रम के बाद वे देर रात लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गए.
वहीं, उनके बीएचयू पहुंचने से पहले पुलिस की लापरवाही के कारण सरसंघचालक की फ्लीट भटक गई. बीच सड़क पर रुककर भागवत ने गाड़ी के अंदर से ही पूछा कि किधर जाना है. जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी हरकत में आए और फ्लीट को रास्ता दिखाया.
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