वाराणसी: रामचरितमानस पर उठ रहे सवाल को यूपी सरकार रामायण कॉन्क्लेव से दूर करेगी. जी हां वाराणसी में दो दिवसीय रामायण कॉन्क्लेव आयोजित की जा रहा है, जिसमें हजारों छात्रों के साथ कथावाचक और बुद्धजीवी भी शामिल होंगे. यह कॉन्क्लेव 3 और 4 फरवरी को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय प्रांगण में आयोजित होगी. इस कॉन्क्लेव में श्री राम के आदर्श को रामायण के जरिये छात्रों और युवाओं के सामने रखा जाएगा. इस रामायण कॉन्क्लेव में अलग-अलग कार्यक्रम के जरिये रामायण की खूबियां बताई जाएंगी. जिसमे रामायण के काव्य पाठ, चित्रकला, संगोष्टि और भजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.
रामायण के जरिये राम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाएगी यूपी सरकार
इस बारे में क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी सुभाष यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम के संगोष्ठी में अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक श्री हनुमत निवास पीठाधीश्वर महन्त मिथिलेश नंदनीशरण जी महाराज शामिल होंगे. इसके साथ ही अलग-अलग बुद्धजीवी और राम पर शोध करने वाले प्रोफेसर और शोध छात्र भी मौजुद रहेंगे. उन्होंने बताया कि, दो दिवसीय इस कार्यक्रम में लोक चेतना में श्री राम, रामायण गान, क्विज प्रतियोगिता, रामायण आधारित चित्रकला, काशी की रामलीला के साथ ही श्री राम पर आधारित भजन और नृत्य नाटिकाएं की जाएंगी. जिससे सहजता के साथ लोगो तक राम के व्यवहार और आदर्शो को पहुंचाया जा सके.
18 शहरों में अयोजित होगा ये कॉन्क्लेव
सुभाष यादव ने बताया कि इस रामायण कॉन्क्लेव की शुरुआत 1 वर्ष पूर्व की गई थी. जहां 18 शहरों में राम की सहजता उनके व्यवहारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था. इसी क्रम में इस बार फिर से रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत बीते दिन चित्रकूट में हुई है. अब वाराणसी में इसका आयोजन होने जा रहा है. इस आयोजन की भव्यता में कई दिग्गज हस्तियां भी शामिल होंगी.
रामसेतु का काम करेगा रामायण कॉन्क्लेव
गौरतलब है कि बीते दिनों से लगातार बिहार से लेकर के उत्तर प्रदेश में अलग-अलग राजनीतिक दल व्यक्तियों के द्वारा रामचरितमानस को लेकर के विवादित टिप्पणी की गई. इसके बाद यह मामला काफी ज्यादा बढ़ गया. इस मामले पर कई साधु-संतों ने अपनी राय भी प्रकट की और कईयों ने इस विवाद को दूर करने का प्रयास भी किया. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने रामायण कॉन्क्लेव का अनोखा तरीका निकाला है. जो न सिर्फ युवाओं के मन में चल रहे तमाम प्रश्नों का हल करेगा,बल्कि राम के आदर्शों को भी उन तक पहुंचाने में रामसेतु का कार्य करेगा.
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