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इंडोनेशिया के रुद्राक्ष से होगा रामलला का अनुष्ठान, काशी की जड़ी बूटी और पंचमेवे का लगेगा भोग - इंडोनेशिया के रुद्राक्ष

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अनुष्ठान में इंडोनेशिया के रुद्राक्ष (Ramlala ritual will be performed with Rudraksh from Indonesia) से होगा. इसके अलावा काशी की जड़ी बूटी और पंचमेवे का भोग (Kashi herbs and Panchameva) लगेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 4:03 PM IST

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अनुष्ठान में इंडोनेशिया के रुद्राक्ष इस्तेमाल होंगे

वाराणसी: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha in Ayodhya) का उल्लास पूरे देश में नजर आ रहा है. देश का हर कोना इसका गवाह बन रहा है. यही वजह है कि देश के अलग-अलग हिस्से से प्रभु श्रीराम के लिए अलग-अलग उपहार और अलग-अलग सामग्रियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. जो प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के समय पूजन में उपयोग में लाई जाएंगी. ऐसे में अगर बात महादेव की नगरी काशी की कर लें तो काशी और अवध का रिश्ता ही अलग है. लगातार काशी से भी रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं. इसी क्रम में इंडोनेशिया के रुद्राक्ष (Ramlala ritual will be performed with Rudraksh from Indonesia) से रामलला के दरबार में जहां जप और अनुष्ठान होगा तो वहीं काशी के पंचमेवे और जड़ीबूटियों का प्रभु श्रीराम को भोग लगाया जाएगा.

इंडोनेशिया के रुद्राक्ष अनुष्ठान में होंगे इस्तेमाल
इंडोनेशिया के रुद्राक्ष अनुष्ठान में होंगे इस्तेमाल

जनवरी की 22 तारीख का इंतजार देश के हर एक नागरिक को है. इस दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है. इसको लेकर सरकार की तरफ से भव्य आयोजन किया जा रहा है. देशभर से हजारों साधु-संत इस आयोजन में पहुंच रहे हैं. वहीं काशी के ब्राह्मणों को रामलला की पूजा-अर्चना के लिए बुलाया गया है. ऐसे में काशी के लोगों के लिए यह गौरव का पल है. वहीं काशी के कारोबारियों में भी इस बात की खुशी है कि उन्हें रामलला के लिए उपहार भेजने का मौका मिला है. इंडोनेशिया के रुद्राक्ष और गोमुखी का प्रयोग प्रभु श्रीराम के जप और अनुष्ठान में किया जाएगा. काशी के कारोबारी के पास इसका ऑर्डर आया है. मेवे-मसाले और जड़ीबूटियां भी अयोध्या जा रही हैं.

काशी की जड़ी बूटी से लगेगा भोग
काशी की जड़ी बूटी से लगेगा भोग

60 किलो मेवे-मसाले का ऑर्डर अयोध्या से मिला: कारोबारी बताते हैं, 'हमारे यहां से ड्राई फ्रूट्स, जड़ीबूटियां और मसाले गए हैं. ड्राई फ्रूट्स में काजू, बादाम, किसमिस, मखाने, गरी के गोले आदि गए हैं. सब मिलाकर करीब 60 किलो का ऑर्डर गया है. इसे भेज दिया गया है. ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम लोगों को भगवान की सेवा करने का अवसर मिला है. और भी काफी सामान यहां से गए हैं. उनमें रुद्राक्ष की माला, पीतल के सामान रामलला के लिए अयोध्या भेजे गए हैं. यह पूर्वांचल की बड़ी और काफी पुरानी मंडी है. हमारे पिताजी 1970 से यहां पर हैं. इस मंडी में किराना, ड्राई फ्रूट्स और जड़ी बूटियां मिलती हैं.'

