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विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष बने प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय, पंडित प्रसाद समेत इन 5 सदस्यों को मिली जगह

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Published : Dec 9, 2021, 8:52 AM IST

13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य लोकार्पण. 2019 से रिक्त चल रहे श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए ज्योतिष एवं संस्कृत साहित्य के विद्वान प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय. प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, पंडित प्रसाद दीक्षित, बृजभूषण ओझा, दीपक मालवीय और वेंकट रमण घनपाठी को श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद में किया गया शामिल.

ज्योतिष एवं संस्कृत साहित्य के विद्वान प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय
ज्योतिष एवं संस्कृत साहित्य के विद्वान प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय

वाराणसी: 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण से पहले 2019 से रिक्त चल रहे श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद अध्यक्ष पद को एक बार फिर से भर दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार व विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से ज्योतिष एवं संस्कृत साहित्य के विद्वान प्रोफेसर नागेंद्र पांडे को न्यास परिषद का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं पांच सदस्यों को भी नामित किया गया है. जिनमें प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, पंडित प्रसाद दीक्षित, बृजभूषण ओझा, दीपक मालवीय और वेंकट रमण घनपाठी शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- अनोखी बॉक्सिंग एकेडमी, यहां घाट पर तैयार होती है बॉक्सरों की फौज


दिसंबर 2019 से ही अध्यक्ष पद खाली चल रहा था. ऐसे में अध्यक्ष का पद भरे जाने के बाद न्यास परिषद की तरफ से लिए जाने वाले फैसलों पर भी अब तेजी आ सकती है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिहाज से उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से 1983 में विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहण के बाद श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद का गठन किया गया था. प्रशासन के साथ न्यास परिषद की बैठक में हर साल कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते रहे हैं.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
इसमें अध्यक्ष के साथ कर्मकांड और ज्योतिष से जुड़े पांच विद्वानों को सदस्य के रूप में नामित किया जाता है. इसके अतिरिक्त श्रृंगेरी के शंकराचार्य, कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रमुख सचिव धर्मार्थ संस्कृति एवं वित्त प्रदेश के कानून एवं विधि परामर्शी, जिलाधिकारी, कमिश्नर वाराणसी मंडल समेत विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बेस न्यास परिषद में शामिल होते हैं.

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वाराणसी: 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण से पहले 2019 से रिक्त चल रहे श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद अध्यक्ष पद को एक बार फिर से भर दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार व विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से ज्योतिष एवं संस्कृत साहित्य के विद्वान प्रोफेसर नागेंद्र पांडे को न्यास परिषद का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं पांच सदस्यों को भी नामित किया गया है. जिनमें प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, पंडित प्रसाद दीक्षित, बृजभूषण ओझा, दीपक मालवीय और वेंकट रमण घनपाठी शामिल हैं.

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दिसंबर 2019 से ही अध्यक्ष पद खाली चल रहा था. ऐसे में अध्यक्ष का पद भरे जाने के बाद न्यास परिषद की तरफ से लिए जाने वाले फैसलों पर भी अब तेजी आ सकती है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिहाज से उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से 1983 में विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहण के बाद श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद का गठन किया गया था. प्रशासन के साथ न्यास परिषद की बैठक में हर साल कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते रहे हैं.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
इसमें अध्यक्ष के साथ कर्मकांड और ज्योतिष से जुड़े पांच विद्वानों को सदस्य के रूप में नामित किया जाता है. इसके अतिरिक्त श्रृंगेरी के शंकराचार्य, कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रमुख सचिव धर्मार्थ संस्कृति एवं वित्त प्रदेश के कानून एवं विधि परामर्शी, जिलाधिकारी, कमिश्नर वाराणसी मंडल समेत विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बेस न्यास परिषद में शामिल होते हैं.

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