वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमो (खिड़किया) घाट के दूसरे चरण का काम तेजी से जारी है. इसमें नमो घाट से आदि केशव घाट तक पुनर्विकास का काम हो रहा है. गंगा में गंदगी न फेंकी जाए, इसके लिए फेज-2 में विसर्जन कुंड का निर्माण व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मल्टीपर्पज स्थल का भी निर्माण हो रहा है. इस स्थान के विकसित होने पर यहां हेलीकॉप्टर उतारा जा सकता है. इस स्थान पर 75 फीस का नमस्ते स्कल्पचर फेज-2 के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. दूसरे चरण के निर्माण की लागत करीब 50 करोड़ रुपये है.
नमो घाट पर नमस्ते स्कल्पचर की आकर्षक बनावट, फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, जेटी, ओपन थियेटर जैसी अनके सुविधाओं के चलते पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण में भी नमो घाट को आकर्षक और पर्यटकों के अनुकूल बनाया जा रहा है. द्वितीय चरण का काम आदि केशव घाट तक हो रहा है, जिसकी लंबाई लगभग 800 मीटर से अधिक होगी. वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि नमो घाट के दूसरे चरण के निर्माण में 18 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा 630 वर्गमीटर का लगभग 2.5 मीटर गहरा विसर्जन कुंड बनेगा, जिसमें लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति विसर्जन इत्यादि कर सकेंगे.
इसके साथ ही वाक वे, योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अलावा अन्य सुविधाएं होंगी. यहां मल्टी यूटिलिटी एरिया बनेगा, जहां पर चौपर भी उतर सकता है. यहां 75 फीट का नमस्ते स्कल्पचर ब्रांज का लगेगा, जो फेज -1 में लगे नमस्ते स्कल्पचर से काफी ऊंचा होगा. घाट के किनारे हरियाली तथा मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा. श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने की लिए अन्य घाटों की तरह पक्का घाट बनेगा जहां सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया जाएगा, जिसमें बाथिंग कुंड भी होगा. इससे वृद्ध और दिव्यांगजन भी गंगा स्नान आसानी से कर सकेंगे.
नमो घाट के बाद बनारस के खिड़किया घाट का शुरू हुआ कायाकल्प, हेलीपैड साथ होंगी यह सुविधाएं
पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमो (खिड़किया) घाट के दूसरे चरण का काम तेजी से जारी है. इसमें नमो घाट से आदि केशव घाट तक पुनर्विकास का काम हो रहा है. घाट के विकसित होने के बाद यहां पर्यटकों को मल्टीपर्पज सुविधाएं मिलेंगी.
वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमो (खिड़किया) घाट के दूसरे चरण का काम तेजी से जारी है. इसमें नमो घाट से आदि केशव घाट तक पुनर्विकास का काम हो रहा है. गंगा में गंदगी न फेंकी जाए, इसके लिए फेज-2 में विसर्जन कुंड का निर्माण व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मल्टीपर्पज स्थल का भी निर्माण हो रहा है. इस स्थान के विकसित होने पर यहां हेलीकॉप्टर उतारा जा सकता है. इस स्थान पर 75 फीस का नमस्ते स्कल्पचर फेज-2 के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. दूसरे चरण के निर्माण की लागत करीब 50 करोड़ रुपये है.
नमो घाट पर नमस्ते स्कल्पचर की आकर्षक बनावट, फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, जेटी, ओपन थियेटर जैसी अनके सुविधाओं के चलते पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण में भी नमो घाट को आकर्षक और पर्यटकों के अनुकूल बनाया जा रहा है. द्वितीय चरण का काम आदि केशव घाट तक हो रहा है, जिसकी लंबाई लगभग 800 मीटर से अधिक होगी. वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि नमो घाट के दूसरे चरण के निर्माण में 18 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा 630 वर्गमीटर का लगभग 2.5 मीटर गहरा विसर्जन कुंड बनेगा, जिसमें लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति विसर्जन इत्यादि कर सकेंगे.
इसके साथ ही वाक वे, योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अलावा अन्य सुविधाएं होंगी. यहां मल्टी यूटिलिटी एरिया बनेगा, जहां पर चौपर भी उतर सकता है. यहां 75 फीट का नमस्ते स्कल्पचर ब्रांज का लगेगा, जो फेज -1 में लगे नमस्ते स्कल्पचर से काफी ऊंचा होगा. घाट के किनारे हरियाली तथा मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा. श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने की लिए अन्य घाटों की तरह पक्का घाट बनेगा जहां सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया जाएगा, जिसमें बाथिंग कुंड भी होगा. इससे वृद्ध और दिव्यांगजन भी गंगा स्नान आसानी से कर सकेंगे.