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चंपत राय के बयान पर आचार्य रामनरेशाचार्य नाराज, बोले- प्रधान पीठ को नहीं दिया आमंत्रण, राम सबके हैं - रामलला प्राण प्रतिष्ठा

हाल ही में श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर (Ram mandir 2024) को रामानंदाचार्य संप्रदाय का बताकर बहस छेड़ दी है. वहीं इस संप्रदाय की प्रधान पीठ को प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित तक नहीं किया गया.

आचार्य रामनरेशाचार्य ने चंपत राय के बयान पर जताई नाराजगी.
आचार्य रामनरेशाचार्य ने चंपत राय के बयान पर जताई नाराजगी.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 7:39 AM IST

आचार्य रामनरेशाचार्य ने चंपत राय के बयान पर जताई नाराजगी.

वाराणसी : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसी के साथ राम मंदिर का शुभारंभ भी हो जाएगा. आयोजन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं. इस बीच दो दिन पहले श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर को रामानंद संप्रदाय का बता दिया. उन्होंने इसे शैव और संन्यासियों का नहीं बताया. इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर चंपत राय राम के नाम पर सनातन धर्म को बांटने का प्रयास क्यों कर रहे हैं. हर कोई इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश कर रहा है. ईटीवी भारत ने वाराणसी में रामानंदाचार्य संप्रदाय के प्रधान और मुख्य आचार्य पीठ श्रीमठ पंचगंगा घाट पर पहुंच कर जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज से बातचीत की. उन्होंने चंपत राय के इस बयान को बिल्कुल गलत बताया. उन्होंने राम मंदिर स्थापना समारोह में पीठ को निमंत्रण न दिए जाने की भी बात भी बताई.

पूरे मामले में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने खुलकर अपनी बात रखी. कहा कि श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय राममंदिर को जिस संप्रदाय का मंदिर बता रहे हैं, उस संप्रदाय के प्रधान पीठ होने के बाद भी हमें आमंत्रण नहीं दिया गया. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें किसी तरह का कोई आमंत्रण अब तक नहीं मिला है. अब मिलने का कोई मतलब भी नहीं है, क्योंकि मैं कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जा रहा हूं. उन्होंने कहा मुझे दर्शन करना होगा तो प्रभु श्री राम का दर्शन मैं बाद में जाकर कर लूंगा. एक अलग से आयोजन भी करूंगा और उनका श्रृंगार भी करवाऊंगा लेकिन मैं अब इस आयोजन में शामिल नहीं हो पाऊंगा. अगर मुझे आमंत्रण आता है फिर भी अब मैं नहीं जाऊंगा. उन्होंने बताया कि किसी के माध्यम से मुझ तक यह जानकारी पहुंचाई गई थी कि मुझे वहां जाना है. मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वहां पर कार्यक्रम कब से शुरू हो रहा है, कब स्थापना है और कब पूजा शुरू होगी. मैं तो दूसरों से पूछ रहा हूं. राम मंदिर का कार्यक्रम कब है.

पीठ को नहीं मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण.
पीठ को नहीं मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण.

संप्रदाय को आयोजन से रखा गया दूर : जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि किसी ने बताया है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. अच्छी बात है इतने लंबे संघर्ष के बाद भगवान राम स्थापित हो रहे हैं. बहुत अच्छी बात है लेकिन काशी से अयोध्या तक रामानंदाचार्य संप्रदाय के बहुत से मठ हैं और उनकी उपस्थिति के लिए पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ प्रधान पीठ के रूप में स्थापित है. उन्होंने बताया कि रामानंदाचार्य साक्षात प्रभु श्रीराम का अवतार थे. उन्होंने अपने जीवन काल के प्रमुख समय को काशी में ही बिताया और इसी स्थान पर रहे. उनके शिष्यों में संत कबीर संत शिरोमणि रविदास जैसे नाम शामिल रहे हैं. उन्होंने कभी भी किसी में भेदभाव नहीं किया तो फिर हमारे संप्रदाय के इस आयोजन से हमको दूर क्यों किया जा रहा है.

लोगों को बांटने का काम न करें चंपत राय : उन्होंने विशेष बातचीत में यह स्पष्ट रूप से कहा कि मैं तो यह भी नहीं जानता की राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव हैं कौन?. उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि यह स्पष्ट तौर पर पहले से ही लिखा हुआ है कि जब भी राम मंदिर का निर्माण हो और ट्रस्ट का गठन किया जाए तो इसका अध्यक्ष रामानंदाचार्य संप्रदाय का प्रमुख आचार्य ही होगा जो कि वर्तमान में मैं हूं. उन्होंने कहा मेरी कोई इच्छा न कभी थी न अब है, न कभी रहेगी लेकिन मुझे हमेशा से ही नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि चंपत राय लोगों को बांटने का काम न करें, वह जिस पद पर बैठे हैं उन्हें उस पद से हर किसी को जोड़ना चाहिए. राम सभी के हैं. शिव की नगरी या शैव संप्रदाय या वैष्णव संप्रदाय के लोग राम के उतने ही हैं जितने शिव के हैं, क्योंकि भगवान शिव अपना आराध्य प्रभु राम को मानते हैं. प्रभु राम अपना आराध्य भगवान शिव को मानते हैं. भगवान शिव ने अनंत काल तक भगवान राम की उपासना करने के बाद उनसे मुक्ति का अधिकार पाते हुए तारक मंत्र राम हासिल किया और उसी से वह काशी में हर जीव को मोक्ष प्रदान करते हैं. जब श्री राम और भगवान शंकर मोक्ष देने के लिए इंसान जीव या किसी में किसी तरह का अंतर नहीं करते तो भगवान राम के भव्य मंदिर को लेकर इस तरह की बात करना उचित नहीं है.