काशी के पंचमेवे का लगेगा भोग
काशी के पंचमेवे का लगेगा भोग

जप के लिए भेजी जा रहीं 151 रुद्राक्ष की मालाएं: कारोबारी अभिषेक बताते हैं, 'पूरे देशभर में लाखों दुकानें हैं. मगर इसके लिए मेरा चयन हुआ है. प्रभु ने मुझे चुना है. ये सेवा मेरी तरफ से सुनियोजित है तो मैं बहुत आभार प्रकट करना चाहता हूं. मैं बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. हमारी तरफ से प्रभु के चरणों में 151 इंडोनेशियन रुद्राक्ष की माला भेजी जा रही है. ट्रस्ट की तरफ से इसका आदेश मिला है. इसे हम अपनी तरफ से भगवान के चरणों में अर्पित कर रहे हैं. इसके साथ ही मैंने गौमुखी, जिसमें माला रखकर जप होगा भेजा है. वहां पर अनुष्ठान होने वाला है. उस अनुष्ठान में जो जप होंगे उस समय उन गोमुखियों में रुद्राक्ष की माला रखकर जप किया जाएगा.

भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है
भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है

जड़ी-बूटियों से तैयार होगी रामलला के लिए पूजन सामग्री: वे बताते हैं कि, जो ब्राह्मण काशी से अनुष्ठान के लिए अयोध्या में जा रहे हैं वे अनुष्ठान के समय इन मालाओं का प्रयोग जप के लिए करेंगे. ये सभी मालाएं 15 जनवरी को अयोध्या के लिए जाएंगी. बता दें कि 151 मालाएं प्रभु श्रीराम के दरबार में भेजी जाएंगी. जप-अनुष्ठान में इनका प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही पंचमेवे और जड़ीबूटियों का ऑर्डर काशी की सबसे बड़ी मंडी गोला दीनानाथ के व्यापारी को मिला है. लगभग 60 किलो पंचमेवा और जड़ीबूटियों का ऑर्डर आया है. इसका प्रयोग भी रामलला के पूजन में किया जाएगा. जड़ीबूटियों से पूजन सामग्री पूर्ण होगी तो वहीं पंचमेवे से रामलला को भोग लगाया जाएगा. काशी के कारोबारियों में भी खुशी है कि उन्हें प्रभु श्रीराम की सेवा का मौका मिला है.

काशी से रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं
काशी से रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं

काशी से अयोध्या के लिए भेजे जा रहे कई उत्पाद: वहीं अलग-अलग उत्पादों के लिए भी अयोध्या से ऑर्डर मिले हैं. इसमें मेटल क्राफ्ट के उत्पाद भी शामिल हैं. मेटल क्राफ्ट में 50 लाख से अधिक के ऑर्डर मिले हैं. लकड़ी के राम दरबार के सवा लाख ऑर्डर पूरे किए जा चुके हैं. अभी एक लाख ऑर्डर और मिले हैं. वाराणसी से अयोध्या में वस्त्र, आभूषण और बर्तन आदि भेजे जाते थे. इस बार भी लकड़ी का श्रीराम दरबार, बनारसी दुपट्टा, रामनामी, स्टोन क्राफ्ट, जाली वर्क, जरदोजी, व़ॉल हैंगिंग सहित कई उत्पाद भारी मात्रा में वाराणसी से अयोध्या में मंगाए जा रहे हैं. काशी में तैयार पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कश, छत्र, चंवर, पूजा डोलची के ऑर्डर भी अयोध्या भेजे जा रहे हैं.

जड़ी बूटी और पंचमेवे का लगेगा भोग:

  • अयोध्या के लिए काशी से कई उपहार भेजे जा रहे हैं, जिसके ऑर्डर मिल रहे हैं.
  • काशी से मेवा-मसाले और जड़ीबूटियों के 60 किलो के ऑर्डर भेजे गए हैं.
  • अयोध्या में जप के लिए काशी से 151 रुद्राक्ष की मालाएं भेजी जा रही हैं.
  • रुद्राक्ष की मालाओं के साथ गोमुखी भी काशी से ही भेजे जा रहे हैं.
  • पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कश, छत्र आदि भी भेजे गए हैं.


