वाराणसी: उत्तर प्रदेश के गोंडा में मंगलवार को तीन बहनों पर एसिड अटैक किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. तीनों बहनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनका इलाज भी जारी है. इन सबके बीच अक्सर इस तरह की घटना का होना यह सवाल भी खड़े करने लगा है कि क्या उत्तर प्रदेश के हर जिले में एसिड की उपलब्धता आसानी से हैं? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की. हमने यह जानने की कोशिश की क्या दूसरों की जिंदगी बर्बाद करने वाला यह खतरनाक तेजाब आसानी से उपलब्ध है?
क्या है नियम
इसके बाद हम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गेट नंबर-2 के सामने अंदर सकरी से गली में संचालित होने वाले एक तेजाब के दुकान की पड़ताल की गई. यहां साधारण आदमी बनकर जब अंदर पहुंचे और तेजाब की मांग की तो विक्रेता का पहला सवाल था तेजाब किस इस्तेमाल के लिए चाहिए? जब हमने अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए बताया तब उसकी क्वालिटी के बारे में पूछा गया. कच्चा और पक्का कौन सा? हमने दोनों में अंतर पूछा तो जवाब था कच्चा तेजाब ज्यादा खतरनाक होता है और गहनों से लेकर बर्तन और अन्य ज्वेलरी साफ करने के काम आता है. पक्का तेजाब थोड़ा डाइल्यूट होता है, लेकिन इसकी भी अलग-अलग रैंकिंग होती है. हमने कच्चे तेजाब की मांग की तो, पहला सवाल आया क्या आपके पास आधार कार्ड है? यह सुनकर हम थोड़ा सा हिचके और आधार कार्ड क्यों दें यह सवाल किया तो, जवाब मिला बिना आधार कार्ड के तेजाब नहीं मिलेगा. यह नियम है.
जीएसटी का भी किया भुगतानसंवाददाता ने अपना आधार कार्ड दिया और बदले में उन्हें एक बोतल में 100 रुपये का तेजाब नौ रुपये की जीएसटी का भुगतान करने के बाद पक्का बिल दिया गया. बिल में आधार नंबर भी नोट किया गया और एक गेट पास भी दिया गया. गेट पास मिलने के बाद हमने सवाल किया तेजाब कहां है तो कहा गया कारखाने से मिलेगा. यहां से नहीं.