वाराणसी: बनारस में इन दिनों पर्यटकों की बढ़ रही संख्या लगातार बढ़ रही है. पर्यटकों को सुरक्षा और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए शासन और प्रशासन स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पर्यटकों के नौका विहार के दौरान हुए कुछ हादसों से सबक लेते हुए वाराणसी नगर निगम ने सुरक्षा की दृष्टि से गंगा में चल रही लगभग 650 नावों पर नकेल कसी है. इन सभी नाव पर लाइव जैकेट के साथ लाइफ सेविंग ट्यूब की मौजूदगी तो है, साथ ही सभी नाव का रजिस्ट्रेशन भी जरूरी कर दिया गया है. बिना रजिस्ट्रेशन के किसी नाव के मिलने की स्थिति में उस पर कार्रवाई भी की जा रही है.
लेकिन, वाराणसी नगर निगम का यह रवैया सिर्फ नाविकों पर ही भारी पड़ रहा है. क्योंकि गंगा किनारे संचालित होने वाले बड़े होटल, लॉज और गेस्ट हाउसों के खिलाफ निगम दोहरा रवैया अपना रहा है. हालात ये हैं कि गंगा किनारे शहर के कई नामचीन होटल, लॉज, और गेस्ट हाउस संचालित हो रहे हैं. जिनकी खुद की नौकाओं का भी संचालन गंगा में होता है. लेकिन इन पर बैठने वाले यात्रियों के लिए ना लाइफ जैकेट अनिवार्य दिखाई देती है न ही ट्यूब और ना ही कोई रजिस्ट्रेशन. हालात यह हैं कि खुद नगर निगम यह मानता है कि इन होटल और लॉज में चलने वाली नौकाओं के कितने रजिस्ट्रेशन हैं और कितने नहीं यह अभी स्पष्ट ही नहीं है. इसके लिए कार्रवाई अब शुरू होने जा रही है.
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जब इन नौकाओं पर होटल्स में रहने वाले लोग गंगा की सैर करने निकलते हैं, तो उनसे ना ही लाइफ जैकेट पहनने के लिए कहा जाता है और ना ही अन्य किसी अन्य तरह के सुरक्षा मानक का ध्यान दिया जाता है. जबकि बोट में लाइफ जैकेट बिल्कुल नई कंडीशन में पैक रखी रहती है. यहां तक कि कई बड़ी नौकाओं पर बड़े-बड़े स्पीकर्स लगाकर कई बार पार्टियां भी संचालित की जाती हैं, जो आम नागरिकों को करने की अनुमति नहीं है.
उन्हें यह जवाब देना होगा कि उनके पास कुल कितनी नौकाएं हैं, उनका रजिस्ट्रेशन है या नहीं है. हर नाव की क्या क्षमता है, उस पर कितने लोगों को बैठाया जाता है. नाव में सुरक्षा मानकों के लिहाज से क्या चीजें मौजूद है, यदि है तो उनका प्रयोग होता है या नहीं. नोटिस के आधार पर उन्हें यह सारे जवाब देने होंगे. जिसे बाद में क्रॉस वेरीफाई किया जाएगा. यदि नगर निगम के सवालों के अलग चीजें मिलती हैं, तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि जो भी नाव हैं यदि गंगा में संचालित हो रही है, तो उनका नगर निगम से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यदि कोई भी होटल और गेस्ट हाउस बिना रजिस्ट्रेशन के चला रहा है. तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी.
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