वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नियुक्तियों को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों में धांधली का आरोप अभ्यर्थी लगातार लगा रहे हैं. इसी क्रम में एक नया मामला सामने आया है. सर सुंदरलाल अस्पताल में स्थायी चिकित्सा अधीक्षक की नियुक्ति को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है.
अस्पताल के पूर्व एमएस प्रो. ओपी उपाध्याय ने नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए, इसकी शिकायत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को ईमेल और ट्विटर के माध्यम से दी है और एक कॉपी ईसी मेंबर, कुलपति, कुलगुरु, कुलसचिव को भी दी है. इन आरोपों से विश्वविद्यालय का माहौल फिर से गरमा गया है. सूत्रों के मुताबिक, अगर सर सुंदरलाल चिकित्सालय के एमएस की नियुक्ति को लेकर मचे घमासान पर जल्द ही निर्णय नहीं आया तो आने वाले दिनों में कर्मचारी और शिक्षक आंदोलन भी कर सकते हैं.
नियुक्ति के लिए चाहिए 10 साल का अनुभव
प्रोफेसर ओम प्रकाश उपाध्याय ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि एमएस की नियुक्ति के लिए 10 साल का प्रशासनिक अनुभव चाहिए, लेकिन कुलपति किसी विशेष व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए रेक्टर के आपत्ति दर्ज करने के बावजूद भी गलत माध्यमों से एमएस की नियुक्ति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल की छवि धूमिल होगी. विश्वविद्यालय के अस्पताल में भारी भ्रष्टाचार फैला हुआ है. कुलपति के संज्ञान में सबकुछ होने के बाद भी वे नियमों की अनदेखी करते हुए चिकित्सा अधीक्षक की नियुक्ति में भारी धांधली कर रहे हैं. इसकी लिखित शिकायत मैंने देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को सौंप दी है.