ये भी पढ़ें- ढांचा गिराने में शामिल रहा ये मुस्लिम 'रामभक्त', अक्षत निमंत्रण मिला, करेंगे रामलला के दर्शन

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अनुष्ठान में इंडोनेशिया के रुद्राक्ष इस्तेमाल होंगे

वाराणसी: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha in Ayodhya) का उल्लास पूरे देश में नजर आ रहा है. देश का हर कोना इसका गवाह बन रहा है. यही वजह है कि देश के अलग-अलग हिस्से से प्रभु श्रीराम के लिए अलग-अलग उपहार और अलग-अलग सामग्रियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. जो प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के समय पूजन में उपयोग में लाई जाएंगी. ऐसे में अगर बात महादेव की नगरी काशी की कर लें तो काशी और अवध का रिश्ता ही अलग है. लगातार काशी से भी रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं. इसी क्रम में इंडोनेशिया के रुद्राक्ष (Ramlala ritual will be performed with Rudraksh from Indonesia) से रामलला के दरबार में जहां जप और अनुष्ठान होगा तो वहीं काशी के पंचमेवे और जड़ीबूटियों का प्रभु श्रीराम को भोग लगाया जाएगा.

इंडोनेशिया के रुद्राक्ष अनुष्ठान में होंगे इस्तेमाल
इंडोनेशिया के रुद्राक्ष अनुष्ठान में होंगे इस्तेमाल

जनवरी की 22 तारीख का इंतजार देश के हर एक नागरिक को है. इस दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है. इसको लेकर सरकार की तरफ से भव्य आयोजन किया जा रहा है. देशभर से हजारों साधु-संत इस आयोजन में पहुंच रहे हैं. वहीं काशी के ब्राह्मणों को रामलला की पूजा-अर्चना के लिए बुलाया गया है. ऐसे में काशी के लोगों के लिए यह गौरव का पल है. वहीं काशी के कारोबारियों में भी इस बात की खुशी है कि उन्हें रामलला के लिए उपहार भेजने का मौका मिला है. इंडोनेशिया के रुद्राक्ष और गोमुखी का प्रयोग प्रभु श्रीराम के जप और अनुष्ठान में किया जाएगा. काशी के कारोबारी के पास इसका ऑर्डर आया है. मेवे-मसाले और जड़ीबूटियां भी अयोध्या जा रही हैं.

काशी की जड़ी बूटी से लगेगा भोग
काशी की जड़ी बूटी से लगेगा भोग

60 किलो मेवे-मसाले का ऑर्डर अयोध्या से मिला: कारोबारी बताते हैं, 'हमारे यहां से ड्राई फ्रूट्स, जड़ीबूटियां और मसाले गए हैं. ड्राई फ्रूट्स में काजू, बादाम, किसमिस, मखाने, गरी के गोले आदि गए हैं. सब मिलाकर करीब 60 किलो का ऑर्डर गया है. इसे भेज दिया गया है. ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम लोगों को भगवान की सेवा करने का अवसर मिला है. और भी काफी सामान यहां से गए हैं. उनमें रुद्राक्ष की माला, पीतल के सामान रामलला के लिए अयोध्या भेजे गए हैं. यह पूर्वांचल की बड़ी और काफी पुरानी मंडी है. हमारे पिताजी 1970 से यहां पर हैं. इस मंडी में किराना, ड्राई फ्रूट्स और जड़ी बूटियां मिलती हैं.'

