वाराणसी: जिले में बहुत जल्द पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना होने जा रही है. इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पहल करते हुए पंचायती राज व्यवस्था के तहत लाइब्रेरी की स्थापना का प्रस्ताव डीएम को दिया है. बनारस के हर ब्लाक, गांव सहित शहर में जनता पुस्तकालय की स्थापना होगी. देश में तमाम पुस्तकालयों को म्यूजियम की तरह चलाने वाले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पहल करते हुए पंचायती राज व्यवस्था के तहत पहली बार लाइब्रेरी की स्थापना का प्रस्ताव डीएम कौशल राज शर्मा को दिया है. वही बनारस को इस पहल से अपनी साहित्यिक विरासत को सहेजने में भी मदद मिलेगी.
पुस्तकालय में मिलेगी यह पुस्तकें
त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत पब्लिक लाइब्रेरी में साहित्य व संस्कृति के साथ-साथ खेती किसानी सहित प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध होंगी. इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति का अब इंतजार है. राज्य सरकार से हरी झंडी मिली तो संस्कृति मंत्रालय व राज्य सरकार द्वारा 60:40 वित्तीय सहायता के अनुपात में लाइब्रेरी का संचालन होगा.
पहले खुलेंगे ग्रामीण पुस्तकालय
संस्कृति मंत्रालय के तहत देश की करीब 40 हजार लाइब्रेरी संचालित करने वाले प्रोफेसर एपी सिंह ने बताया है कि पहले चरण में ग्रामीण पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे. जिसमें साहित्य-संस्कृति, खेती- किसानी व एकदिवसीय परीक्षा देने वाले युवाओं के लिए किताबों का बेहतर संग्रह मौजूद होगा. वही दूसरे चरण में ब्लॉक और तीसरे चरण में जिला पुस्तकालय के अधीन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रांच पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे.
जनसंख्या घनत्व के आधार पर किया जाएगा निर्धारण
प्रोफेसर एपी सिंह ने बताया है कि ग्रामीण पुस्तकालयों का निर्धारण जनसंख्या के घनत्व के आधार पर किया जाएगा. वही किसी विद्यालय को पुस्तकालय का स्वरूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. हरी झंडी मिलते ही अगले वर्ष तक बनारस में पुस्तकालय स्थापना शुरू कर दी जाएगी.