यह भी पढ़ें : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को खास बनाने के लिए चंपत राय ने दुनिया भर के रामभक्तों से की ये अनोखी अपील

आचार्य रामनरेशाचार्य ने चंपत राय के बयान पर जताई नाराजगी.

वाराणसी : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसी के साथ राम मंदिर का शुभारंभ भी हो जाएगा. आयोजन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं. इस बीच दो दिन पहले श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर को रामानंद संप्रदाय का बता दिया. उन्होंने इसे शैव और संन्यासियों का नहीं बताया. इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर चंपत राय राम के नाम पर सनातन धर्म को बांटने का प्रयास क्यों कर रहे हैं. हर कोई इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश कर रहा है. ईटीवी भारत ने वाराणसी में रामानंदाचार्य संप्रदाय के प्रधान और मुख्य आचार्य पीठ श्रीमठ पंचगंगा घाट पर पहुंच कर जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज से बातचीत की. उन्होंने चंपत राय के इस बयान को बिल्कुल गलत बताया. उन्होंने राम मंदिर स्थापना समारोह में पीठ को निमंत्रण न दिए जाने की भी बात भी बताई.

पूरे मामले में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने खुलकर अपनी बात रखी. कहा कि श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय राममंदिर को जिस संप्रदाय का मंदिर बता रहे हैं, उस संप्रदाय के प्रधान पीठ होने के बाद भी हमें आमंत्रण नहीं दिया गया. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें किसी तरह का कोई आमंत्रण अब तक नहीं मिला है. अब मिलने का कोई मतलब भी नहीं है, क्योंकि मैं कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जा रहा हूं. उन्होंने कहा मुझे दर्शन करना होगा तो प्रभु श्री राम का दर्शन मैं बाद में जाकर कर लूंगा. एक अलग से आयोजन भी करूंगा और उनका श्रृंगार भी करवाऊंगा लेकिन मैं अब इस आयोजन में शामिल नहीं हो पाऊंगा. अगर मुझे आमंत्रण आता है फिर भी अब मैं नहीं जाऊंगा. उन्होंने बताया कि किसी के माध्यम से मुझ तक यह जानकारी पहुंचाई गई थी कि मुझे वहां जाना है. मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वहां पर कार्यक्रम कब से शुरू हो रहा है, कब स्थापना है और कब पूजा शुरू होगी. मैं तो दूसरों से पूछ रहा हूं. राम मंदिर का कार्यक्रम कब है.

पीठ को नहीं मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण.
पीठ को नहीं मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण.

संप्रदाय को आयोजन से रखा गया दूर : जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि किसी ने बताया है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. अच्छी बात है इतने लंबे संघर्ष के बाद भगवान राम स्थापित हो रहे हैं. बहुत अच्छी बात है लेकिन काशी से अयोध्या तक रामानंदाचार्य संप्रदाय के बहुत से मठ हैं और उनकी उपस्थिति के लिए पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ प्रधान पीठ के रूप में स्थापित है. उन्होंने बताया कि रामानंदाचार्य साक्षात प्रभु श्रीराम का अवतार थे. उन्होंने अपने जीवन काल के प्रमुख समय को काशी में ही बिताया और इसी स्थान पर रहे. उनके शिष्यों में संत कबीर संत शिरोमणि रविदास जैसे नाम शामिल रहे हैं. उन्होंने कभी भी किसी में भेदभाव नहीं किया तो फिर हमारे संप्रदाय के इस आयोजन से हमको दूर क्यों किया जा रहा है.

लोगों को बांटने का काम न करें चंपत राय : उन्होंने विशेष बातचीत में यह स्पष्ट रूप से कहा कि मैं तो यह भी नहीं जानता की राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव हैं कौन?. उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि यह स्पष्ट तौर पर पहले से ही लिखा हुआ है कि जब भी राम मंदिर का निर्माण हो और ट्रस्ट का गठन किया जाए तो इसका अध्यक्ष रामानंदाचार्य संप्रदाय का प्रमुख आचार्य ही होगा जो कि वर्तमान में मैं हूं. उन्होंने कहा मेरी कोई इच्छा न कभी थी न अब है, न कभी रहेगी लेकिन मुझे हमेशा से ही नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि चंपत राय लोगों को बांटने का काम न करें, वह जिस पद पर बैठे हैं उन्हें उस पद से हर किसी को जोड़ना चाहिए. राम सभी के हैं. शिव की नगरी या शैव संप्रदाय या वैष्णव संप्रदाय के लोग राम के उतने ही हैं जितने शिव के हैं, क्योंकि भगवान शिव अपना आराध्य प्रभु राम को मानते हैं. प्रभु राम अपना आराध्य भगवान शिव को मानते हैं. भगवान शिव ने अनंत काल तक भगवान राम की उपासना करने के बाद उनसे मुक्ति का अधिकार पाते हुए तारक मंत्र राम हासिल किया और उसी से वह काशी में हर जीव को मोक्ष प्रदान करते हैं. जब श्री राम और भगवान शंकर मोक्ष देने के लिए इंसान जीव या किसी में किसी तरह का अंतर नहीं करते तो भगवान राम के भव्य मंदिर को लेकर इस तरह की बात करना उचित नहीं है.

यह भी पढ़ें : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को खास बनाने के लिए चंपत राय ने दुनिया भर के रामभक्तों से की ये अनोखी अपील

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