वाराणसी: नवंबर के महीने में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती चलते काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास संकलन विभाग में रानी लक्ष्मीबाई जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में लक्ष्मीबाई जन्मस्थली वाराणसी से मिट्टी लेकर 32 सदस्यीय टीम झांसी रवाना करने की रूपरेखा तय की गई. दीप कलश झांसी पहुंचाने के बाद वहां रानी लक्ष्मीबाई के नाम से चिह्नित कुछ स्थानों पर पौधे लगाए जाएंगे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
बता दें कि 19 नवंबर को झांसी का रानी लक्ष्मीबाई की जयंती है. इसके चलते झांसी में भव्य जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया जाना है. इसी मौके पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की तरफ से दीपांजलि एक्सप्रेस एवं विशेष व्याख्यानमाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ. वहीं, कार्यक्रम में झांसी से आए प्रतिनिधियों की इतिहास संकलन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओंकारनाथ सिंह ने स्वागत किया. झांसी से काशी पहुंची टीम कार्यक्रम से पहले भजनी स्थित रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली पहुंचे थे.
कार्यक्रम के आयोजक ओंकारनाथ सिंह ने बताया कि 19 नवंबर को झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव अमृत महोत्सव वर्ष के चलते मनाया जा रहा है. इसमें काशी स्थित रानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थली से उनकी मिट्टी कलश झांसी जाना है. यह दीप कलश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थापित करेंगे. कहा कि इस योजना में इतिहास संकलन समिति ने हमें यह दायित्व सौंपा है क्योंकि हम इतिहास के विद्यार्थी हैं.
उन्होंने कहा कि महारानी हमारे लिए सिर्फ नमन के लिए ही नहीं बल्कि इतिहास की धारा को मोड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. इसी क्रम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कहा कि इस कार्यक्रम में झांसी से 32 सदस्यीय टीम आई हुई है. इसका नेतृत्व राजेश राय कर रहे है. उनके नेतृत्व में यहां से मिट्टी का कलश व ज्योति लेकर झांसी पहुंचाया जाएगा.
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