काशी के पंचमेवे का लगेगा भोग
काशी के पंचमेवे का लगेगा भोग

जप के लिए भेजी जा रहीं 151 रुद्राक्ष की मालाएं: कारोबारी अभिषेक बताते हैं, 'पूरे देशभर में लाखों दुकानें हैं. मगर इसके लिए मेरा चयन हुआ है. प्रभु ने मुझे चुना है. ये सेवा मेरी तरफ से सुनियोजित है तो मैं बहुत आभार प्रकट करना चाहता हूं. मैं बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. हमारी तरफ से प्रभु के चरणों में 151 इंडोनेशियन रुद्राक्ष की माला भेजी जा रही है. ट्रस्ट की तरफ से इसका आदेश मिला है. इसे हम अपनी तरफ से भगवान के चरणों में अर्पित कर रहे हैं. इसके साथ ही मैंने गौमुखी, जिसमें माला रखकर जप होगा भेजा है. वहां पर अनुष्ठान होने वाला है. उस अनुष्ठान में जो जप होंगे उस समय उन गोमुखियों में रुद्राक्ष की माला रखकर जप किया जाएगा.

भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है
भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके मंदिर में की जानी है

जड़ी-बूटियों से तैयार होगी रामलला के लिए पूजन सामग्री: वे बताते हैं कि, जो ब्राह्मण काशी से अनुष्ठान के लिए अयोध्या में जा रहे हैं वे अनुष्ठान के समय इन मालाओं का प्रयोग जप के लिए करेंगे. ये सभी मालाएं 15 जनवरी को अयोध्या के लिए जाएंगी. बता दें कि 151 मालाएं प्रभु श्रीराम के दरबार में भेजी जाएंगी. जप-अनुष्ठान में इनका प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही पंचमेवे और जड़ीबूटियों का ऑर्डर काशी की सबसे बड़ी मंडी गोला दीनानाथ के व्यापारी को मिला है. लगभग 60 किलो पंचमेवा और जड़ीबूटियों का ऑर्डर आया है. इसका प्रयोग भी रामलला के पूजन में किया जाएगा. जड़ीबूटियों से पूजन सामग्री पूर्ण होगी तो वहीं पंचमेवे से रामलला को भोग लगाया जाएगा. काशी के कारोबारियों में भी खुशी है कि उन्हें प्रभु श्रीराम की सेवा का मौका मिला है.

काशी से रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं
काशी से रामलला की पूजा के लिए सामान जा रहे हैं

काशी से अयोध्या के लिए भेजे जा रहे कई उत्पाद: वहीं अलग-अलग उत्पादों के लिए भी अयोध्या से ऑर्डर मिले हैं. इसमें मेटल क्राफ्ट के उत्पाद भी शामिल हैं. मेटल क्राफ्ट में 50 लाख से अधिक के ऑर्डर मिले हैं. लकड़ी के राम दरबार के सवा लाख ऑर्डर पूरे किए जा चुके हैं. अभी एक लाख ऑर्डर और मिले हैं. वाराणसी से अयोध्या में वस्त्र, आभूषण और बर्तन आदि भेजे जाते थे. इस बार भी लकड़ी का श्रीराम दरबार, बनारसी दुपट्टा, रामनामी, स्टोन क्राफ्ट, जाली वर्क, जरदोजी, व़ॉल हैंगिंग सहित कई उत्पाद भारी मात्रा में वाराणसी से अयोध्या में मंगाए जा रहे हैं. काशी में तैयार पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कश, छत्र, चंवर, पूजा डोलची के ऑर्डर भी अयोध्या भेजे जा रहे हैं.

जड़ी बूटी और पंचमेवे का लगेगा भोग:

  • अयोध्या के लिए काशी से कई उपहार भेजे जा रहे हैं, जिसके ऑर्डर मिल रहे हैं.
  • काशी से मेवा-मसाले और जड़ीबूटियों के 60 किलो के ऑर्डर भेजे गए हैं.
  • अयोध्या में जप के लिए काशी से 151 रुद्राक्ष की मालाएं भेजी जा रही हैं.
  • रुद्राक्ष की मालाओं के साथ गोमुखी भी काशी से ही भेजे जा रहे हैं.
  • पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कश, छत्र आदि भी भेजे गए हैं.


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Last Updated : Jan 5, 2024, 4:03 PM IST
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